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चम्बा 09 जुलाई [ शिवानी ] ! आज पूरे देश में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन द्वारा केंद्र सरकार द्वारा पुराने श्रम कानून के बदलाव को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जताते हुए पूरे देश में अलग-अलग जगह पर सीटू के बैनर तले कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । इसी के चलते जिला चम्बा मुख्यालय में भी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर की अलग-अलग यूनियन के लोगों ने चम्बा मुख्यालय में रैली निकालकर उपायुक्त के माध्यम से केंद्र सरकार को एक ज्ञापन भेजा है जिसमें उन्होंने पुराने 40 श्रम कानून के बदलाव कर नए चार लेबर कोड़ लाये जा रहे उसका विरोध जताया है । उन्होंने कहा कि जिस तरह से मजदूरों के ऊपर यह नए श्रम कानून लदे जा रहे हैं उससे देश के मजदूर की आवाज को दबाने की पूरी कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि उनकी यह भी मांग है कि उनका जो मिनिमम वेतन है उसे भी बढ़ाया जाए क्योंकि महंगाई के दौर में घर चलाना काफी मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि कई मजदूरों के ऊपर श्रम कानून लागू नहीं किया जाता है वह यह भी मांग करते हैं कि उन पर भी श्रम कानून लागू किए जाएं। उन्होंने कहा है कि सरकार सभी पुराने श्रम कानून को बंद करके नए कानून ला रही है वह बिल्कुल भी मंजूर नहीं है। केंद्र सरकार पहले किसानों पर भी गलत कानून बना रही थी जिसे विरोध प्रदर्शन के बाद वापस लेना पड़ा और वह भी चाहते हैं कि जो नए श्रम कानून बनाए गए हैं उन्हें वापस लिया जाए। आज पूरे देश में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन द्वारा केंद्र सरकार द्वारा पुराने श्रम कानून के बदलाव को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जताते हुए पूरे देश में अलग-अलग जगह पर सीटू के बैनर तले कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की इसी के चलते जिला चम्बा मुख्यालय में भी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर की अलग-अलग यूनियन के लोगों ने चम्बा मुख्यालय में रैली निकालकर उपायुक्त के माध्यम से केंद्र सरकार को एक ज्ञापन भेजा है जिसमें उन्होंने पुराने 40 श्रम कानून के बदलाव कर नए चार लेबर कोड़ लाये जा रहे उसका विरोध जताया है । उन्होंने कहा कि जिस तरह से मजदूरों के ऊपर यह नए श्रम कानून लदे जा रहे हैं उससे देश के मजदूर की आवाज को दबाने की पूरी कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि उनकी यह भी मांग है कि उनका जो मिनिमम वेतन है उसे भी बढ़ाया जाए क्योंकि महंगाई के दौर में घर चलाना काफी मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि कई मजदूरों के ऊपर श्रम कानून लागू नहीं किया जाता है वह यह भी मांग करते हैं कि उन पर भी श्रम कानून लागू किए जाएं। उन्होंने कहा है कि सरकार सभी पुराने श्रम कानून को बंद करके नए कानून ला रही है वह बिल्कुल भी मंजूर नहीं है। केंद्र सरकार पहले किसानों पर भी गलत कानून बना रही थी जिसे विरोध प्रदर्शन के बाद वापस लेना पड़ा और वह भी चाहते हैं कि जो नए श्रम कानून बनाए गए हैं उन्हें वापस लिया जाए।
चम्बा 09 जुलाई [ शिवानी ] ! आज पूरे देश में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन द्वारा केंद्र सरकार द्वारा पुराने श्रम कानून के बदलाव को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जताते हुए पूरे देश में अलग-अलग जगह पर सीटू के बैनर तले कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ।
इसी के चलते जिला चम्बा मुख्यालय में भी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर की अलग-अलग यूनियन के लोगों ने चम्बा मुख्यालय में रैली निकालकर उपायुक्त के माध्यम से केंद्र सरकार को एक ज्ञापन भेजा है जिसमें उन्होंने पुराने 40 श्रम कानून के बदलाव कर नए चार लेबर कोड़ लाये जा रहे उसका विरोध जताया है ।
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उन्होंने कहा कि जिस तरह से मजदूरों के ऊपर यह नए श्रम कानून लदे जा रहे हैं उससे देश के मजदूर की आवाज को दबाने की पूरी कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि उनकी यह भी मांग है कि उनका जो मिनिमम वेतन है उसे भी बढ़ाया जाए क्योंकि महंगाई के दौर में घर चलाना काफी मुश्किल हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कई मजदूरों के ऊपर श्रम कानून लागू नहीं किया जाता है वह यह भी मांग करते हैं कि उन पर भी श्रम कानून लागू किए जाएं। उन्होंने कहा है कि सरकार सभी पुराने श्रम कानून को बंद करके नए कानून ला रही है वह बिल्कुल भी मंजूर नहीं है।
केंद्र सरकार पहले किसानों पर भी गलत कानून बना रही थी जिसे विरोध प्रदर्शन के बाद वापस लेना पड़ा और वह भी चाहते हैं कि जो नए श्रम कानून बनाए गए हैं उन्हें वापस लिया जाए।
आज पूरे देश में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन द्वारा केंद्र सरकार द्वारा पुराने श्रम कानून के बदलाव को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जताते हुए पूरे देश में अलग-अलग जगह पर सीटू के बैनर तले कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की
इसी के चलते जिला चम्बा मुख्यालय में भी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर की अलग-अलग यूनियन के लोगों ने चम्बा मुख्यालय में रैली निकालकर उपायुक्त के माध्यम से केंद्र सरकार को एक ज्ञापन भेजा है जिसमें उन्होंने पुराने 40 श्रम कानून के बदलाव कर नए चार लेबर कोड़ लाये जा रहे उसका विरोध जताया है ।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से मजदूरों के ऊपर यह नए श्रम कानून लदे जा रहे हैं उससे देश के मजदूर की आवाज को दबाने की पूरी कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि उनकी यह भी मांग है कि उनका जो मिनिमम वेतन है उसे भी बढ़ाया जाए क्योंकि महंगाई के दौर में घर चलाना काफी मुश्किल हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कई मजदूरों के ऊपर श्रम कानून लागू नहीं किया जाता है वह यह भी मांग करते हैं कि उन पर भी श्रम कानून लागू किए जाएं। उन्होंने कहा है कि सरकार सभी पुराने श्रम कानून को बंद करके नए कानून ला रही है वह बिल्कुल भी मंजूर नहीं है। केंद्र सरकार पहले किसानों पर भी गलत कानून बना रही थी जिसे विरोध प्रदर्शन के बाद वापस लेना पड़ा और वह भी चाहते हैं कि जो नए श्रम कानून बनाए गए हैं उन्हें वापस लिया जाए।
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