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हर साल की भाँति 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस 2020 मनाया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना है। पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सन् 1972 में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था। विश्व पर्यावरण दिवस या वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे को आप प्राकृति मां के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने का दिन कह सकते हैं। आपको बता दें कि दुनियाभर के कई देशों में लोगों की संख्या काफी अधिक हो गई है और साथ प्रदूषण में भी काफी इजाफा हुआ है। आज विश्व पर्यावरण दिवस पर जिला शिमला स्थित क्यार्टू के दस वर्षीय शिवांश शर्मा ने अनूठा उदाहरण पेश किया है। शिवांश शर्मा ने पर्यावरण दिवस के दिन अनेकों अलग-अलग किस्म के पौधे रोप कर मिसाल पेश करी है। शिवांश शर्मा ने बात करते हुए संदेश दिया की हमें पेड़-पौधे, नदियां, जंगल, जमीन, पहाड़ आदि जीवन के लिए बहुत ही जरूरी हैं। वहीं शिवांश ने गांव के सभी साथियों को पौधे रोपण करने हेतु प्रेरित कर कहा कि गांव किसी भी ग्रामवासी का जन्मदिन होगा , तो पौधा रोपण कर प्रकृति संरक्षण करेंगे । भूमि, जल, वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हुई है और इसी वजह से विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत की गई ताकि लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके। आपको बता दें कि हर साल विश्व पर्यावरण दिवस को एक थीम दी जाती है। विश्व पर्यावरण दिवस 2020 की थीम 'प्रकृति के लिए समय' है। हवा, पानी, खाद्य के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। यह सब हमें प्रकृति ही तो देती है। प्रकृति से हम कितना कुछ लेते हैं, लेकिन बदले में हम क्या करते हैं? प्रदूषण, दोहन...? पेड़ लगाने, गंदगी और प्रदूषण न फैलाने जैसे छोटे-छोटे प्रयासों से हम प्रकृति के लिए काफी कुछ कर सकते हैं। प्रकृति संरक्षित तो मानवीय जीवन सुरक्षित। ऐसे ही संदेशों के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से हर साल पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर देश-दुनिया में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संकट के कारण बहुत सारे आयोजन नहीं हो रहे हैं। हालांकि पर्यावरण संरक्षण के जागरूकता संदेशों के जरिए आप अपनों को इस दिवस की शुभकामनाएं तो भेज ही सकते हैं।
हर साल की भाँति 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस 2020 मनाया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना है। पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सन् 1972 में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था। विश्व पर्यावरण दिवस या वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे को आप प्राकृति मां के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने का दिन कह सकते हैं। आपको बता दें कि दुनियाभर के कई देशों में लोगों की संख्या काफी अधिक हो गई है और साथ प्रदूषण में भी काफी इजाफा हुआ है।
आज विश्व पर्यावरण दिवस पर जिला शिमला स्थित क्यार्टू के दस वर्षीय शिवांश शर्मा ने अनूठा उदाहरण पेश किया है। शिवांश शर्मा ने पर्यावरण दिवस के दिन अनेकों अलग-अलग किस्म के पौधे रोप कर मिसाल पेश करी है। शिवांश शर्मा ने बात करते हुए संदेश दिया की हमें पेड़-पौधे, नदियां, जंगल, जमीन, पहाड़ आदि जीवन के लिए बहुत ही जरूरी हैं। वहीं शिवांश ने गांव के सभी साथियों को पौधे रोपण करने हेतु प्रेरित कर कहा कि गांव किसी भी ग्रामवासी का जन्मदिन होगा , तो पौधा रोपण कर प्रकृति संरक्षण करेंगे ।
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भूमि, जल, वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हुई है और इसी वजह से विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत की गई ताकि लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके। आपको बता दें कि हर साल विश्व पर्यावरण दिवस को एक थीम दी जाती है। विश्व पर्यावरण दिवस 2020 की थीम 'प्रकृति के लिए समय' है।
हवा, पानी, खाद्य के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। यह सब हमें प्रकृति ही तो देती है। प्रकृति से हम कितना कुछ लेते हैं, लेकिन बदले में हम क्या करते हैं? प्रदूषण, दोहन...? पेड़ लगाने, गंदगी और प्रदूषण न फैलाने जैसे छोटे-छोटे प्रयासों से हम प्रकृति के लिए काफी कुछ कर सकते हैं। प्रकृति संरक्षित तो मानवीय जीवन सुरक्षित। ऐसे ही संदेशों के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से हर साल पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर देश-दुनिया में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संकट के कारण बहुत सारे आयोजन नहीं हो रहे हैं। हालांकि पर्यावरण संरक्षण के जागरूकता संदेशों के जरिए आप अपनों को इस दिवस की शुभकामनाएं तो भेज ही सकते हैं।
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