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शिमला , 15 मई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि विभाग को सुदृढ़ बनाने के लिए कई अहम फैसले लिए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सभी जिलों के अधिकारियों से रिपोर्ट लेकर उनकी समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं। जरूरत पड़ने पर स्कूलों के विलय और पुनर्गठन पर भी विचार किया जा रहा है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में लगभग 1,200 स्कूल बंद किए गए हैं. इसमें 450 स्कूल जीरो इनरोलमेंट वाले थे. शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस महीने के अंत तक शिक्षकों के तबादलों पर रोक लगा दी जाएगी और नई ट्रांसफर पॉलिसी पर विचार किया जा रहा है. रोहित ठाकुर ने कहा कि जीरो इनरोलमेंट वाले करीब 100 स्कूल डिनोटिफाई किए जाएंगे. नियमों के अनुसार इन स्कूलों का मर्जर या डाउनग्रेडिंग किया जाएगा. इस प्रक्रिया में स्कूलों की संख्या और उनके बीच की दूरी जैसे पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा. जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है, उन्हें सीनियर सेकेंडरी और हाई स्कूल के रूप में अलग-अलग श्रेणी में विभाजित किया जाएगा। इसके साथ ही, कई स्कूलों को को-एजुकेशन मॉडल में परिवर्तित किया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने सुधार कार्यों के लिए तीन प्रमुख स्कूलों की पहचान की है. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सुधार के लिए प्रयासरत है और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
शिमला , 15 मई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि विभाग को सुदृढ़ बनाने के लिए कई अहम फैसले लिए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सभी जिलों के अधिकारियों से रिपोर्ट लेकर उनकी समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं। जरूरत पड़ने पर स्कूलों के विलय और पुनर्गठन पर भी विचार किया जा रहा है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में लगभग 1,200 स्कूल बंद किए गए हैं. इसमें 450 स्कूल जीरो इनरोलमेंट वाले थे. शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस महीने के अंत तक शिक्षकों के तबादलों पर रोक लगा दी जाएगी और नई ट्रांसफर पॉलिसी पर विचार किया जा रहा है.
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रोहित ठाकुर ने कहा कि जीरो इनरोलमेंट वाले करीब 100 स्कूल डिनोटिफाई किए जाएंगे. नियमों के अनुसार इन स्कूलों का मर्जर या डाउनग्रेडिंग किया जाएगा. इस प्रक्रिया में स्कूलों की संख्या और उनके बीच की दूरी जैसे पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा. जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है, उन्हें सीनियर सेकेंडरी और हाई स्कूल के रूप में अलग-अलग श्रेणी में विभाजित किया जाएगा।
इसके साथ ही, कई स्कूलों को को-एजुकेशन मॉडल में परिवर्तित किया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने सुधार कार्यों के लिए तीन प्रमुख स्कूलों की पहचान की है. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सुधार के लिए प्रयासरत है और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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