
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
सुंदरनगर ! सुपर साइक्लोन एम्फन ने एक बार फिर कोलकाता के परिवार के वापसी के कदम रोक दिए हैं। 20 मई को ऊना से चलने वाली स्पेशल ट्रेन में जिला प्रशासन की ओर से प्रबंध किए गए थे। लेकिन बंगाल की खाड़ी में बने सुपर साइक्लोन एम्फन की वजह से कोलकाता के इस परिवार की वापसी की उम्मीद एक बार फिर टूट गई। अब प्रशासन द्वारा इन्हें एम्फन के शांत होने के बाद अगली व्यवस्था तक यहीं पर टिके रहने को कहा गया है। फेंटासी मंडल ने कहा कि दो महीनों की ज्यादा अवधि के बाद 20 मई को ऊना से चलने वाली स्पेशल ट्रेन से वापस घर जा रहे थे। लेकिन सुपर साइक्लोन ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। उन्होंने कहा कि मानव सेवा ट्रस्ट के चेयरमैन केएल बंसल और संस्थापक प्रकाश बंसल के स्वजनों ने उन्हें अपने परिवार के सदस्यों की तरह प्यार दिया है। इतनें दिनों ऐसा नहीं लगा कि किसी अंजान के घर रह रहे हैं। स्वजल मंडल अपनी पत्नी रुपाली मंडल, बेटी फेंटासी मंडल और बेटे आबिर मंडल के साथ 21 मार्च से सुंदरनगर में फंसे हुए हैं। 45 हजार रुपये के टूर पैकेज के साथ वह यहां पहुंंचे थे। कुछ दिनों तक सुंदरनगर के पुंघ स्थित एक होटल में रहे और अब 4 मई से चतरोखड़ी स्थित बंसल परिवार ने उन्हें अपने घर में आसरा दिया है।
सुंदरनगर ! सुपर साइक्लोन एम्फन ने एक बार फिर कोलकाता के परिवार के वापसी के कदम रोक दिए हैं। 20 मई को ऊना से चलने वाली स्पेशल ट्रेन में जिला प्रशासन की ओर से प्रबंध किए गए थे। लेकिन बंगाल की खाड़ी में बने सुपर साइक्लोन एम्फन की वजह से कोलकाता के इस परिवार की वापसी की उम्मीद एक बार फिर टूट गई। अब प्रशासन द्वारा इन्हें एम्फन के शांत होने के बाद अगली व्यवस्था तक यहीं पर टिके रहने को कहा गया है। फेंटासी मंडल ने कहा कि दो महीनों की ज्यादा अवधि के बाद 20 मई को ऊना से चलने वाली स्पेशल ट्रेन से वापस घर जा रहे थे।
लेकिन सुपर साइक्लोन ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। उन्होंने कहा कि मानव सेवा ट्रस्ट के चेयरमैन केएल बंसल और संस्थापक प्रकाश बंसल के स्वजनों ने उन्हें अपने परिवार के सदस्यों की तरह प्यार दिया है। इतनें दिनों ऐसा नहीं लगा कि किसी अंजान के घर रह रहे हैं। स्वजल मंडल अपनी पत्नी रुपाली मंडल, बेटी फेंटासी मंडल और बेटे आबिर मंडल के साथ 21 मार्च से सुंदरनगर में फंसे हुए हैं। 45 हजार रुपये के टूर पैकेज के साथ वह यहां पहुंंचे थे। कुछ दिनों तक सुंदरनगर के पुंघ स्थित एक होटल में रहे और अब 4 मई से चतरोखड़ी स्थित बंसल परिवार ने उन्हें अपने घर में आसरा दिया है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -