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मंडी , 06 अगस्त [ विशाल सूद ] ! भाजपा जिला मंडी ने आपदा प्रभावितों पर दर्ज एफआईआर के विरोध में बुधवार को जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया। इसमें भाजपा के प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल सहित भाजपा विधायक व कार्यकताओं ने प्रदेश सरकार कै खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके उपरांत भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने महामहिम राज्यपाल को उपायुक्त के माध्यम ज्ञापन भेजा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भाजपा और भाजपा के कार्यकर्ताओं पर झूठे आरोप एवं एफआईआर दर्ज करने पर भाजपा झुकने वाली पार्टी नहीं है।नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि नुकसान झेलने वाले इन लोगों की फरियाद सुनने के बजाए एक मंत्री के आदेश पर पुलिस ने 3 मामले दर्ज कर दिये। अब उन्हें लगातार थाने बुलाकर प्रताड़ित किया जा रहा है जबकि उनके घर मे छत तक नहीं है। ये अमानवीय तरीका सही नहीं है। आज से पहले आपदा के बाद कोई संस्थान बदला नहीं गया। क्या शिमला में समरहिल में उतना बड़ा भूस्खलन 2 साल पहले हुआ तो क्या विश्वविद्यालय बदला गया क्या। किन्नौर में लगातार भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं हुई तो क्या कोई संस्थान बदला गया क्या। ऐसा सराज से सिर्फ इसलिये हो रहा है क्योंकि मैं यहां से विपक्ष का नेता हूँ। ऐसी दुर्भावना रखना कहाँ तक उचित है। मेरा सिर्फ इतना कहना है कि लोग पीड़ा में हैं और बेघर हुए हैं। उनकी बात सुनी जानी चाहिये थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार अभी भी पुन विचार करें और एफआईआर वापस ले।
मंडी , 06 अगस्त [ विशाल सूद ] ! भाजपा जिला मंडी ने आपदा प्रभावितों पर दर्ज एफआईआर के विरोध में बुधवार को जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया। इसमें भाजपा के प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल सहित भाजपा विधायक व कार्यकताओं ने प्रदेश सरकार कै खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके उपरांत भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने महामहिम राज्यपाल को उपायुक्त के माध्यम ज्ञापन भेजा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भाजपा और भाजपा के कार्यकर्ताओं पर झूठे आरोप एवं एफआईआर दर्ज करने पर भाजपा झुकने वाली पार्टी नहीं है।नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि नुकसान झेलने वाले इन लोगों की फरियाद सुनने के बजाए एक मंत्री के आदेश पर पुलिस ने 3 मामले दर्ज कर दिये।
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अब उन्हें लगातार थाने बुलाकर प्रताड़ित किया जा रहा है जबकि उनके घर मे छत तक नहीं है। ये अमानवीय तरीका सही नहीं है। आज से पहले आपदा के बाद कोई संस्थान बदला नहीं गया। क्या शिमला में समरहिल में उतना बड़ा भूस्खलन 2 साल पहले हुआ तो क्या विश्वविद्यालय बदला गया क्या। किन्नौर में लगातार भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं हुई तो क्या कोई संस्थान बदला गया क्या।
ऐसा सराज से सिर्फ इसलिये हो रहा है क्योंकि मैं यहां से विपक्ष का नेता हूँ। ऐसी दुर्भावना रखना कहाँ तक उचित है। मेरा सिर्फ इतना कहना है कि लोग पीड़ा में हैं और बेघर हुए हैं। उनकी बात सुनी जानी चाहिये थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार अभी भी पुन विचार करें और एफआईआर वापस ले।
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