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सुंदरनगर आईटीआई में पढ़ने वाले इस छात्र को बेशक भगवान ने इस दुनिया को देखने के लिए दृष्टि प्रदान नहीं की है। लेकिन इस युवा ने कोरोना वायरस को लेकर संपूर्ण विश्व में पैदा हुए खतरे को लोगों द्वारा गंभीरता से नहीं लेने पर खूब फटकार लगाई है। अशोक ने कहा कि केंद्र, प्रदेश सरकार व पुलिस देशवासियों के भले के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में जारी लॉकडाउन हम सब की भलाई के लिए है। अशोक ने कहा कि लोगों द्वारा बहाने बनाकर बिना किसी कारण इसकी उल्लघंना करना सरासर गलत है। उन्होंने लोगों से इस लॉकडाउन को सफल बनाने और कोरोना वायरस के कुचक्र को तोड़ने का आह्वान किया है। बता दें कि जिला मंडी के सुंदरनगर स्थित आईटीआई में पढ़ने वाले एक 20 वर्षीय दिव्यांग युवक जब अपनी प्रतिभा दिखाना शुरू करता है तो बड़े से बड़े कलाकार को पीछे छोड़ जाता है। मूलत प्रदेश के बिलासपुर जिला की तहसील झंडूता के झबोला गांव से सबंध रखने वाले इस दिव्यांग युवक को बचपन से ही माता-पिता का प्यार नहीं मिला है। अशोक कुमार और उसकी बड़ी बहन बचपन से ही देख नहीं सकते हैं। अशोक कुमार ने अपनी जमा दो तक की शिक्षा शिमला के ढली में विशेष बच्चों के स्कूल में पूरी करने के बाद सुंदरनगर स्थित सरकारी आईटीआई में दाखिला लिया। अशोक कुमार बचपन से पढाई के साथ-साथ रेडियो पर कलाकारों की अवाजें सुन उनकी हुबहू नकल निकालने में निपुणता हासिल कर ली। लेकिन आज अशोक कुमार के पास इतनी प्रतिभा है कि वह किसी भी कलाकार की आवाज निकाल सकता है। अशोक की इस प्रतिभा का खुलासा उस समय हुआ जब इस वर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस के अवसर पर आईटीआई में एक छोटा सा समारोह आयोजित किया गया था। वहीं अशोक कुमार ने एक डायलॉग बोलकर सब को अचंभे में डाल दिया और अशोक के डायलॉग सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। चारों तरफ अशोक कुमार के डायलॉग ने खूब वाहवाही लूटी।
सुंदरनगर आईटीआई में पढ़ने वाले इस छात्र को बेशक भगवान ने इस दुनिया को देखने के लिए दृष्टि प्रदान नहीं की है। लेकिन इस युवा ने कोरोना वायरस को लेकर संपूर्ण विश्व में पैदा हुए खतरे को लोगों द्वारा गंभीरता से नहीं लेने पर खूब फटकार लगाई है। अशोक ने कहा कि केंद्र, प्रदेश सरकार व पुलिस देशवासियों के भले के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में जारी लॉकडाउन हम सब की भलाई के लिए है। अशोक ने कहा कि लोगों द्वारा बहाने बनाकर बिना किसी कारण इसकी उल्लघंना करना सरासर गलत है। उन्होंने लोगों से इस लॉकडाउन को सफल बनाने और कोरोना वायरस के कुचक्र को तोड़ने का आह्वान किया है।
बता दें कि जिला मंडी के सुंदरनगर स्थित आईटीआई में पढ़ने वाले एक 20 वर्षीय दिव्यांग युवक जब अपनी प्रतिभा दिखाना शुरू करता है तो बड़े से बड़े कलाकार को पीछे छोड़ जाता है। मूलत प्रदेश के बिलासपुर जिला की तहसील झंडूता के झबोला गांव से सबंध रखने वाले इस दिव्यांग युवक को बचपन से ही माता-पिता का प्यार नहीं मिला है। अशोक कुमार और उसकी बड़ी बहन बचपन से ही देख नहीं सकते हैं। अशोक कुमार ने अपनी जमा दो तक की शिक्षा शिमला के ढली में विशेष बच्चों के स्कूल में पूरी करने के बाद सुंदरनगर स्थित सरकारी आईटीआई में दाखिला लिया। अशोक कुमार बचपन से पढाई के साथ-साथ रेडियो पर कलाकारों की अवाजें सुन उनकी हुबहू नकल निकालने में निपुणता हासिल कर ली।
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लेकिन आज अशोक कुमार के पास इतनी प्रतिभा है कि वह किसी भी कलाकार की आवाज निकाल सकता है। अशोक की इस प्रतिभा का खुलासा उस समय हुआ जब इस वर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस के अवसर पर आईटीआई में एक छोटा सा समारोह आयोजित किया गया था। वहीं अशोक कुमार ने एक डायलॉग बोलकर सब को अचंभे में डाल दिया और अशोक के डायलॉग सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। चारों तरफ अशोक कुमार के डायलॉग ने खूब वाहवाही लूटी।
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