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शिमला ! विधायक एवं उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश नॉर्वे के सफल और समावेशी पर्वतीय विकास मॉडल को अपनाएगा। यह बात उन्होंने आज नॉर्वेजियन संसद के दौरे के उपरान्त कही।श्री पठानिया ने कहा कि हिमाचल और नॉर्वे, दोनों में पहाड़ी भौगोलिक परिस्थितियां, प्राकृतिक सुंदरता और जल संसाधनों की प्रचुरता जैसी समानताएं हैं, लेकिन इन संसाधनों के उपयोग के तरीके अलग हैं। उन्होंने कहा कि नॉर्वे ने स्थानीय स्व-शासन संस्थाओं को सशक्त किया है, भविष्य के लिए तैयार आधारभूत ढांचा विकसित किया है और पर्यावरण के अनुकूल दीर्घकालिक विकास मॉडल अपनाया है। उन्होंने हिमाचल में पंचायतों और खंड स्तर की संस्थाओं को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे विकास में तेजी आएगी, प्रशासन तंत्र अधिक उत्तरदायी और मजबूत बनेगा।नॉर्वे की सुरंग निर्माण तकनीक, इलेक्ट्रिक वाहनों और कचरा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में प्रगति का उल्लेख करते हुए श्री पठानिया ने कहा कि हिमाचल इन क्षेत्रों में वैज्ञानिक योजना और सार्वजनिक-निजी साझेदारी को अपनाकर लाभ उठा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सतत पर्यटन की दिशा में आगे बढ़ेगा और नॉर्वे के वर्ष भर चलने वाले ईको-टूरिज्म मॉडल का अध्ययन कर इसे अपनाएगा। श्री पठानिया ने कहा कि राज्य सरकार दीर्घकालिक दृष्टिकोण, हरित विकास नीतियों और जन-केंद्रित शासन के माध्यम से प्रदेश को एक समृद्ध भविष्य की ओर ले जाने के लिए कार्य करेगी।भारतीय मूल के नॉर्वेजियन संसद सदस्य हिमांशु गुलाटी इस अवसर पर उप मुख्य सचेतक के साथ उपस्थित रहे।
शिमला ! विधायक एवं उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश नॉर्वे के सफल और समावेशी पर्वतीय विकास मॉडल को अपनाएगा। यह बात उन्होंने आज नॉर्वेजियन संसद के दौरे के उपरान्त कही।श्री पठानिया ने कहा कि हिमाचल और नॉर्वे, दोनों में पहाड़ी भौगोलिक परिस्थितियां, प्राकृतिक सुंदरता और जल संसाधनों की प्रचुरता जैसी समानताएं हैं, लेकिन इन संसाधनों के उपयोग के तरीके अलग हैं। उन्होंने कहा कि नॉर्वे ने स्थानीय स्व-शासन संस्थाओं को सशक्त किया है, भविष्य के लिए तैयार आधारभूत ढांचा विकसित किया है और पर्यावरण के अनुकूल दीर्घकालिक विकास मॉडल अपनाया है।
उन्होंने हिमाचल में पंचायतों और खंड स्तर की संस्थाओं को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे विकास में तेजी आएगी, प्रशासन तंत्र अधिक उत्तरदायी और मजबूत बनेगा।नॉर्वे की सुरंग निर्माण तकनीक, इलेक्ट्रिक वाहनों और कचरा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में प्रगति का उल्लेख करते हुए श्री पठानिया ने कहा कि हिमाचल इन क्षेत्रों में वैज्ञानिक योजना और सार्वजनिक-निजी साझेदारी को अपनाकर लाभ उठा सकता है।
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उन्होंने कहा कि राज्य सतत पर्यटन की दिशा में आगे बढ़ेगा और नॉर्वे के वर्ष भर चलने वाले ईको-टूरिज्म मॉडल का अध्ययन कर इसे अपनाएगा। श्री पठानिया ने कहा कि राज्य सरकार दीर्घकालिक दृष्टिकोण, हरित विकास नीतियों और जन-केंद्रित शासन के माध्यम से प्रदेश को एक समृद्ध भविष्य की ओर ले जाने के लिए कार्य करेगी।भारतीय मूल के नॉर्वेजियन संसद सदस्य हिमांशु गुलाटी इस अवसर पर उप मुख्य सचेतक के साथ उपस्थित रहे।
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