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शिमला, 30 मई [ विशाल सूद ] ! भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि विमल नेगी की संदेहस्पद मृत्यु के मामले में जो सीबीआई की जांच चल रही है। मुझे लगता है कि सरकार उसमें पूरी तरह से घबरा गई है, नहीं तो क्या कारण है कि मुख्यमंत्री की पत्रकार वार्ता और कहने के बावजूद कि सरकार अब अपील में नहीं जाएगी। एसपी शिमला जब मेडिकल लीव पर है तो उन्होंने एलपी फाइल किया है। एलपीए फाइल करने के पीछे हो सकता है कि उनको सरकार की तरफ से ही संरक्षा हो कि आप एलपी फाइल कर दीजिए ताकि इन्वेस्टिगेशन में देरी हो, मामला उलझा रहे और जब उन्होंने एसपी शिमला के हैसियत से यह लिटगेशन फाइल की है। तो क्या उनके लिए एडवोकेट जनरल अपीयर होंगे सरकार की तरफ से और क्या जो सरकार की लिटिगेशन पॉलिसी है जो ये कहते है कि आपको अपने किसी भी अधिकारी को अपने संबंधित विभाग से जो है लिटिगेशन पॉलिसी जो है। उसके अंतर्गत आपको एनओसी लेना है तो क्या सरकार ने या उस विभाग ने एनओसी दिया है ? कि यह एलपीए फाइल करने के लिए जाए और एसपी की हैसियत से किस तरह से लिटिगेशन फाइल कर सकते हैं जब वो मेडिकल लीव पर चले गए और उनका चार्ज जो है वो साथ के जिले के एसपी जो है उनको दिया गया है तो अपने आप में परिस्थितियां बहुत गंभीर प्रदेश के अंदर है। सरकार पूरी तरह से घबराई हुई है और इस तरह के जो हथकंडे हैं वह निष्पक्ष जांच को रोकने के लिए सरकार जो है वह अपना रही है। यह मेरा सरकार पर आरोप है।
शिमला, 30 मई [ विशाल सूद ] ! भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि विमल नेगी की संदेहस्पद मृत्यु के मामले में जो सीबीआई की जांच चल रही है। मुझे लगता है कि सरकार उसमें पूरी तरह से घबरा गई है, नहीं तो क्या कारण है कि मुख्यमंत्री की पत्रकार वार्ता और कहने के बावजूद कि सरकार अब अपील में नहीं जाएगी।
एसपी शिमला जब मेडिकल लीव पर है तो उन्होंने एलपी फाइल किया है। एलपीए फाइल करने के पीछे हो सकता है कि उनको सरकार की तरफ से ही संरक्षा हो कि आप एलपी फाइल कर दीजिए ताकि इन्वेस्टिगेशन में देरी हो, मामला उलझा रहे और जब उन्होंने एसपी शिमला के हैसियत से यह लिटगेशन फाइल की है। तो क्या उनके लिए एडवोकेट जनरल अपीयर होंगे सरकार की तरफ से और क्या जो सरकार की लिटिगेशन पॉलिसी है जो ये कहते है कि आपको अपने किसी भी अधिकारी को अपने संबंधित विभाग से जो है लिटिगेशन पॉलिसी जो है।
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उसके अंतर्गत आपको एनओसी लेना है तो क्या सरकार ने या उस विभाग ने एनओसी दिया है ? कि यह एलपीए फाइल करने के लिए जाए और एसपी की हैसियत से किस तरह से लिटिगेशन फाइल कर सकते हैं जब वो मेडिकल लीव पर चले गए और उनका चार्ज जो है वो साथ के जिले के एसपी जो है उनको दिया गया है तो अपने आप में परिस्थितियां बहुत गंभीर प्रदेश के अंदर है।
सरकार पूरी तरह से घबराई हुई है और इस तरह के जो हथकंडे हैं वह निष्पक्ष जांच को रोकने के लिए सरकार जो है वह अपना रही है। यह मेरा सरकार पर आरोप है।
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