
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला ! जिला शिमला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष यशवंत छाजटा ने डॉ बिंदल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे दिए जाने को सत्ता-संगठन की आपसी कलह और घोटालों में घिरा हुआ बताया। छाजटा ने यहां जारी बयान में कहा है कि डॉ बिंदल के इस्तीफे से अंतर्कलह, आपसी लड़ाई और घोटालों की बू आ रही है। इस समय देश-प्रदेश और संपूर्ण विश्व कोरोना जैसे संकट से लड़ाई लड़ रहा है लेकिन हिमाचल की भाजपा सरकार को कोरोना संकट से कुछ भी लेना-देना नहीं है और न ही लोगों की सेहत से कोई मतलब है। ये सरकार सिर्फ अपने निजी स्वार्थों और अपने सता की कुर्सी के लिए ही सोच रही है। निजी स्वार्थों के चलते कोरोना जैसी वैश्विक माहामारी में भी भाजपा आपसी कलह और प्रदेश की जनता के पैसों के साथ कैसे घोटाला करना है, उसी में उलझी हुई है। छाजटा ने जारी बयान में आरोप लगाया है कि यदि गलती हुई है, तभी इस्तीफाा दिया गया है, नही तो कोई भी पाक-साफ छवि का इंसान ऐसा काम नहीं करेगा। छाजटा ने कहा है कि प्रदेश सरकार पहले ही हर मोर्चे पर फेल नजर आ रही थी लेकिन अब कोरोना समय मे जब संपूर्ण विश्व के लोग मानवता को बचाने की लड़ाई लउ़ रहे रहे है, उस समय में भी प्रदेश सरकार और सरकार के मंत्रियों ने घोटालों पर जोर दे रखा है। इससे कि आम जनता का विश्वास सरकार ने खो दिया है। अब यदि कार को अपनी छवि बचानी है, तो मुख्यमंत्री को आगे आकर इस भ्रष्टाचार को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। इस मामले की निष्पक्ष जांच उच्च न्यायालय के किसी सिटिंग जज से करवानी चाहिए, ताकि भ्रष्टाचारियों को सजा मिल सके। सरकार की पोल खोल रहा भ्रष्टाचार छाजटा ने कहा है कि बीजेपी के चीफ ने त्याग पत्र देकर अपना दामन साफ कर दिया है लेकिन अब मुख्यमंत्री भी अपनी नैतिक जिम्मेदारी से नहीं बच सकते क्योंकि स्वास्थ्य विभाग उनके पास है। इस महामारी ने स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार से प्रदेश सरकार की पूरी पोल खोलता है अभी तो भ्रष्टाचार की एक पोल खुली है आगे आने वाले समय में इसकी और पोल खुलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार से जुड़े इस मामले का दबा नहीं सकती है।
शिमला ! जिला शिमला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष यशवंत छाजटा ने डॉ बिंदल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे दिए जाने को सत्ता-संगठन की आपसी कलह और घोटालों में घिरा हुआ बताया। छाजटा ने यहां जारी बयान में कहा है कि डॉ बिंदल के इस्तीफे से अंतर्कलह, आपसी लड़ाई और घोटालों की बू आ रही है। इस समय देश-प्रदेश और संपूर्ण विश्व कोरोना जैसे संकट से लड़ाई लड़ रहा है लेकिन हिमाचल की भाजपा सरकार को कोरोना संकट से कुछ भी लेना-देना नहीं है और न ही लोगों की सेहत से कोई मतलब है। ये सरकार सिर्फ अपने निजी स्वार्थों और अपने सता की कुर्सी के लिए ही सोच रही है। निजी स्वार्थों के चलते कोरोना जैसी वैश्विक माहामारी में भी भाजपा आपसी कलह और प्रदेश की जनता के पैसों के साथ कैसे घोटाला करना है, उसी में उलझी हुई है।
छाजटा ने जारी बयान में आरोप लगाया है कि यदि गलती हुई है, तभी इस्तीफाा दिया गया है, नही तो कोई भी पाक-साफ छवि का इंसान ऐसा काम नहीं करेगा। छाजटा ने कहा है कि प्रदेश सरकार पहले ही हर मोर्चे पर फेल नजर आ रही थी लेकिन अब कोरोना समय मे जब संपूर्ण विश्व के लोग मानवता को बचाने की लड़ाई लउ़ रहे रहे है, उस समय में भी प्रदेश सरकार और सरकार के मंत्रियों ने घोटालों पर जोर दे रखा है। इससे कि आम जनता का विश्वास सरकार ने खो दिया है। अब यदि कार को अपनी छवि बचानी है, तो मुख्यमंत्री को आगे आकर इस भ्रष्टाचार को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। इस मामले की निष्पक्ष जांच उच्च न्यायालय के किसी सिटिंग जज से करवानी चाहिए, ताकि भ्रष्टाचारियों को सजा मिल सके।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
छाजटा ने कहा है कि बीजेपी के चीफ ने त्याग पत्र देकर अपना दामन साफ कर दिया है लेकिन अब मुख्यमंत्री भी अपनी नैतिक जिम्मेदारी से नहीं बच सकते क्योंकि स्वास्थ्य विभाग उनके पास है। इस महामारी ने स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार से प्रदेश सरकार की पूरी पोल खोलता है अभी तो भ्रष्टाचार की एक पोल खुली है आगे आने वाले समय में इसकी और पोल खुलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार से जुड़े इस मामले का दबा नहीं सकती है।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -