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बिलासपुर, 03 दिसंबर ! विश्व दिव्यांगता दिवस के अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से आज आशा किरण संस्थान, घुमारवीं के अंतर्गत गांव कोठी में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए, जबकि उपमंडलाधिकारी घुमारवीं गौरव चौधरी भी शामिल रहे। उपायुक्त राहुल कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी समाज की प्रगतिशीलता इस बात से निर्धारित होती है कि वह अपने सभी नागरिकों को बराबरी का अवसर और सम्मान देने में कितना सक्षम है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगता किसी व्यक्ति की क्षमता या योगदान को सीमित नहीं करती, बल्कि उचित अवसर, संवेदनशीलता और सहयोग मिलने पर वह समाज के लिए प्रेरणा बन सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शारीरिक या मानसिक भिन्नता को कमजोरी समझने की सोच समाप्त करनी होगी। उपायुक्त ने बताया कि सरकार दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा, कौशल विकास, सहायता उपकरण उपलब्ध करवाने और पुनर्वास सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने आशा जताई कि संस्थान और प्रशासन मिलकर ऐसे प्रयास जारी रखेंगे ताकि दिव्यांगजन समाज की मुख्यधारा में और अधिक सशक्त रूप से जुड़ सकें।कार्यक्रम के दौरान जिला की पांच संस्थाओं, नया सवेरा दिव्यांग शिक्षा संस्थान नसवाल, मुकंमिका दिव्यांग ट्रस्ट बरमाणा, आशा किरण दिव्यांग शिक्षा संस्थान कोठी सहित अन्य प्रतिभागी संस्थानों ने अपने कार्यों और उपलब्धियों का प्रस्तुतीकरण किया। दिव्यांग बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, कला प्रदर्शनी और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अपनी प्रतिभा और आत्मविश्वास का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। इस अवसर पर जिला कल्याण अधिकारी रमेश बंसल और संस्थान प्रबंधक योगेंद्र मलिक ने उपायुक्त का शॉल और टोपी पहनाकर स्वागत किया। कार्यक्रम में सचिव रेड क्रॉस सोसायटी अमित कुमार, तहसील कल्याण अधिकारी रमेश शर्मा, निदेशक रेनबो हॉस्पिटल मोनिका और प्रबंधक ओल्ड एज होम प्रकाश बंसल सहित अन्य अधिकारी और प्रतिनिधि मौजूद रहे। जिला स्तरीय इस समारोह में लगभग 250 दिव्यांग बच्चों ने सहभागिता की। कार्यक्रम का उद्देश्य संवेदनशीलता, सम्मान, समान अवसर और सहभागिता आधारित समाज की भावना को और मजबूत करना रहा।
उपायुक्त राहुल कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी समाज की प्रगतिशीलता इस बात से निर्धारित होती है कि वह अपने सभी नागरिकों को बराबरी का अवसर और सम्मान देने में कितना सक्षम है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगता किसी व्यक्ति की क्षमता या योगदान को सीमित नहीं करती, बल्कि उचित अवसर, संवेदनशीलता और सहयोग मिलने पर वह समाज के लिए प्रेरणा बन सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शारीरिक या मानसिक भिन्नता को कमजोरी समझने की सोच समाप्त करनी होगी।
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उपायुक्त ने बताया कि सरकार दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा, कौशल विकास, सहायता उपकरण उपलब्ध करवाने और पुनर्वास सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने आशा जताई कि संस्थान और प्रशासन मिलकर ऐसे प्रयास जारी रखेंगे ताकि दिव्यांगजन समाज की मुख्यधारा में और अधिक सशक्त रूप से जुड़ सकें।
कार्यक्रम के दौरान जिला की पांच संस्थाओं, नया सवेरा दिव्यांग शिक्षा संस्थान नसवाल, मुकंमिका दिव्यांग ट्रस्ट बरमाणा, आशा किरण दिव्यांग शिक्षा संस्थान कोठी सहित अन्य प्रतिभागी संस्थानों ने अपने कार्यों और उपलब्धियों का प्रस्तुतीकरण किया। दिव्यांग बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, कला प्रदर्शनी और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अपनी प्रतिभा और आत्मविश्वास का प्रभावशाली प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर जिला कल्याण अधिकारी रमेश बंसल और संस्थान प्रबंधक योगेंद्र मलिक ने उपायुक्त का शॉल और टोपी पहनाकर स्वागत किया। कार्यक्रम में सचिव रेड क्रॉस सोसायटी अमित कुमार, तहसील कल्याण अधिकारी रमेश शर्मा, निदेशक रेनबो हॉस्पिटल मोनिका और प्रबंधक ओल्ड एज होम प्रकाश बंसल सहित अन्य अधिकारी और प्रतिनिधि मौजूद रहे।
जिला स्तरीय इस समारोह में लगभग 250 दिव्यांग बच्चों ने सहभागिता की। कार्यक्रम का उद्देश्य संवेदनशीलता, सम्मान, समान अवसर और सहभागिता आधारित समाज की भावना को और मजबूत करना रहा।
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