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मंडी, 11 सितम्बर [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश मुख्य प्रवक्ता राकेश जमवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का हिमाचल से सरोकार सिर्फ पर्यटन और राजनीति तक सीमित है। जब-जब प्रदेश को सहारे की जरूरत पड़ी, कांग्रेस के नेता यहां पर्यटक बनकर आए। कभी टूरिस्ट बनकर प्रियंका गांधी शिमला के अपने आलीशान बंगले में छुट्टियां मनाती दिखीं, कभी राजनीतिक टूरिस्ट बनकर अलका लाम्बा और कांग्रेस का दिल्ली दरबार चुनावों के वक्त हिमाचल घूमता रहा और महिलाओं को 1500 रुपये की गारंटी का झुनझुना थमा गया। यहां तक कि राज्यसभा की सीट पाने के लिए वकील नेता अभिषेक मनु सिंघवी भी चुनाव लड़ने हिमाचल आए और चले गए। और अब तो कांग्रेस ने नया तमाशा शुरू कर दिया है – “डिज़ास्टर टूरिज़्म”। बाहर से नेता बुलाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कराई जा रही है। ताज़ा उदाहरण कांग्रेस यूथ के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब जो यहां आकर बेतुकी बातें कर रहे हैं, जबकि आपदा की घड़ी में हिमाचल को असल मदद देने वाला सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार रही है। राकेश जमवाल ने कहा कि हिमाचल में आई आपदा अभूतपूर्व रही है। इस कठिन समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल प्रदेश के दर्द को समझते हुए तत्काल 1500 करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया, बल्कि भाजपा शासित राज्यों त्रिपुरा, हरियाणा, असम और उत्तरप्रदेश ने भी 5-5 करोड़ रुपये की राशि हिमाचल आपदा राहत कोष में दी। भाजपा ने राजनीति से ऊपर उठकर मानव धर्म निभाया और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अनगिनत राशन किटें, कपड़े, दवाइयाँ, सेनेटरी पैक, बर्तन और नकद सहायता पहुँचाई। यह असली सेवा भाव है, जबकि कांग्रेस नेता सिर्फ बयानवीर बनकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने तक सीमित हैं। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि कांग्रेस के वे नेता जो आजकल हिमाचल में बड़ी-बड़ी बयानबाज़ी कर रहे हैं, उन्होंने खुद और उनकी पार्टी ने इस आपदा के लिए एक रुपये की मदद तक नहीं दी। भाजपा कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर राहत बाँट रहे थे, जबकि कांग्रेस के नेता कैमरे खोजते घूम रहे थे। यही फर्क है सेवा और सियासत में। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की संवेदनशीलता का हाल यह है कि मुख्यमंत्री आपदा के समय प्रदेश छोड़कर बिहार की रैली में पहुँचे। जनता यह सब देख रही है और कांग्रेस की असलियत जान चुकी है। इसके विपरीत, केंद्र और भाजपा ने हर स्तर पर सहयोग दिया। भाजपा मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस हिमाचल के नाम पर सिर्फ अपनी जेबें भरने में लगी है। मुख्यमंत्री राहत कोष का सही उपयोग करने के बजाय इसमें बंदरबांट की गई। यही वजह है कि इस बार आम जनता ने मुख्यमंत्री राहत कोष पर भरोसा न जताते हुए सीधे प्रभावित परिवारों तक मदद पहुंचाई। यह अपने आप में कांग्रेस सरकार पर अविश्वास का सबसे बड़ा प्रमाण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि जब उनके शीर्ष नेता सत्ता में थे, तब उन्होंने हिमाचल के लिए कौन-सा विशेष राहत पैकेज दिया था? उस समय प्रदेश को उसके हिस्से का सामान्य फंड तक मुश्किल से मिलता था। आज मोदी जी ने इतिहास का सबसे बड़ा राहत पैकेज दिया है, और उसी पर कांग्रेस सवाल उठा रही है। सच यही है कि कांग्रेस के लिए हिमाचल सिर्फ पर्यटन की भूमि है – कभी टूरिस्ट, कभी पॉलिटिकल टूरिस्ट और अब डिज़ास्टर टूरिस्ट। मगर हिमाचल की जनता जानती है कि असली संवेदनशीलता और मदद सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा सरकार ने दी है।
मंडी, 11 सितम्बर [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश मुख्य प्रवक्ता राकेश जमवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का हिमाचल से सरोकार सिर्फ पर्यटन और राजनीति तक सीमित है। जब-जब प्रदेश को सहारे की जरूरत पड़ी, कांग्रेस के नेता यहां पर्यटक बनकर आए। कभी टूरिस्ट बनकर प्रियंका गांधी शिमला के अपने आलीशान बंगले में छुट्टियां मनाती दिखीं, कभी राजनीतिक टूरिस्ट बनकर अलका लाम्बा और कांग्रेस का दिल्ली दरबार चुनावों के वक्त हिमाचल घूमता रहा और महिलाओं को 1500 रुपये की गारंटी का झुनझुना थमा गया।
यहां तक कि राज्यसभा की सीट पाने के लिए वकील नेता अभिषेक मनु सिंघवी भी चुनाव लड़ने हिमाचल आए और चले गए। और अब तो कांग्रेस ने नया तमाशा शुरू कर दिया है – “डिज़ास्टर टूरिज़्म”। बाहर से नेता बुलाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कराई जा रही है। ताज़ा उदाहरण कांग्रेस यूथ के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब जो यहां आकर बेतुकी बातें कर रहे हैं, जबकि आपदा की घड़ी में हिमाचल को असल मदद देने वाला सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार रही है।
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राकेश जमवाल ने कहा कि हिमाचल में आई आपदा अभूतपूर्व रही है। इस कठिन समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल प्रदेश के दर्द को समझते हुए तत्काल 1500 करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया, बल्कि भाजपा शासित राज्यों त्रिपुरा, हरियाणा, असम और उत्तरप्रदेश ने भी 5-5 करोड़ रुपये की राशि हिमाचल आपदा राहत कोष में दी। भाजपा ने राजनीति से ऊपर उठकर मानव धर्म निभाया और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अनगिनत राशन किटें, कपड़े, दवाइयाँ, सेनेटरी पैक, बर्तन और नकद सहायता पहुँचाई। यह असली सेवा भाव है, जबकि कांग्रेस नेता सिर्फ बयानवीर बनकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने तक सीमित हैं।
उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि कांग्रेस के वे नेता जो आजकल हिमाचल में बड़ी-बड़ी बयानबाज़ी कर रहे हैं, उन्होंने खुद और उनकी पार्टी ने इस आपदा के लिए एक रुपये की मदद तक नहीं दी। भाजपा कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर राहत बाँट रहे थे, जबकि कांग्रेस के नेता कैमरे खोजते घूम रहे थे। यही फर्क है सेवा और सियासत में।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की संवेदनशीलता का हाल यह है कि मुख्यमंत्री आपदा के समय प्रदेश छोड़कर बिहार की रैली में पहुँचे। जनता यह सब देख रही है और कांग्रेस की असलियत जान चुकी है। इसके विपरीत, केंद्र और भाजपा ने हर स्तर पर सहयोग दिया।
भाजपा मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस हिमाचल के नाम पर सिर्फ अपनी जेबें भरने में लगी है। मुख्यमंत्री राहत कोष का सही उपयोग करने के बजाय इसमें बंदरबांट की गई। यही वजह है कि इस बार आम जनता ने मुख्यमंत्री राहत कोष पर भरोसा न जताते हुए सीधे प्रभावित परिवारों तक मदद पहुंचाई। यह अपने आप में कांग्रेस सरकार पर अविश्वास का सबसे बड़ा प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि जब उनके शीर्ष नेता सत्ता में थे, तब उन्होंने हिमाचल के लिए कौन-सा विशेष राहत पैकेज दिया था? उस समय प्रदेश को उसके हिस्से का सामान्य फंड तक मुश्किल से मिलता था। आज मोदी जी ने इतिहास का सबसे बड़ा राहत पैकेज दिया है, और उसी पर कांग्रेस सवाल उठा रही है।
सच यही है कि कांग्रेस के लिए हिमाचल सिर्फ पर्यटन की भूमि है – कभी टूरिस्ट, कभी पॉलिटिकल टूरिस्ट और अब डिज़ास्टर टूरिस्ट। मगर हिमाचल की जनता जानती है कि असली संवेदनशीलता और मदद सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा सरकार ने दी है।
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