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चम्बा , 22 सितंबर [ शिवानी ] ! आज राजकीय महाविद्यालय चम्बा में अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के उपलक्ष्य पर विद्याधारा एजुकेशन सोसाइटी तत्वावधान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त जानकारी देते हुए *विद्याधारा एजुकेशन सोसाइटी* की प्रभारी डॉ परणिता गुरदेल ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मदन गुलेरिया ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम, सह-शैक्षणिक गतिविधियों, स्किट तथा शांति संकल्प का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम डॉ परणिता गुरदेल द्वारा मुख्यातिथि, निर्णायकों, अध्यापकों व अतिथियों का बैज लगाकर सम्मानित किया गया। इसके उपरांत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सह-शैक्षणिक गतिविधियों, स्किट तथा शांति संकल्प का आयोजन किया गया। अपने सम्बोधन में प्राचार्य डॉ. मदन गुलेरिया ने कहा कि यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि जीवन में शांति, प्रेम और सहयोग से बढ़कर कुछ भी नहीं है। जब समाज में आपसी भाईचारा और सद्भाव होता है तभी सच्चे अर्थों में प्रगति और विकास संभव हो पाता है। शांति केवल युद्ध न होने का नाम नहीं है, बल्कि यह हमारे विचारों, व्यवहार और आचरण में भी झलकनी चाहिए। छोटी-छोटी बातों पर विवाद या हिंसा करने की बजाय हमें संवाद, सहनशीलता और सहयोग का मार्ग अपनाना चाहिए। आप जैसे युवा ही भविष्य में समाज और देश के दिशा-निर्देशक होंगे। इसलिए अपने जीवन में अहिंसा, सहिष्णुता और प्रेम के मूल्य अपनाएँ।डॉ परिणिता गुरदेल ने शांति संकल्प एवं प्रतिज्ञा दिलवाते हुए कहा कि हम संकल्प लें कि हम किसी भी परिस्थिति में शांति और मानवता के मार्ग से विचलित नहीं होंगे। एक-दूसरे का सम्मान करेंगे और समाज को बेहतर बनाने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएँगे। निर्णायकों के अंतिम निर्णय के अनुसार भाषण प्रतियोगिता में *अदिति प्रथम, कोइना द्वितीय और तमन्ना तृतीय* : *नारा लेखन प्रतियोगिता में पंकु प्रथम, गौरीती द्वितीय, सलीमा और कशिश तृतीय* रहें। सभी विजेताओं को मुख्यअतिथि द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। आयोजकों द्वारा मुख्य अतिथि एवं प्राचार्य डॉ मदन गुलेरिआ को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अंत में विशेष हिमाचली लोक नृत्य की प्रस्तुती ने सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रोफेसर अविनाश, डॉ जयश्री, प्रोफेसर निशा तथा डॉ शिवानी ने निर्णायक की भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर राकेश राठौर, डॉ मनेश वर्मा, डॉ चमन सिंह, प्रोफेसर अविनाश, डॉ जयश्री, डॉ शेली महाजन, प्रोफेसर निशा, डॉ शिवानी, डॉ संतोष कुमार, प्रोफेसर संघर्ष सैनी व विद्यार्थी उपस्थित रहें।
चम्बा , 22 सितंबर [ शिवानी ] ! आज राजकीय महाविद्यालय चम्बा में अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस के उपलक्ष्य पर विद्याधारा एजुकेशन सोसाइटी तत्वावधान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उक्त जानकारी देते हुए *विद्याधारा एजुकेशन सोसाइटी* की प्रभारी डॉ परणिता गुरदेल ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मदन गुलेरिया ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की।
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कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम, सह-शैक्षणिक गतिविधियों, स्किट तथा शांति संकल्प का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम डॉ परणिता गुरदेल द्वारा मुख्यातिथि, निर्णायकों, अध्यापकों व अतिथियों का बैज लगाकर सम्मानित किया गया।
इसके उपरांत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सह-शैक्षणिक गतिविधियों, स्किट तथा शांति संकल्प का आयोजन किया गया। अपने सम्बोधन में प्राचार्य डॉ. मदन गुलेरिया ने कहा कि यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि जीवन में शांति, प्रेम और सहयोग से बढ़कर कुछ भी नहीं है।
जब समाज में आपसी भाईचारा और सद्भाव होता है तभी सच्चे अर्थों में प्रगति और विकास संभव हो पाता है। शांति केवल युद्ध न होने का नाम नहीं है, बल्कि यह हमारे विचारों, व्यवहार और आचरण में भी झलकनी चाहिए। छोटी-छोटी बातों पर विवाद या हिंसा करने की बजाय हमें संवाद, सहनशीलता और सहयोग का मार्ग अपनाना चाहिए।
आप जैसे युवा ही भविष्य में समाज और देश के दिशा-निर्देशक होंगे। इसलिए अपने जीवन में अहिंसा, सहिष्णुता और प्रेम के मूल्य अपनाएँ।डॉ परिणिता गुरदेल ने शांति संकल्प एवं प्रतिज्ञा दिलवाते हुए कहा कि हम संकल्प लें कि हम किसी भी परिस्थिति में शांति और मानवता के मार्ग से विचलित नहीं होंगे। एक-दूसरे का सम्मान करेंगे और समाज को बेहतर बनाने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएँगे।
निर्णायकों के अंतिम निर्णय के अनुसार भाषण प्रतियोगिता में *अदिति प्रथम, कोइना द्वितीय और तमन्ना तृतीय* : *नारा लेखन प्रतियोगिता में पंकु प्रथम, गौरीती द्वितीय, सलीमा और कशिश तृतीय* रहें।
सभी विजेताओं को मुख्यअतिथि द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। आयोजकों द्वारा मुख्य अतिथि एवं प्राचार्य डॉ मदन गुलेरिआ को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अंत में विशेष हिमाचली लोक नृत्य की प्रस्तुती ने सबको झूमने पर मजबूर कर दिया।
विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रोफेसर अविनाश, डॉ जयश्री, प्रोफेसर निशा तथा डॉ शिवानी ने निर्णायक की भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर राकेश राठौर, डॉ मनेश वर्मा, डॉ चमन सिंह, प्रोफेसर अविनाश, डॉ जयश्री, डॉ शेली महाजन, प्रोफेसर निशा, डॉ शिवानी, डॉ संतोष कुमार, प्रोफेसर संघर्ष सैनी व विद्यार्थी उपस्थित रहें।
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