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शिमला , 22 सितंबर [ विशाल सूद ] ! शारदीय नवरात्र की शुरुआत के साथ ही देश में जीएसटी में हुए नए बदलाव भी लागू हो गए हैं। भाजपा इसे बजट उत्सव के रूप में मना रही है। इस मौके पर भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल ने शिमला में कहा कि जीएसटी में नए बदलाव विकसित भारत बनाने की दिशा में कदम है। उन्होंने कहा कि इससे आम जनता की रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुएं सस्ती होगी। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अपने वित्तीय प्रबंधन के चलते कर्मचारियों का वेतन नहीं दे पा रही है। भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल ने कहा कि पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से दिवाली से पहले देशवासियों को तोहफा देने की बात कही थी। इसी कड़ी में जीएसटी में बदलाव किए गए और रोजमर्रा के उत्पादों में जीएसटी घटाया गया। उन्होंने कहा कि यूपीए ने भी जीएसटी लाने का प्रयास किया, लेकिन प्रदेश तब राज़ी नहीं हुए। पीएम मोदी के नेतृत्व में 16 अलग-अलग करों के स्थान पर एक कर लाया गया। राज्यों के लिए जीएसटी कंसेशन देने की व्यवस्था की गई। पीएम मोदी ने जीएसटी की शुरुआत को आर्थिक आजादी का दिन कहा था। जीएसटी में अब तक 56 बार सरलीकरण और बदलाव किए गए। रोजमर्रा के उत्पादों में 7 फीसदी कर घटाया गया । जीएसटी के चार स्लैब को खत्म कर केवल दो स्लैब रखे गए। अब 3 दिनों में जीएसटी के अंदर रजिस्ट्रेशन हो पाएगा। 90 फीसदी जीएसटी रिफंड तुरंत मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जीएसटी बदलाव सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता राज्यों को होगा लाभ और हिमाचल को भी इससे लाभ होगा। हिमाचल के टैक्स कलेक्शन में 2019 से अब तक रेवेन्यू कलेक्शन 3550 करोड़ से बढ़कर 5039 करोड़ पर पहुंचा है। टैक्स कलेक्शन का 42 फीसदी टैक्स केंद्र राज्यों को दे रहा है। साल 2023-24 में 9,375 करोड़ का जीएसटी कलेक्शन हुआ जो साल 2022-23 के मुकाबले 18.91 फीसदी बढ़ा है। हिमाचल के जीएसटी कलेक्शन में हर साल 14 फीसदी की दर से वृद्धि हो रही है। हिमाचल प्रदेश में रेवेन्यू एक्सपेंडीचर ज्यादा है, इस पर ध्यान देने की जरूरत है। 2014 में सत्ता में आने के बाद से लगातार टैक्स दरों को घटाया गया और 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से निकाला गया। राज्य सरकार अपने वित्तीय प्रबंधन की वजह से वेतन तक नहीं दे पा रही है। जीएसटी का सीधा कलेक्शन, केंद्र के कलेक्शन 42 फीसदी और जन योजनाओं का बजट प्रदेशों को दिया जा रहा है। आंकड़े बता रहे हैं कि जीएसटी कलेक्शन बढ़ रहा है और रेवेन्यू लॉस पर केंद्र सरकार कंपनसेशन देगी।
शिमला , 22 सितंबर [ विशाल सूद ] ! शारदीय नवरात्र की शुरुआत के साथ ही देश में जीएसटी में हुए नए बदलाव भी लागू हो गए हैं। भाजपा इसे बजट उत्सव के रूप में मना रही है। इस मौके पर भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल ने शिमला में कहा कि जीएसटी में नए बदलाव विकसित भारत बनाने की दिशा में कदम है। उन्होंने कहा कि इससे आम जनता की रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुएं सस्ती होगी। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अपने वित्तीय प्रबंधन के चलते कर्मचारियों का वेतन नहीं दे पा रही है।
भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल ने कहा कि पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से दिवाली से पहले देशवासियों को तोहफा देने की बात कही थी। इसी कड़ी में जीएसटी में बदलाव किए गए और रोजमर्रा के उत्पादों में जीएसटी घटाया गया। उन्होंने कहा कि यूपीए ने भी जीएसटी लाने का प्रयास किया, लेकिन प्रदेश तब राज़ी नहीं हुए। पीएम मोदी के नेतृत्व में 16 अलग-अलग करों के स्थान पर एक कर लाया गया। राज्यों के लिए जीएसटी कंसेशन देने की व्यवस्था की गई। पीएम मोदी ने जीएसटी की शुरुआत को आर्थिक आजादी का दिन कहा था। जीएसटी में अब तक 56 बार सरलीकरण और बदलाव किए गए। रोजमर्रा के उत्पादों में 7 फीसदी कर घटाया गया ।
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जीएसटी के चार स्लैब को खत्म कर केवल दो स्लैब रखे गए। अब 3 दिनों में जीएसटी के अंदर रजिस्ट्रेशन हो पाएगा। 90 फीसदी जीएसटी रिफंड तुरंत मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जीएसटी बदलाव सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता राज्यों को होगा लाभ और हिमाचल को भी इससे लाभ होगा। हिमाचल के टैक्स कलेक्शन में 2019 से अब तक रेवेन्यू कलेक्शन 3550 करोड़ से बढ़कर 5039 करोड़ पर पहुंचा है।
टैक्स कलेक्शन का 42 फीसदी टैक्स केंद्र राज्यों को दे रहा है। साल 2023-24 में 9,375 करोड़ का जीएसटी कलेक्शन हुआ जो साल 2022-23 के मुकाबले 18.91 फीसदी बढ़ा है। हिमाचल के जीएसटी कलेक्शन में हर साल 14 फीसदी की दर से वृद्धि हो रही है। हिमाचल प्रदेश में रेवेन्यू एक्सपेंडीचर ज्यादा है, इस पर ध्यान देने की जरूरत है। 2014 में सत्ता में आने के बाद से लगातार टैक्स दरों को घटाया गया और 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से निकाला गया।
राज्य सरकार अपने वित्तीय प्रबंधन की वजह से वेतन तक नहीं दे पा रही है। जीएसटी का सीधा कलेक्शन, केंद्र के कलेक्शन 42 फीसदी और जन योजनाओं का बजट प्रदेशों को दिया जा रहा है। आंकड़े बता रहे हैं कि जीएसटी कलेक्शन बढ़ रहा है और रेवेन्यू लॉस पर केंद्र सरकार कंपनसेशन देगी।
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