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शिमला ! सरकारी विभागों का जो पैसा खर्च नहीं हो पाता है, उस पर 31 मार्च को लैप्स होने का संकट टल गया है। इन विभागों का जो बजट इस तरह से लैप्स होने जा रहा है, उसकी जगह पर सरकार अप्रैल महीने में इनको ऑडिशनल ग्रांट जारी करेगी। एक तरह से यह पैसा महकमों को मिल जाएगा और उनके द्वारा जो काम मौजूदा वित्त वर्ष में किए जाने हैं, वे जारी रहेंगे। इसे लेकर वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं, क्योंकि सरकारी दफ्तर बंद हैं और कोरोना की महामारी के कारण अभी 31 मार्च तक दफ्तर बंद ही रहेंगे, तो ऐसे में जो काम वित्त वर्ष के आखिर में प्रस्तावित थे, वे नहीं हो पाएंगे। कई काम ऐसे रहते हैं, जिनको पूरा करने के लिए मार्च महीने में तेजी के साथ मुहिम चलती है, ताकि तय बजट लैप्स न हो जाए। बजट को लैप्स होने से बचाने के लिए विभाग तेजी से काम करते हैं। बावजूद इसके कुछ पैसा रह ही जाता है, वह लैप्स होकर सरकार को वापस चला जाता है, जिसका नुकसान विभाग को होता है। ऐसे कई महकमे हैं, जिनका काम आखिरी दौर में रुक गया है और वह काम नहीं कर सकते हैं। इन विभागों को वित विभाग को लिखना होगा और बताना होगा कि इनकी कौन सी योजना किस स्टेज पर रुकी है और उसके लिए तय बजट को अंत में कहां तक खर्च किया जाना था। वित्त विभाग को संतुष्ट करने के साथ ही इन विभागों को ऑडिशनल ग्रांट अप्रैल महीने में जारी कर दी जाएगी। यह वही पैसा होगा, जो कि 31 मार्च को लैप्स होना है। इस तरह का संकट लगभग सभी विभागों के पास है। इस बार कोरोना के कारण काफी ज्यादा दिक्कतें सरकारी अदारे को पेश आ रही हैं, मगर महामारी से छुटकारा पाने के लिए उपाय भी यही है कि सोशल डिस्टेंसिंग जरूर बनाई जाए। इसी कारण से सरकार ने सब कुछ भुलाकर सरकारी दफ्तर भी बंद रखे हैं और प्रदेश में कर्फ्यू चल रहा है। ऐसे हालातों में विभागों को भी राहत दी गई है, ताकि उनकी योजनाओं का पैसा यूं ही लैप्स न हो जाए। वैसे आगामी वित्त वर्ष का बजट तो विभागों को अप्रैल महीने में मिलना ही है, मगर चल रही योजनाओं पर पूरा खर्चा करने के लिए पुराना पैसा भी मिल जाएगा। अभी यह भी नहीं बताया जा सकता कि सरकारी विभागों का कितना पैसा लैप्स होना है और इसमें किस-किस विभाग की कौन सी योजना का पैसा शामिल है। बहरहाल इन्हें वित्त विभाग के बजट अनुभाग को अपने प्रस्ताव भेजने होंगे, जो कि पहली अप्रैल के बाद ही भेज पाएंगे। सचिव वित्त की तरफ से ये आदेश जारी कर दिए गए हैं।
शिमला ! सरकारी विभागों का जो पैसा खर्च नहीं हो पाता है, उस पर 31 मार्च को लैप्स होने का संकट टल गया है। इन विभागों का जो बजट इस तरह से लैप्स होने जा रहा है, उसकी जगह पर सरकार अप्रैल महीने में इनको ऑडिशनल ग्रांट जारी करेगी।
एक तरह से यह पैसा महकमों को मिल जाएगा और उनके द्वारा जो काम मौजूदा वित्त वर्ष में किए जाने हैं, वे जारी रहेंगे। इसे लेकर वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं, क्योंकि सरकारी दफ्तर बंद हैं और कोरोना की महामारी के कारण अभी 31 मार्च तक दफ्तर बंद ही रहेंगे, तो ऐसे में जो काम वित्त वर्ष के आखिर में प्रस्तावित थे, वे नहीं हो पाएंगे। कई काम ऐसे रहते हैं, जिनको पूरा करने के लिए मार्च महीने में तेजी के साथ मुहिम चलती है, ताकि तय बजट लैप्स न हो जाए। बजट को लैप्स होने से बचाने के लिए विभाग तेजी से काम करते हैं।
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बावजूद इसके कुछ पैसा रह ही जाता है, वह लैप्स होकर सरकार को वापस चला जाता है, जिसका नुकसान विभाग को होता है। ऐसे कई महकमे हैं, जिनका काम आखिरी दौर में रुक गया है और वह काम नहीं कर सकते हैं। इन विभागों को वित विभाग को लिखना होगा और बताना होगा कि इनकी कौन सी योजना किस स्टेज पर रुकी है और उसके लिए तय बजट को अंत में कहां तक खर्च किया जाना था। वित्त विभाग को संतुष्ट करने के साथ ही इन विभागों को ऑडिशनल ग्रांट अप्रैल महीने में जारी कर दी जाएगी। यह वही पैसा होगा, जो कि 31 मार्च को लैप्स होना है। इस तरह का संकट लगभग सभी विभागों के पास है।
इस बार कोरोना के कारण काफी ज्यादा दिक्कतें सरकारी अदारे को पेश आ रही हैं, मगर महामारी से छुटकारा पाने के लिए उपाय भी यही है कि सोशल डिस्टेंसिंग जरूर बनाई जाए। इसी कारण से सरकार ने सब कुछ भुलाकर सरकारी दफ्तर भी बंद रखे हैं और प्रदेश में कर्फ्यू चल रहा है। ऐसे हालातों में विभागों को भी राहत दी गई है, ताकि उनकी योजनाओं का पैसा यूं ही लैप्स न हो जाए। वैसे आगामी वित्त वर्ष का बजट तो विभागों को अप्रैल महीने में मिलना ही है, मगर चल रही योजनाओं पर पूरा खर्चा करने के लिए पुराना पैसा भी मिल जाएगा।
अभी यह भी नहीं बताया जा सकता कि सरकारी विभागों का कितना पैसा लैप्स होना है और इसमें किस-किस विभाग की कौन सी योजना का पैसा शामिल है। बहरहाल इन्हें वित्त विभाग के बजट अनुभाग को अपने प्रस्ताव भेजने होंगे, जो कि पहली अप्रैल के बाद ही भेज पाएंगे। सचिव वित्त की तरफ से ये आदेश जारी कर दिए गए हैं।
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