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कृषि विज्ञान केन्द्र सुन्दरनगर में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में डा. ए. के. सरियाल, कुलपति चैधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर बतौर मुख्यतिथि उपस्थित रहे व बैठक की अध्यक्षता की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी को दोगुना करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने केन्द्र के वैज्ञानिकों को निर्देश दिए कि वे केन्द्र के चयनित गांव में विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदित पांच उद्यमों को प्रदर्शित करें ताकि किसानों की आमदनी को बढ़ाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना राज्य सरकार की एक प्रमुख पालीसी है। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र अपने कार्यक्रमों में प्राकृतिक खेती को शामिल करें। उन्होंने सामान्य परिवार की वर्ष भर सब्जी की उपलब्धता व पौषण सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए न्यूट्री र्गाउन माॅडल को विकसित करने का भी सुझाव दिया। इसके अतिरिक्त उन्होंने केन्द्र के वैज्ञानिकों के कार्याें की सराहना की तथा उन्हें अपने कार्य को प्रकाशित करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर निदेशक प्रसार शिक्षा डा. यशपाल ठाकुर, निदेशक अनुसंधान, डा. डी के वत्स ने भी अपने सुझाव दिए तथा पुरस्कृत कृषि विज्ञान केन्द्रों को और अधिक जौश से काम करने की सलाह दी। इससे पूर्व केन्द्र के प्रभारी वैज्ञानिक डा. पंकज सूद ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया साथ ही आगमी वर्ष में किए जजाने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा रखी। बैठक में डा. सतीश गुलेरिया, सह निदेशक, पहाडी अनुसंधान केन्द्र, बजौरा, डा. भुपेन्द्र ठाकुर, क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान केन्द्र, बजौरा, डा. जीत सिंह ठाकुर, कृषि उपनिदेशक, डा. सोहन प्रेमी, डीडी एम नाॅबार्ड़, तथा अन्य विभागों के प्रतिनिधि व किसान सदस्य और कृषि वैज्ञानिक मौजूद रहे।
कृषि विज्ञान केन्द्र सुन्दरनगर में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में डा. ए. के. सरियाल, कुलपति चैधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर बतौर मुख्यतिथि उपस्थित रहे व बैठक की अध्यक्षता की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी को दोगुना करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने केन्द्र के वैज्ञानिकों को निर्देश दिए कि वे केन्द्र के चयनित गांव में विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदित पांच उद्यमों को प्रदर्शित करें ताकि किसानों की आमदनी को बढ़ाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना राज्य सरकार की एक प्रमुख पालीसी है। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र अपने कार्यक्रमों में प्राकृतिक खेती को शामिल करें। उन्होंने सामान्य परिवार की वर्ष भर सब्जी की उपलब्धता व पौषण सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए न्यूट्री र्गाउन माॅडल को विकसित करने का भी सुझाव दिया। इसके अतिरिक्त उन्होंने केन्द्र के वैज्ञानिकों के कार्याें की सराहना की तथा उन्हें अपने कार्य को प्रकाशित करने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर निदेशक प्रसार शिक्षा डा. यशपाल ठाकुर, निदेशक अनुसंधान, डा. डी के वत्स ने भी अपने सुझाव दिए तथा पुरस्कृत कृषि विज्ञान केन्द्रों को और अधिक जौश से काम करने की सलाह दी। इससे पूर्व केन्द्र के प्रभारी वैज्ञानिक डा. पंकज सूद ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया साथ ही आगमी वर्ष में किए जजाने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा रखी। बैठक में डा. सतीश गुलेरिया, सह निदेशक, पहाडी अनुसंधान केन्द्र, बजौरा, डा. भुपेन्द्र ठाकुर, क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान केन्द्र, बजौरा, डा. जीत सिंह ठाकुर, कृषि उपनिदेशक, डा. सोहन प्रेमी, डीडी एम नाॅबार्ड़, तथा अन्य विभागों के प्रतिनिधि व किसान सदस्य और कृषि वैज्ञानिक मौजूद रहे।
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