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सोलन , 25 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के चंबाघाट श्मशानघाट से एक ऐसी मार्मिक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि इंसानियत को भी शर्मसार कर दिया है। यहां श्मशानघाट में बने अस्थि लॉकर से चोरों द्वारा एक मृत महिला की अस्थियां चोरी कर ली गईं। जानकारी के अनुसार सोलन नगर निगम के वार्ड नंबर 5 में रहने वाली एक महिला की 10 दिन पहले मृत्यु हो गई थी। अंतिम संस्कार के बाद परिजनों ने उसकी अस्थियां चंबाघाट श्मशानघाट में बने लॉकर में सुरक्षित रखी थीं, ताकि विधि-विधान के अनुसार उन्हें हरिद्वार ले जाकर विसर्जित किया जा सके। लेकिन आज सुबह जब परिवार अस्थियां लेने श्मशानघाट पहुंचा, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। लॉकर पर लगा ताला गायब था और अंदर रखी अस्थियां, साथ ही थाली और लोटा भी चोरी हो चुके थे। अपने प्रियजन की अंतिम निशानी यूं गायब देखकर परिजन फूट-फूटकर रो पड़े। जिन अस्थियों को श्रद्धा और सम्मान के साथ गंगा में प्रवाहित किया जाना था, उनका इस तरह चोरी हो जाना परिवार के लिए असहनीय पीड़ा बन गया है। परिजनों ने इस घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज करवा दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह घटना इसलिए भी और ज्यादा पीड़ादायक है क्योंकि चंबाघाट श्मशानघाट इससे पहले भी विवादों में रह चुका है। इसी श्मशानघाट से पहले एक जीवित महिला का मृत्यु प्रमाण पत्र बनने का मामला सामने आया था। वहीं लॉकडाउन के दौरान एक परिवार को किसी और की डेड बॉडी सौंप दिए जाने की गंभीर चूक भी यहीं हुई थी, जिसका खुलासा तब हुआ जब दाहसंस्कार के समय परिजनों ने शव को पहचानने से इनकार कर दिया था। लगातार सामने आ रही इन घटनाओं ने श्मशानघाट की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह भी है कि जहां इंसान अपने जीवन की अंतिम यात्रा पर शांति की उम्मीद करता है, वहां भी अगर असुरक्षा और अव्यवस्था हो, तो भरोसा आखिर बचेगा किस पर? यह मामला सिर्फ चोरी का नहीं, बल्कि मृतकों की गरिमा और जीवितों की भावनाओं को कुचलने का है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस संवेदनशील मामले में कितनी संवेदनशीलता और सख्ती दिखाता है।
सोलन , 25 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के चंबाघाट श्मशानघाट से एक ऐसी मार्मिक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि इंसानियत को भी शर्मसार कर दिया है। यहां श्मशानघाट में बने अस्थि लॉकर से चोरों द्वारा एक मृत महिला की अस्थियां चोरी कर ली गईं।
जानकारी के अनुसार सोलन नगर निगम के वार्ड नंबर 5 में रहने वाली एक महिला की 10 दिन पहले मृत्यु हो गई थी। अंतिम संस्कार के बाद परिजनों ने उसकी अस्थियां चंबाघाट श्मशानघाट में बने लॉकर में सुरक्षित रखी थीं, ताकि विधि-विधान के अनुसार उन्हें हरिद्वार ले जाकर विसर्जित किया जा सके।
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लेकिन आज सुबह जब परिवार अस्थियां लेने श्मशानघाट पहुंचा, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। लॉकर पर लगा ताला गायब था और अंदर रखी अस्थियां, साथ ही थाली और लोटा भी चोरी हो चुके थे।
अपने प्रियजन की अंतिम निशानी यूं गायब देखकर परिजन फूट-फूटकर रो पड़े। जिन अस्थियों को श्रद्धा और सम्मान के साथ गंगा में प्रवाहित किया जाना था, उनका इस तरह चोरी हो जाना परिवार के लिए असहनीय पीड़ा बन गया है। परिजनों ने इस घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज करवा दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
यह घटना इसलिए भी और ज्यादा पीड़ादायक है क्योंकि चंबाघाट श्मशानघाट इससे पहले भी विवादों में रह चुका है। इसी श्मशानघाट से पहले एक जीवित महिला का मृत्यु प्रमाण पत्र बनने का मामला सामने आया था। वहीं लॉकडाउन के दौरान एक परिवार को किसी और की डेड बॉडी सौंप दिए जाने की गंभीर चूक भी यहीं हुई थी, जिसका खुलासा तब हुआ जब दाहसंस्कार के समय परिजनों ने शव को पहचानने से इनकार कर दिया था।
लगातार सामने आ रही इन घटनाओं ने श्मशानघाट की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह भी है कि जहां इंसान अपने जीवन की अंतिम यात्रा पर शांति की उम्मीद करता है, वहां भी अगर असुरक्षा और अव्यवस्था हो, तो भरोसा आखिर बचेगा किस पर?
यह मामला सिर्फ चोरी का नहीं, बल्कि मृतकों की गरिमा और जीवितों की भावनाओं को कुचलने का है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस संवेदनशील मामले में कितनी संवेदनशीलता और सख्ती दिखाता है।
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