
2 अक्टूबर को ग्राम सभाओं की बैठक में पंचायतों की आपदा संबंधी भूमिकाओं पर होगी चर्चा- उपायुक्त मुकेश रेपसवाल
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चम्बा , 01 अक्टूबर [ शिवानी ] ! हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) के निर्देशानुसार जिला चंबा में 1 से 31 अक्टूबर, 2025 तक प्रमुख जन जागरूकता अभियान के समर्थ - 2025 का आयोजन किया जा रहा है। यह अभियान प्रतिवर्ष 13 अक्टूबर को पूरे विश्व स्तर पर मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के साथ संरेखित है। यह जानकारी उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चंबा मुकेश रेपसवाल ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत 2 अक्टूबर 2025 को ग्राम सभा की बैठकों में स्थानीय खतरों और शमन योजनाओं की तैयारी, आपदा से पहले, दौरान और बाद में पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों की भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ, और सिविल डिफेंस अधिनियम, 1968 के तहत पंचायत प्रधान की सिविल डिफेंस वार्डन के रूप में भूमिका पर चर्चा की जाएगी, जिसमें कि आपदा के महत्वपूर्ण मुद्दों में भूस्खलन शमन, सुरक्षित और पारंपरिक निर्माण प्रथाओं को बढ़ावा देना, मलबे का सुरक्षित निपटान, जल निकासी प्रणाली का विकास, प्राकृतिक जलमार्गों में अतिक्रमण की रोकथाम, और सामुदायिक तैयारियों, प्रारंभिक चेतावनी और अग्नि सुरक्षा के उपायों को शामिल किया जाएगा। उपायुक्त चम्बा ने बताया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 41 के अंतर्गत, पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को प्रशिक्षण, संसाधन प्रबंधन, और निर्माण परियोजनाओं में रोकथाम व न्यूनीकरण मानकों का पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्रत्येक पंचायत अपने क्षेत्र में 10-15 प्रशिक्षित युवा जिनकी आयु सीमा 18 से 35 के बीच हो उन स्वयंसेवकों वाली टास्क फोर्स के गठन और पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र (पीईआरसी) स्थापित करने की योजना शुरू की है। प्रशिक्षित स्वयंसेवक पंचायत प्रधान के अधीन कार्य करेंगे ताकि स्थानीय स्तर पर आपदा प्रतिक्रिया को और सशक्त किया जा सके। उन्होंने समस्त पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों तथा एचपीएसडीएमए के सदस्यों से अपील की है कि वे स्थानीय खतरों की पहचान करें, भूकंप-रोधी मकान बनाएँ, आपातकालीन किट तैयार रखें, प्राथमिक उपचार और बचाव कौशल सीखें, और केवल आधिकारिक सूचना स्रोतों पर भरोसा करें। समुदायों को पारिवारिक आपातकालीन योजनाएँ तैयार करने और प्रारंभिक चेतावनियों के प्रति सतर्क रहने के लिए भी पंचायतों में लोगों को प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा की परिस्थिति में कोई भी व्यक्ति अफवाह पर न ध्यान दें तथा इस संबंध में सही जानकारी के लिए आप जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के टोल फ्री नम्बर 1077 अथवा 9816698166 पर संपर्क कर सकते हैं।
चम्बा , 01 अक्टूबर [ शिवानी ] ! हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) के निर्देशानुसार जिला चंबा में 1 से 31 अक्टूबर, 2025 तक प्रमुख जन जागरूकता अभियान के समर्थ - 2025 का आयोजन किया जा रहा है। यह अभियान प्रतिवर्ष 13 अक्टूबर को पूरे विश्व स्तर पर मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के साथ संरेखित है। यह जानकारी उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चंबा मुकेश रेपसवाल ने आज यहां दी।
उन्होंने बताया कि अभियान के तहत 2 अक्टूबर 2025 को ग्राम सभा की बैठकों में स्थानीय खतरों और शमन योजनाओं की तैयारी, आपदा से पहले, दौरान और बाद में पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों की भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ, और सिविल डिफेंस अधिनियम, 1968 के तहत पंचायत प्रधान की सिविल डिफेंस वार्डन के रूप में भूमिका पर चर्चा की जाएगी, जिसमें कि आपदा के महत्वपूर्ण मुद्दों में भूस्खलन शमन, सुरक्षित और पारंपरिक निर्माण प्रथाओं को बढ़ावा देना, मलबे का सुरक्षित निपटान, जल निकासी प्रणाली का विकास, प्राकृतिक जलमार्गों में अतिक्रमण की रोकथाम, और सामुदायिक तैयारियों, प्रारंभिक चेतावनी और अग्नि सुरक्षा के उपायों को शामिल किया जाएगा।
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उपायुक्त चम्बा ने बताया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 41 के अंतर्गत, पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को प्रशिक्षण, संसाधन प्रबंधन, और निर्माण परियोजनाओं में रोकथाम व न्यूनीकरण मानकों का पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्रत्येक पंचायत अपने क्षेत्र में 10-15 प्रशिक्षित युवा जिनकी आयु सीमा 18 से 35 के बीच हो उन स्वयंसेवकों वाली टास्क फोर्स के गठन और पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र (पीईआरसी) स्थापित करने की योजना शुरू की है। प्रशिक्षित स्वयंसेवक पंचायत प्रधान के अधीन कार्य करेंगे ताकि स्थानीय स्तर पर आपदा प्रतिक्रिया को और सशक्त किया जा सके।
उन्होंने समस्त पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों तथा एचपीएसडीएमए के सदस्यों से अपील की है कि वे स्थानीय खतरों की पहचान करें, भूकंप-रोधी मकान बनाएँ, आपातकालीन किट तैयार रखें, प्राथमिक उपचार और बचाव कौशल सीखें, और केवल आधिकारिक सूचना स्रोतों पर भरोसा करें। समुदायों को पारिवारिक आपातकालीन योजनाएँ तैयार करने और प्रारंभिक चेतावनियों के प्रति सतर्क रहने के लिए भी पंचायतों में लोगों को प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा की परिस्थिति में कोई भी व्यक्ति अफवाह पर न ध्यान दें तथा इस संबंध में सही जानकारी के लिए आप जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के टोल फ्री नम्बर 1077 अथवा 9816698166 पर संपर्क कर सकते हैं।
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