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शिमला , 19 अगस्त [ विशाल सूद ] ! कालीबाड़ी हॉल शिमला में आयोजित किया गया। कालीबाड़ी हॉल शिमला में आयोजित किया गया। सम्मेलन में शिमला शहर के सैंकडों नागरिकों ने भाग लिया। सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि पानी, कूड़ा, प्रॉपर्टी टैक्स, स्वास्थ्य, बिजली, शहर में बस सुविधा, ट्रैफिक जाम, बंदरों, कुत्तों, सरकारी स्कूलों को मजबूत करने, निजी स्कूलों की मनमानी लूट व भारी फीसों सहित अन्य मुद्दों पर शिमला शहर की जनता को लामबंद करके शिमला शहर में एक विशाल आंदोलन खड़ा किया जाएगा। सम्मेलन में उन्नीस पदाधिकारियों सहित पचहतर सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। कमेटी में जगमोहन ठाकुर को अध्यक्ष, विवेक कश्यप को सचिव, सुनील वशिष्ठ को कोषाध्यक्ष, वीरेंद्र ठाकुर, महेश वर्मा, डॉ विजय कौशल, गोबिंद चितरांटा, हेमराज चौधरी, जगदीप पंवर, सोनिया सबरबाल, रमा रावत को उपाध्यक्ष, बालक राम, भूपेंद्र सिंह, बरकत राज, संजीव खजूरिया, पवन शर्मा, कपिल शर्मा, अंकित दुबे, किशोरी ढटवालिया को सह सचिव को कमेटी सदस्य चुना गया। सम्मेलन का उद्घाटन शिमला नागरिक सभा के भूतपूर्व अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने किया। सम्मेलन को जगत राम, समरहिल वार्ड पार्षद विरेंद्र ठाकुर, संजीव खजूरिया, गोबिंद चितरांटा, एडवोकेट मोहन शर्मा, कपिल शर्मा, नवनिर्वाचित अध्यक्ष जगमोहन ठाकुर व सचिव विवेक कश्यप ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शिमला शहर में सरकार व नगर निगम शिमला की जनविरोधी नवउदारवादी नीतियों के कारण जनता की पीड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसलिए शिमला नागरिक सभा पानी, कूड़ा, प्रॉपर्टी टैक्स, स्वास्थ्य, बिजली, शहर में बस सुविधा, ट्रैफिक जाम, बंदरों, कुत्तों, सरकारी स्कूलों को मजबूत करने, निजी स्कूलों की मनमानी लुट व भारी फीसों सहित अन्य मुद्दों पर 17 सितम्बर को उपायुक्त व नगर निगम आयुक्त कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन करेगी जिसमें शिमला शहर के सैंकडों नागरिक भाग लेंगे। इस से पूर्व शिमला शहर की जनता में जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। वार्ड स्तर की समस्याओं पर जनता को लामबंद किया जाएगा व नगर निगम शिमला के प्रशासन की घेराबंदी की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार व नगर निगम शिमला की नवउदारवादी जनविरोधी नीतियों से शिमला शहर की जनता भारी पीड़ा में है। शहर की जनता पर कई तरह की आर्थिक मार पड़ रही है। कई तरह का टैक्स चुकाने के बावजूद भी शिमला शहर की जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। शिमला शहर में आम जनता कोई भी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। जनविरोधी नीतियों से शिमला के नागरिक, कर्मचारी, पेंशनर, मजदूर, महिलाएं, छात्र, नौजवान परेशान हैं। पानी, कूड़े, प्रॉपर्टी टैक्स, अन्य जनउपयोगी सुविधाओं की दरों में हर वर्ष दस प्रतिशत बढ़ोतरी की जा रही है जोकि तानाशाही है। जनता पर स्मार्ट मीटर योजना लादकर उस से भारी भरकम बिल वसूली हो रही है। पानी व कूड़े के बिल हजारों में आ रहे हैं। इन सुविधाओं का निजीकरण करके व इन्हें महंगा करके जनता पर भारी आर्थिक बोझ लादा जा रहा है। जनता इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी व इसके खिलाफ आंदोलन खड़ा करेगी। व्यापक आंदोलन की रूपरेखा शिमला नागरिक सभा कमेटी 27 अगस्त को बनाएगी।
शिमला , 19 अगस्त [ विशाल सूद ] ! कालीबाड़ी हॉल शिमला में आयोजित किया गया। कालीबाड़ी हॉल शिमला में आयोजित किया गया। सम्मेलन में शिमला शहर के सैंकडों नागरिकों ने भाग लिया। सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि पानी, कूड़ा, प्रॉपर्टी टैक्स, स्वास्थ्य, बिजली, शहर में बस सुविधा, ट्रैफिक जाम, बंदरों, कुत्तों, सरकारी स्कूलों को मजबूत करने, निजी स्कूलों की मनमानी लूट व भारी फीसों सहित अन्य मुद्दों पर शिमला शहर की जनता को लामबंद करके शिमला शहर में एक विशाल आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
सम्मेलन में उन्नीस पदाधिकारियों सहित पचहतर सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। कमेटी में जगमोहन ठाकुर को अध्यक्ष, विवेक कश्यप को सचिव, सुनील वशिष्ठ को कोषाध्यक्ष, वीरेंद्र ठाकुर, महेश वर्मा, डॉ विजय कौशल, गोबिंद चितरांटा, हेमराज चौधरी, जगदीप पंवर, सोनिया सबरबाल, रमा रावत को उपाध्यक्ष, बालक राम, भूपेंद्र सिंह, बरकत राज, संजीव खजूरिया, पवन शर्मा, कपिल शर्मा, अंकित दुबे, किशोरी ढटवालिया को सह सचिव को कमेटी सदस्य चुना गया।
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सम्मेलन का उद्घाटन शिमला नागरिक सभा के भूतपूर्व अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने किया। सम्मेलन को जगत राम, समरहिल वार्ड पार्षद विरेंद्र ठाकुर, संजीव खजूरिया, गोबिंद चितरांटा, एडवोकेट मोहन शर्मा, कपिल शर्मा, नवनिर्वाचित अध्यक्ष जगमोहन ठाकुर व सचिव विवेक कश्यप ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शिमला शहर में सरकार व नगर निगम शिमला की जनविरोधी नवउदारवादी नीतियों के कारण जनता की पीड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
इसलिए शिमला नागरिक सभा पानी, कूड़ा, प्रॉपर्टी टैक्स, स्वास्थ्य, बिजली, शहर में बस सुविधा, ट्रैफिक जाम, बंदरों, कुत्तों, सरकारी स्कूलों को मजबूत करने, निजी स्कूलों की मनमानी लुट व भारी फीसों सहित अन्य मुद्दों पर 17 सितम्बर को उपायुक्त व नगर निगम आयुक्त कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन करेगी जिसमें शिमला शहर के सैंकडों नागरिक भाग लेंगे।
इस से पूर्व शिमला शहर की जनता में जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। वार्ड स्तर की समस्याओं पर जनता को लामबंद किया जाएगा व नगर निगम शिमला के प्रशासन की घेराबंदी की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार व नगर निगम शिमला की नवउदारवादी जनविरोधी नीतियों से शिमला शहर की जनता भारी पीड़ा में है।
शहर की जनता पर कई तरह की आर्थिक मार पड़ रही है। कई तरह का टैक्स चुकाने के बावजूद भी शिमला शहर की जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। शिमला शहर में आम जनता कोई भी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। जनविरोधी नीतियों से शिमला के नागरिक, कर्मचारी, पेंशनर, मजदूर, महिलाएं, छात्र, नौजवान परेशान हैं।
पानी, कूड़े, प्रॉपर्टी टैक्स, अन्य जनउपयोगी सुविधाओं की दरों में हर वर्ष दस प्रतिशत बढ़ोतरी की जा रही है जोकि तानाशाही है। जनता पर स्मार्ट मीटर योजना लादकर उस से भारी भरकम बिल वसूली हो रही है। पानी व कूड़े के बिल हजारों में आ रहे हैं।
इन सुविधाओं का निजीकरण करके व इन्हें महंगा करके जनता पर भारी आर्थिक बोझ लादा जा रहा है। जनता इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी व इसके खिलाफ आंदोलन खड़ा करेगी। व्यापक आंदोलन की रूपरेखा शिमला नागरिक सभा कमेटी 27 अगस्त को बनाएगी।
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