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चम्बा , 01 जून [ शिवानी ] ! भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के माननीय प्रधानमंत्री श्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' की गरिमामयी उपस्थिति में, श्री आर.के. विश्नोई, सीएमडी, एनएचपीसी और श्री सूर्य प्रसाद रीजाल, एमडी, वीयूसीएल नेपाल, हैदराबाद हाउस, नई दिल्ली में नेपाल की फुकोट कर्णाली जलविद्युत परियोजना (480 मेगावाट) के विकास के लिए समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान करते हुए। दिनांक 1 जून 2023 को हैदराबाद हाउस, नई दिल्ली में भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के माननीय प्रधानमंत्री श्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' की गरिमामयी उपस्थिति में नेपाल की फुकोट कर्णाली जलविद्युत परियोजना (480 मेगावाट) के विकास के लिए एनएचपीसी लिमिटेड (भारत सरकार का उद्यम) और विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (वीयूसीएल), नेपाल के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया गया। एनएचपीसी लिमिटेड, भारत सरकार का एक अनुसूची 'ए' उद्यम है जिसे 'मिनी रत्न' श्रेणी का दर्जा प्राप्त है और जिसकी गणना जलविद्युत के विकास के लिए भारत में एक अग्रणी संगठन के रूप में की जाती है तथा विद्युत उत्पादन कंपनी, नेपाल सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के आधार पर बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं के विकास, निर्माण, स्वामित्व और प्रचालन का उत्तरदायित्व है। एमओयू का आदान-प्रदान श्री आर.के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी और श्री सूर्य प्रसाद रीजाल, प्रबंध निदेशक, वीयूसीएल द्वारा किया गया। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जाना विद्युत क्षेत्र में सहयोग के संबंध में भारत-नेपाल के संयुक्त विजन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह परियोजना विद्युत उत्पादन के लिए कर्णाली नदी के प्रवाह का उपयोग करेगी और इस परियोजना से उत्पादित ऊर्जा नेपाल की एकीकृत विद्युत प्रणाली में फीड की जाएगी। इस परियोजना की संस्थापित क्षमता लगभग 2448 जीडब्ल्यूएच के औसत वार्षिक विद्युत उत्पादन के साथ 480 मेगावाट होगी। 109 मीटर ऊंचा आरसीसी बांध और एक भूमिगत पावर हाउस है इस परियोजना की प्रमुख विशेषता है। पावर हाउस में प्रत्येक 79 मेगावाट की 06 टर्बाइन होगी। इसके अतिरिक्त, न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह का उपयोग करने के लिए 6 मेगावाट क्षमता का एक सरफेस पावर हाउस अर्थात प्रत्येक 3 मेगावाट की दो मशीनों को भी स्थापित करने की योजना है। इस परियोजना की परिकल्पना पीकिंग रन-ऑफ-रिवर (पीआरओआर) प्रकार की योजना के रूप में की गई है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 01 जून [ शिवानी ] ! भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के माननीय प्रधानमंत्री श्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' की गरिमामयी उपस्थिति में, श्री आर.के. विश्नोई, सीएमडी, एनएचपीसी और श्री सूर्य प्रसाद रीजाल, एमडी, वीयूसीएल नेपाल, हैदराबाद हाउस, नई दिल्ली में नेपाल की फुकोट कर्णाली जलविद्युत परियोजना (480 मेगावाट) के विकास के लिए समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान करते हुए।
दिनांक 1 जून 2023 को हैदराबाद हाउस, नई दिल्ली में भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के माननीय प्रधानमंत्री श्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' की गरिमामयी उपस्थिति में नेपाल की फुकोट कर्णाली जलविद्युत परियोजना (480 मेगावाट) के विकास के लिए एनएचपीसी लिमिटेड (भारत सरकार का उद्यम) और विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (वीयूसीएल), नेपाल के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया गया।
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एनएचपीसी लिमिटेड, भारत सरकार का एक अनुसूची 'ए' उद्यम है जिसे 'मिनी रत्न' श्रेणी का दर्जा प्राप्त है और जिसकी गणना जलविद्युत के विकास के लिए भारत में एक अग्रणी संगठन के रूप में की जाती है तथा विद्युत उत्पादन कंपनी, नेपाल सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के आधार पर बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं के विकास, निर्माण, स्वामित्व और प्रचालन का उत्तरदायित्व है।
एमओयू का आदान-प्रदान श्री आर.के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी और श्री सूर्य प्रसाद रीजाल, प्रबंध निदेशक, वीयूसीएल द्वारा किया गया। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जाना विद्युत क्षेत्र में सहयोग के संबंध में भारत-नेपाल के संयुक्त विजन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
यह परियोजना विद्युत उत्पादन के लिए कर्णाली नदी के प्रवाह का उपयोग करेगी और इस परियोजना से उत्पादित ऊर्जा नेपाल की एकीकृत विद्युत प्रणाली में फीड की जाएगी। इस परियोजना की संस्थापित क्षमता लगभग 2448 जीडब्ल्यूएच के औसत वार्षिक विद्युत उत्पादन के साथ 480 मेगावाट होगी। 109 मीटर ऊंचा आरसीसी बांध और एक भूमिगत पावर हाउस है इस परियोजना की प्रमुख विशेषता है। पावर हाउस में प्रत्येक 79 मेगावाट की 06 टर्बाइन होगी। इसके अतिरिक्त, न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह का उपयोग करने के लिए 6 मेगावाट क्षमता का एक सरफेस पावर हाउस अर्थात प्रत्येक 3 मेगावाट की दो मशीनों को भी स्थापित करने की योजना है। इस परियोजना की परिकल्पना पीकिंग रन-ऑफ-रिवर (पीआरओआर) प्रकार की योजना के रूप में की गई है।
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