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धर्मशाला ! सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए कई एहतियाती उपाए उठा रही है। सरकार की नई गाईडलाइंस के मुताबिक पहले कुछ चुनिंदा देशों से लौटे लोगों को ही निगरानी में रखा जा रहा था। लेकिन अब सरकार के नई गाइडलाइंस के मुताबिक पिछले 28 दिनों में किसी भी देश से लौटा व्यक्ति संदिग्ध माना जाएगा। वह व्यक्ति खुद या उसके परिजन इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दे ताकि विभाग एहतियाती कदम उठाने कि दिशा में अगली कार्रवाई कर सके। वहीं कोई व्यक्ति कोराना संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में कहीं आया है तो वह भी इसकी जानकारी तुरंत विभाग को दे। सीएमओ कांगड़ा डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने यह अपील प्रेस वार्ता के दौरान की है। डॉ. गुरदर्शन गुप्ता का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति ऐसी जानकारी नहीं दे रहा है तो ऐसा करके वह खुद, अपने परिवार के साथ-साथ समाज को भी संकट में डाल रहा है। ऐसे व्यक्ति अपना दायित्व निभाते हुए विभाग से 1077 या 104 नंबर पर संपर्क करें। उनके लिए आगे क्या करना है यह विभाग तय करेगा।डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने अपील करते हुए कहा कि ऐसे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को विभागीय कर्मी जो सलाह देंगे वह व्यक्ति उसकी पालना करे। उन्होंने लोगों से भी अपील करते हुए कहा है कि आपातकालीन स्थितियों में अस्पताल हमेशा खुले हैं लेकिन अस्पतालों में भी अनावश्यक भीड़ फैलाने से बचें। अति जरूरी होने पर या आपातकालीन स्थिति में ही अस्पताल आएं। जहां तक संभव हो सके दस वर्ष से कम आयु के बच्चों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को बीमार नहीं होने की स्थिति में अस्पताल में लाने से परहेज करें क्योंकि इन दोनों आयुवर्गों में संक्रमण का खतरा सर्वाधिक है। उन्होंने लोगों से अफवाहों से बचने और विभाग का सहयोग करने की अपील की है।
धर्मशाला ! सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए कई एहतियाती उपाए उठा रही है। सरकार की नई गाईडलाइंस के मुताबिक पहले कुछ चुनिंदा देशों से लौटे लोगों को ही निगरानी में रखा जा रहा था। लेकिन अब सरकार के नई गाइडलाइंस के मुताबिक पिछले 28 दिनों में किसी भी देश से लौटा व्यक्ति संदिग्ध माना जाएगा। वह व्यक्ति खुद या उसके परिजन इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दे ताकि विभाग एहतियाती कदम उठाने कि दिशा में अगली कार्रवाई कर सके। वहीं कोई व्यक्ति कोराना संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में कहीं आया है तो वह भी इसकी जानकारी तुरंत विभाग को दे। सीएमओ कांगड़ा डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने यह अपील प्रेस वार्ता के दौरान की है।
डॉ. गुरदर्शन गुप्ता का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति ऐसी जानकारी नहीं दे रहा है तो ऐसा करके वह खुद, अपने परिवार के साथ-साथ समाज को भी संकट में डाल रहा है। ऐसे व्यक्ति अपना दायित्व निभाते हुए विभाग से 1077 या 104 नंबर पर संपर्क करें। उनके लिए आगे क्या करना है यह विभाग तय करेगा।डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने अपील करते हुए कहा कि ऐसे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को विभागीय कर्मी जो सलाह देंगे वह व्यक्ति उसकी पालना करे। उन्होंने लोगों से भी अपील करते हुए कहा है कि आपातकालीन स्थितियों में अस्पताल हमेशा खुले हैं लेकिन अस्पतालों में भी अनावश्यक भीड़ फैलाने से बचें। अति जरूरी होने पर या आपातकालीन स्थिति में ही अस्पताल आएं।
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जहां तक संभव हो सके दस वर्ष से कम आयु के बच्चों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को बीमार नहीं होने की स्थिति में अस्पताल में लाने से परहेज करें क्योंकि इन दोनों आयुवर्गों में संक्रमण का खतरा सर्वाधिक है। उन्होंने लोगों से अफवाहों से बचने और विभाग का सहयोग करने की अपील की है।
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