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चम्बा , 28 मई [ शिवानी ] ! सुंदर शिक्षा (परमार्थ) न्यास के तत्वावधान से 27 मई 2023 को 'कला सृजन पाठशाला' द्वारा गिरीश कर्नाड जयंती के उपलक्ष्य पर गूगल-मीट के माध्यम से आयोजन सत्र-47 के तहत कविता-पाठ तथा लेख- पाठ आयोजित किया गया। इस सुअवसर पर कला सृजन पाठशाला के सदस्यों के साथ-साथ राजकीय महाविधालय चम्बा के छात्रों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम के आरंभ में अध्यक्ष शरत शर्मा ने गिरीश कर्नाड का व्यक्तित्व एवं कृतित्व पढ़ा तथा उनके। रचनाकर्म का संक्षिप्त विश्लेषण भी किया। इसके पश्चात सभी कवियों ने अपनी-अपनी रचनाओ से सभी को भावविभोर किया। कार्यक्रम की शुरूआत राजकीय महाविद्यालय के छात्र सौरभ ने "आँखों के पीछे की दुनिया" का पाठ किया। कवि होशियार सिंह ने "मैं अबला नहीं नारी हूँ" कविता द्वारा नारी के मह्त्व को उजागर किया। कला सृजन पाठशाला के महासचिव तथा राजकीय महाविद्यालय चंबा के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संतोष कुमार ने "मैं प्रभावित हूँ" कविता द्वारा कवि भूपेंद्र जसरोटिया की भूरि-भूरि प्रशंसा की। महाराज सिंह ने 'वह दिन भी कुछ और थे' कविता द्वारा सभी को भाव विभोर किया। दिल्ली से जुड़ी कवयित्री प्रियंवदा त्यागी ने "एक सपना" मार्मिक कविता पढ़ी। भाषा अध्यापिका एवं कवयित्री रेखा गक्कड़ रश्मि ने ढ़ोलरू वाले कविता द्वारा चम्वा की लोक संस्कृति को उजागर किया। वरिष्ठ कवि भूपेंद्र सिंह जसरोटिया ने "गा लेना चाहता हूँ नगमें तेरी चाहत के" ग़ज़ल का रैप रूपांतरण प्रस्तुत किया। उन्होंने पहाड़ी रचना "ज्वाई पंगा" द्वारा सभी को मंत्र मुग्ध किया। शरत् शर्मा ने प्रसिद्ध कवि कुमार कृष्ण की कविता "हलफनामा " का पाठ किया के साथ रेखांकित किया कि कुमार कृष्ण समकालीन कविता के महत्वपूर्ण कवि हैं, तथा स्वरचित कविता "माँ" का पाठ करके सभी श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया। कला सृजन पाठशाला के संरक्षक बाल कृष्ण पराशर ने अपने संदेश में कहा कि भविष्य में समय-समय पर विभिन्न लेखकों के सृजनकर्म पर शिविर आयोजित किए जाएंगे ताकि नए रचनाकारों को सृजन का माहौल दिया जा सके। वहीं वित्त सलाहकार धर्मवीर शर्मा ने अपने संदेश में कहा कि प्रत्येक आयोजन में चयनित रचना पाठी की हौंसला अफजाई के लिए उपहार में पुस्तक अथवा पत्रिका भेंट की जाएगी। कला सृजन पाठशाला की सचिव रेखा गक्खड़ 'रश्मि' ने आयोजन सत्र-47 में पठित एक-एक रचना का विश्लेषण करते हुए प्रत्येक रचना पर बेबाक राय देते हुए उन रचनाओं की संभावनाओं को रेखांकित किया। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन भूपेंद्र जसरोटिया ने अपनी त्वरित टिप्पणियों के साथ किया। अध्यक्ष शरत् शर्मा ने सभी रचनाकारों की सहभागिता की प्रशंसा करते हुए आयोजन सत्र-47 को विराम की और अग्रसर किया।
चम्बा , 28 मई [ शिवानी ] ! सुंदर शिक्षा (परमार्थ) न्यास के तत्वावधान से 27 मई 2023 को 'कला सृजन पाठशाला' द्वारा गिरीश कर्नाड जयंती के उपलक्ष्य पर गूगल-मीट के माध्यम से आयोजन सत्र-47 के तहत कविता-पाठ तथा लेख- पाठ आयोजित किया गया। इस सुअवसर पर कला सृजन पाठशाला के सदस्यों के साथ-साथ राजकीय महाविधालय चम्बा के छात्रों ने भी भाग लिया।
कार्यक्रम के आरंभ में अध्यक्ष शरत शर्मा ने गिरीश कर्नाड का व्यक्तित्व एवं कृतित्व पढ़ा तथा उनके। रचनाकर्म का संक्षिप्त विश्लेषण भी किया। इसके पश्चात सभी कवियों ने अपनी-अपनी रचनाओ से सभी को भावविभोर किया। कार्यक्रम की शुरूआत राजकीय महाविद्यालय के छात्र सौरभ ने "आँखों के पीछे की दुनिया" का पाठ किया। कवि होशियार सिंह ने "मैं अबला नहीं नारी हूँ" कविता द्वारा नारी के मह्त्व को उजागर किया।
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कला सृजन पाठशाला के महासचिव तथा राजकीय महाविद्यालय चंबा के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संतोष कुमार ने "मैं प्रभावित हूँ" कविता द्वारा कवि भूपेंद्र जसरोटिया की भूरि-भूरि प्रशंसा की। महाराज सिंह ने 'वह दिन भी कुछ और थे' कविता द्वारा सभी को भाव विभोर किया।
दिल्ली से जुड़ी कवयित्री प्रियंवदा त्यागी ने "एक सपना" मार्मिक कविता पढ़ी। भाषा अध्यापिका एवं कवयित्री रेखा गक्कड़ रश्मि ने ढ़ोलरू वाले कविता द्वारा चम्वा की लोक संस्कृति को उजागर किया।
वरिष्ठ कवि भूपेंद्र सिंह जसरोटिया ने "गा लेना चाहता हूँ नगमें तेरी चाहत के" ग़ज़ल का रैप रूपांतरण प्रस्तुत किया। उन्होंने पहाड़ी रचना "ज्वाई पंगा" द्वारा सभी को मंत्र मुग्ध किया।
शरत् शर्मा ने प्रसिद्ध कवि कुमार कृष्ण की कविता "हलफनामा " का पाठ किया के साथ रेखांकित किया कि कुमार कृष्ण समकालीन कविता के महत्वपूर्ण कवि हैं, तथा स्वरचित कविता "माँ" का पाठ करके सभी श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया।
कला सृजन पाठशाला के संरक्षक बाल कृष्ण पराशर ने अपने संदेश में कहा कि भविष्य में समय-समय पर विभिन्न लेखकों के सृजनकर्म पर शिविर आयोजित किए जाएंगे ताकि नए रचनाकारों को सृजन का माहौल दिया जा सके। वहीं वित्त सलाहकार धर्मवीर शर्मा ने अपने संदेश में कहा कि प्रत्येक आयोजन में चयनित रचना पाठी की हौंसला अफजाई के लिए उपहार में पुस्तक अथवा पत्रिका भेंट की जाएगी।
कला सृजन पाठशाला की सचिव रेखा गक्खड़ 'रश्मि' ने आयोजन सत्र-47 में पठित एक-एक रचना का विश्लेषण करते हुए प्रत्येक रचना पर बेबाक राय देते हुए उन रचनाओं की संभावनाओं को रेखांकित किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन भूपेंद्र जसरोटिया ने अपनी त्वरित टिप्पणियों के साथ किया। अध्यक्ष शरत् शर्मा ने सभी रचनाकारों की सहभागिता की प्रशंसा करते हुए आयोजन सत्र-47 को विराम की और अग्रसर किया।
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