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सुंदरनगर ! प्रदेश में जारी कर्फ्यू के बाद सुंदरनगर में पलायन के कारण मजदूरों की बढ़ी हुई संख्या को लेकर प्रशासन ने कड़ा संज्ञान लिया है। इसको लेकर प्रदेश सरकार के दिशानिर्देशानुसार सुंदरनगर प्रशासन द्वारा राहत कैंपों में रहे लगभग 50 मजदूरों को वापिस लौटा दिया गया है। प्रशासन द्वारा सोमवार को अस्थाई कैंपों में रह रहे मजदूरों को एचआरटीसी की बसों में भरकर सुंदरनगर से तरोट,पंडोह,मंडी व कुल्लू के लिए वापिस भेज दिया गया है। प्रशासन द्वारा मजदूरों के साथ बसों में राशन भी मुहैया करवा दिया गया है। बता दें कि प्रदेश में कार्य कर रहे प्रवासी मजदूर कर्फ्यू के बाद बसें आदि बंद होने की स्थिति में पलायन कर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करने के लिए भारी संख्या में निकल पड़े हैं। जिस कारण अभी तक सुंदरनगर में लगभग 50 के करीब प्रवासी मजदूर इक्ट्ठा हो गए थे। मुख्यतः यूपी व बिहार अपने गृहराज्य जाने के लिए सफर पर निकल पड़े थे। वहीं हैरानी की बात यह है कि मंडी व कुल्लू जिला प्रशासन द्वारा अपना पल्ला झाड़कर सुंदरनगर धकेल दिया जा रहा था। वहीं प्रवासी मजदूरों को अपने घर जाने की लगातार जिद कर रहे हैं। मगर हौसला यह है कि हजारों किलोमीटर घर दूर है फिर भी कदम नहीं थम रहे हैं। वहीं सुंदरनगर प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों को वापिस उनके स्थानों के लिए भेज दिया गया है।
सुंदरनगर ! प्रदेश में जारी कर्फ्यू के बाद सुंदरनगर में पलायन के कारण मजदूरों की बढ़ी हुई संख्या को लेकर प्रशासन ने कड़ा संज्ञान लिया है। इसको लेकर प्रदेश सरकार के दिशानिर्देशानुसार सुंदरनगर प्रशासन द्वारा राहत कैंपों में रहे लगभग 50 मजदूरों को वापिस लौटा दिया गया है। प्रशासन द्वारा सोमवार को अस्थाई कैंपों में रह रहे मजदूरों को एचआरटीसी की बसों में भरकर सुंदरनगर से तरोट,पंडोह,मंडी व कुल्लू के लिए वापिस भेज दिया गया है। प्रशासन द्वारा मजदूरों के साथ बसों में राशन भी मुहैया करवा दिया गया है।
बता दें कि प्रदेश में कार्य कर रहे प्रवासी मजदूर कर्फ्यू के बाद बसें आदि बंद होने की स्थिति में पलायन कर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करने के लिए भारी संख्या में निकल पड़े हैं। जिस कारण अभी तक सुंदरनगर में लगभग 50 के करीब प्रवासी मजदूर इक्ट्ठा हो गए थे। मुख्यतः यूपी व बिहार अपने गृहराज्य जाने के लिए सफर पर निकल पड़े थे। वहीं हैरानी की बात यह है कि मंडी व कुल्लू जिला प्रशासन द्वारा अपना पल्ला झाड़कर सुंदरनगर धकेल दिया जा रहा था।
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वहीं प्रवासी मजदूरों को अपने घर जाने की लगातार जिद कर रहे हैं। मगर हौसला यह है कि हजारों किलोमीटर घर दूर है फिर भी कदम नहीं थम रहे हैं। वहीं सुंदरनगर प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों को वापिस उनके स्थानों के लिए भेज दिया गया है।
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