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चम्बा , 02 मई [ शिवानी ] ! हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्नातक स्तर की परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राध्यापक संघ की अध्यक्ष डॉ वनिता सकलानी ने एक बड़े गड़बड़झाले की आशंका जाहिर की है। उनके अनुसार हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन ऑनलाइन करवाने की जानकारी प्राप्त हुई है। आशंका है कि कुछ चहेते लोगों को ऑनलाइन माध्यम से अंतिम वर्ष के पेपर भेज दिए गए हैं और वह लोग अपने स्तर पर बिना किसी निर्धारित मानकों से उसका मूल्यांकन कर रहे हैं अथवा करवा रहे हैं। जिसमें अनेक प्रश्न खड़े होते रहे हैं। गत वर्षो से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की मूल्यांकन प्रणाली प्रश्नों के घेरे में है। जिसमें विद्यार्थियों के साथ अनेक तरह की ना इंसाफी हुई है और बहुत गड़बड़ियां सामने आई है। डॉ सकलानी के अनुसार इसमें कहीं ना कहीं भाई भतीजावाद भी सामने आता है। जबकि प्रदेश भर में महाविद्यालय के प्राध्यापक पेपर मूल्यांकन ड्यूटी की प्रतीक्षा में है ,पर अभी तक विश्विद्यालय से कोई सूचना नहीं है, बल्कि सीधे परिणाम निकालने की बात हो रही है । जबकि सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के अधीन महाविद्यालयों में जहां दो हफ्ते बाद परीक्षा आरम्भ हुई, वहां पर भी स्नातक तृतीय वर्ष का मूल्यांकन ऑफलाइन होना आरम्भ हो चुका है। एचजीसीटी की प्रदेश अध्यक्ष ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि इस विषय में अपनी स्थिति स्पष्ट करें कि अगर यह मूल्यांकन हो रहा है तो यह कौन कर रहा है। क्या उसके लिए वह पैरामीटर तय हैं जो वास्तव में आज तक होते रहे हैं । अन्यथा ये विद्यार्थियों के भविष्य के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ है,जिस पर सरकार और प्रशासन को विचार करना जरूरी है। महाविद्यालय प्राध्यापक संघ शीघ्रातिशीघ्र ऑफलाइन पेपर मूल्यांकन की मांग करता है।
चम्बा , 02 मई [ शिवानी ] ! हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्नातक स्तर की परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राध्यापक संघ की अध्यक्ष डॉ वनिता सकलानी ने एक बड़े गड़बड़झाले की आशंका जाहिर की है। उनके अनुसार हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन ऑनलाइन करवाने की जानकारी प्राप्त हुई है।
आशंका है कि कुछ चहेते लोगों को ऑनलाइन माध्यम से अंतिम वर्ष के पेपर भेज दिए गए हैं और वह लोग अपने स्तर पर बिना किसी निर्धारित मानकों से उसका मूल्यांकन कर रहे हैं अथवा करवा रहे हैं। जिसमें अनेक प्रश्न खड़े होते रहे हैं।
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गत वर्षो से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की मूल्यांकन प्रणाली प्रश्नों के घेरे में है। जिसमें विद्यार्थियों के साथ अनेक तरह की ना इंसाफी हुई है और बहुत गड़बड़ियां सामने आई है।
डॉ सकलानी के अनुसार इसमें कहीं ना कहीं भाई भतीजावाद भी सामने आता है। जबकि प्रदेश भर में महाविद्यालय के प्राध्यापक पेपर मूल्यांकन ड्यूटी की प्रतीक्षा में है ,पर अभी तक विश्विद्यालय से कोई सूचना नहीं है, बल्कि सीधे परिणाम निकालने की बात हो रही है ।
जबकि सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के अधीन महाविद्यालयों में जहां दो हफ्ते बाद परीक्षा आरम्भ हुई, वहां पर भी स्नातक तृतीय वर्ष का मूल्यांकन ऑफलाइन होना आरम्भ हो चुका है।
एचजीसीटी की प्रदेश अध्यक्ष ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि इस विषय में अपनी स्थिति स्पष्ट करें कि अगर यह मूल्यांकन हो रहा है तो यह कौन कर रहा है। क्या उसके लिए वह पैरामीटर तय हैं जो वास्तव में आज तक होते रहे हैं ।
अन्यथा ये विद्यार्थियों के भविष्य के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ है,जिस पर सरकार और प्रशासन को विचार करना जरूरी है। महाविद्यालय प्राध्यापक संघ शीघ्रातिशीघ्र ऑफलाइन पेपर मूल्यांकन की मांग करता है।
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