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शिमला , 05 सितंबर [ विशाल सूद ] - शिमला के कृष्णानगर का एक इलाका फिर खतरे के साए में है। घरों के नीचे से जमीन खिसकने के कारण कई मकानों को गिरने का खतरा हो गया है। इलाके में कई घर खाली करवाए गए हैं। इसके चलते लगभग 6 परिवारों को अपना आशियाना छोड़ना पड़ा है। भारी बारिश के चलते घरों के करीब नालों में पानी उमड़ आया है, जिससे लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं। रात में भारी बारिश की आवाज ने लोगों की नींद उड़ा दी है। लोग अपना आशियाना छोड़कर दूसरों के घरों और शेल्टर होम में शरण लेने को मजबूर हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि भारी बारिश से उनके घरों के लिए खतरा पैदा हो गया है। पास बहते नालों की आवाज से रात भर सोना मुश्किल हो गया है। स्थानियों ने कहा कि उन्होंने कई बार प्रशासन को इस बारे में बताया और घरों के साथ डंगा लगाने का आग्रह किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आस-पड़ोस से छह परिवारों को शिफ्ट किया गया है, जो अब शेल्टर होम में रह रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि बार-बार कहने के बावजूद नाले के साथ सुरक्षा दीवार नहीं बनाई गई, जिससे खतरा और बढ़ गया है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द उनकी सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएं और नाले के किनारे सुरक्षा दीवार बनाई जाए। फिलहाल, लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और प्रशासन से मदद की उम्मीद कर रहे हैं। कृष्णानगर इलाके के निवासियों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि उनकी सुरक्षा और भविष्य को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द कदम उठाए जाएं। इलाके के लोगों ने अपनी जान-माल की सुरक्षा के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है।
शिमला , 05 सितंबर [ विशाल सूद ] - शिमला के कृष्णानगर का एक इलाका फिर खतरे के साए में है। घरों के नीचे से जमीन खिसकने के कारण कई मकानों को गिरने का खतरा हो गया है। इलाके में कई घर खाली करवाए गए हैं। इसके चलते लगभग 6 परिवारों को अपना आशियाना छोड़ना पड़ा है। भारी बारिश के चलते घरों के करीब नालों में पानी उमड़ आया है, जिससे लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं। रात में भारी बारिश की आवाज ने लोगों की नींद उड़ा दी है। लोग अपना आशियाना छोड़कर दूसरों के घरों और शेल्टर होम में शरण लेने को मजबूर हैं।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि भारी बारिश से उनके घरों के लिए खतरा पैदा हो गया है। पास बहते नालों की आवाज से रात भर सोना मुश्किल हो गया है। स्थानियों ने कहा कि उन्होंने कई बार प्रशासन को इस बारे में बताया और घरों के साथ डंगा लगाने का आग्रह किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आस-पड़ोस से छह परिवारों को शिफ्ट किया गया है, जो अब शेल्टर होम में रह रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि बार-बार कहने के बावजूद नाले के साथ सुरक्षा दीवार नहीं बनाई गई, जिससे खतरा और बढ़ गया है।
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लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द उनकी सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएं और नाले के किनारे सुरक्षा दीवार बनाई जाए। फिलहाल, लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और प्रशासन से मदद की उम्मीद कर रहे हैं। कृष्णानगर इलाके के निवासियों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि उनकी सुरक्षा और भविष्य को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द कदम उठाए जाएं। इलाके के लोगों ने अपनी जान-माल की सुरक्षा के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है।
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