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शिमला , 21 अगस्त [ विशाल सूद ] ! मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष के वॉकआउट पर पलटवार किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा अपनी सरकार के समय कर्मचारियों पर लाठी और पानी की बौछार करती रही अब विपक्ष में जाने के बाद भाजपा को कर्मचारियों की याद आई है. मुख्यमंत्री ने विपक्ष के वॉकआउट को केवल ध्यान भटकने वाला बताया है. इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक सतपाल सत्ती के सवाल पर कर्मचारियों का मुद्दा सदन में गूंजा. सदन में हंगामे के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया था. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भाजपा ने अपने समय में कर्मचारियों पर लाठी और पानी चलाया. आज विपक्ष में जाने के बाद कर्मचारियों की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष में जाने के बाद भाजपा को कर्मचारियों की याद आई है, जबकि उन्होंने कर्मचारियों को ओपीएस नहीं दी और 1600 करोड़ की एडीशनल बोरोइंग रोकने की कोशिश की। मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल ध्यान भटकाने के लिए वॉकआउट कर रहा विपक्ष और सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने कर्मचारियों के लिए 6वें पे कमीशन की घोषणा की, लेकिन 10,000 करोड़ की देनदारियां छोड़कर गई और कर्मचारियों के लिए डीए की घोषणा की, लेकिन चुकाया नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दी है और कर्मचारियों के मामले में विपक्ष की स्थिति उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार को 2017 से 22 तक 8000 से ज्यादा की एडीजी मिलती रही, जबकि वर्तमान सरकार को केवल 3500 की एडीजी मिली है और प्रदेश के कर्मचारियों के एनपीएस का 9000 करोड़ केंद्र के पास है, जिसमें 4500 करोड़ सरकार का हिस्सा है, उस पर भी केंद्र सरकार कुंडी लगा कर बैठी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के विधायक पढ़कर नहीं आते हैं. हिमाचल इस समय आपदा के दौर में है और हिमाचल के कर्मचारी भी इस बात अवगत हैं, सरकार जल्द ही कर्मचारियों की देनदारियां चुकाएगी। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने और मंत्रियों के सरकारी आवास के बिजली बिल के मामले में कहा कि उनके 14 महीने का बिल 3 लाख और RS बाली का 6 लाख का बिल आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतना बिल देखकर उन्हें भी हैरानी हुई तो जांच करने को कहा. इसमें एक्सिन ने भी इतना बिल न होने की बात कही। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी की ओर से उन्होंने 14 महीने का बिल था, जिसमें पिछले इंटरेस्ट के साथ भेज दिया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर बिजली बिल राजनैतिक कारणों से सामने आए तो कार्यवाही करेंगे। मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग को बिल की जांच करने के निर्देश दिए हैं और जल्द ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
शिमला , 21 अगस्त [ विशाल सूद ] ! मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष के वॉकआउट पर पलटवार किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा अपनी सरकार के समय कर्मचारियों पर लाठी और पानी की बौछार करती रही अब विपक्ष में जाने के बाद भाजपा को कर्मचारियों की याद आई है. मुख्यमंत्री ने विपक्ष के वॉकआउट को केवल ध्यान भटकने वाला बताया है. इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक सतपाल सत्ती के सवाल पर कर्मचारियों का मुद्दा सदन में गूंजा. सदन में हंगामे के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया था.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भाजपा ने अपने समय में कर्मचारियों पर लाठी और पानी चलाया. आज विपक्ष में जाने के बाद कर्मचारियों की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष में जाने के बाद भाजपा को कर्मचारियों की याद आई है, जबकि उन्होंने कर्मचारियों को ओपीएस नहीं दी और 1600 करोड़ की एडीशनल बोरोइंग रोकने की कोशिश की। मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल ध्यान भटकाने के लिए वॉकआउट कर रहा विपक्ष और सुनने को तैयार नहीं है।
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उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने कर्मचारियों के लिए 6वें पे कमीशन की घोषणा की, लेकिन 10,000 करोड़ की देनदारियां छोड़कर गई और कर्मचारियों के लिए डीए की घोषणा की, लेकिन चुकाया नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दी है और कर्मचारियों के मामले में विपक्ष की स्थिति उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली है।
उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार को 2017 से 22 तक 8000 से ज्यादा की एडीजी मिलती रही, जबकि वर्तमान सरकार को केवल 3500 की एडीजी मिली है और प्रदेश के कर्मचारियों के एनपीएस का 9000 करोड़ केंद्र के पास है, जिसमें 4500 करोड़ सरकार का हिस्सा है, उस पर भी केंद्र सरकार कुंडी लगा कर बैठी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के विधायक पढ़कर नहीं आते हैं. हिमाचल इस समय आपदा के दौर में है और हिमाचल के कर्मचारी भी इस बात अवगत हैं, सरकार जल्द ही कर्मचारियों की देनदारियां चुकाएगी।
वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने और मंत्रियों के सरकारी आवास के बिजली बिल के मामले में कहा कि उनके 14 महीने का बिल 3 लाख और RS बाली का 6 लाख का बिल आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतना बिल देखकर उन्हें भी हैरानी हुई तो जांच करने को कहा. इसमें एक्सिन ने भी इतना बिल न होने की बात कही। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी की ओर से उन्होंने 14 महीने का बिल था, जिसमें पिछले इंटरेस्ट के साथ भेज दिया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर बिजली बिल राजनैतिक कारणों से सामने आए तो कार्यवाही करेंगे। मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग को बिल की जांच करने के निर्देश दिए हैं और जल्द ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
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