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शिमला , 16 मई ! युवा पीढ़ी देश व दुनिया के उज्ज्वल भविष्य का मज़बूत आधार होती है। खासतौर पर आर्थिक दृष्टिकोण से युवा उद्यमी ही रोजगार सृजन, उत्पादकता में वृद्धि, ग्रामीण संसाधनों के उचित दोहन और नवपरिर्वतन द्वारा दुनिया की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर सुनहरे भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। युवा उद्यमशीलता के बल पर अपने परिवार, क्षेत्र व समाज की आर्थिक स्थिति में सार्थक बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं। दुनिया भर के नीति निर्माताओं का मानना है कि उद्यमिता युवाओं को आत्मनिर्भर बना सकती है। दुनिया के बड़े-बड़े व्यवसाय आज अपने-अपने क्षेत्र में उच्च पदों पर युवाआंे को काबिलियत के आधार पर बढ़ावा दे रहे हैं क्योंकि आज का युवा पुरानी पीढ़ी के उद्यमियों के मुकाबले अधिक ऊर्जावान है। वह नवोन्मेषी तकनीकों को अपनाने में तत्पर रहता है। वैश्वीकरण और डिजिटल प्रौद्योगिकी के दौर में समय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुए युवाओं ने एक उद्यमी के तौर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। युवाओं ने निर्भीक तरीके से सामाजिक एवं संस्कृति के सीमित दायरे से बाहर निकलकर व्यवसायों को एक ऐसा विस्तार दिया है जो आज तक नहीं देखा गया। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने युवा उद्यमियों को राज्य के विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का निर्णय लिया है। इसके लिए युवा उद्यमियों को हिमाचल प्रदेश में निवेश लाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश में बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया जा रहा है। सरकार द्वारा कुछ ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनमें युवा उद्यमियों की भागीदारी को बड़े स्तर पर बढ़ाकर प्रदेश की आर्थिकी को प्रोत्साहन प्रदान किया जा सके। इसके अलावा कृत्रिम मेधा, वेब डेवलपमेंट, ऐप डेवलपमेंट, मोबाइल गेम्स, डिजिटल क्रिएशन और रोबोटिक्स आदि ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें युवा उद्यमी राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहन से लाभान्वित होकर हिमाचल में व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं। दुनियाभर में इन व्यवसायों से जुड़े रोजगार एवं स्वरोजगार के अपार अवसर हैं जिनसे हिमाचल के युवा भी लाभ अर्जित कर सकते हैं। राज्य सरकार केन और बांस आधारित पारंपरिक फुटवेयर, चाय आधारित, बुनाई, खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों में केंद्रीय क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत क्लस्टर स्थापित करने की योजना बना रही है। इस निर्णय से भी युवा उद्यमियों को निवेश करने के पर्याप्त अवसर मिलेंगे। राज्य सरकार द्वारा टाहलीवाल, परवाणू, जीतपुर बहेरी, खादीन और गोंदपुर में ऐसे क्लस्टर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है, जो स्थानीय युवाओं के उद्यमिता कौशल को निखारने का नया अवसर प्रदान करेंगे। राज्य सरकार की इन नवीन पहलों से हिमाचल प्रदेश जल्द ही विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमों को आकर्षित कर विकास के नए आयाम स्थापित करेगा। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 16 मई ! युवा पीढ़ी देश व दुनिया के उज्ज्वल भविष्य का मज़बूत आधार होती है। खासतौर पर आर्थिक दृष्टिकोण से युवा उद्यमी ही रोजगार सृजन, उत्पादकता में वृद्धि, ग्रामीण संसाधनों के उचित दोहन और नवपरिर्वतन द्वारा दुनिया की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर सुनहरे भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। युवा उद्यमशीलता के बल पर अपने परिवार, क्षेत्र व समाज की आर्थिक स्थिति में सार्थक बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं।
दुनिया भर के नीति निर्माताओं का मानना है कि उद्यमिता युवाओं को आत्मनिर्भर बना सकती है। दुनिया के बड़े-बड़े व्यवसाय आज अपने-अपने क्षेत्र में उच्च पदों पर युवाआंे को काबिलियत के आधार पर बढ़ावा दे रहे हैं क्योंकि आज का युवा पुरानी पीढ़ी के उद्यमियों के मुकाबले अधिक ऊर्जावान है। वह नवोन्मेषी तकनीकों को अपनाने में तत्पर रहता है।
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वैश्वीकरण और डिजिटल प्रौद्योगिकी के दौर में समय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुए युवाओं ने एक उद्यमी के तौर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। युवाओं ने निर्भीक तरीके से सामाजिक एवं संस्कृति के सीमित दायरे से बाहर निकलकर व्यवसायों को एक ऐसा विस्तार दिया है जो आज तक नहीं देखा गया।
इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने युवा उद्यमियों को राज्य के विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का निर्णय लिया है। इसके लिए युवा उद्यमियों को हिमाचल प्रदेश में निवेश लाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश में बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया जा रहा है।
सरकार द्वारा कुछ ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनमें युवा उद्यमियों की भागीदारी को बड़े स्तर पर बढ़ाकर प्रदेश की आर्थिकी को प्रोत्साहन प्रदान किया जा सके।
इसके अलावा कृत्रिम मेधा, वेब डेवलपमेंट, ऐप डेवलपमेंट, मोबाइल गेम्स, डिजिटल क्रिएशन और रोबोटिक्स आदि ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें युवा उद्यमी राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहन से लाभान्वित होकर हिमाचल में व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं। दुनियाभर में इन व्यवसायों से जुड़े रोजगार एवं स्वरोजगार के अपार अवसर हैं जिनसे हिमाचल के युवा भी लाभ अर्जित कर सकते हैं।
राज्य सरकार केन और बांस आधारित पारंपरिक फुटवेयर, चाय आधारित, बुनाई, खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों में केंद्रीय क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत क्लस्टर स्थापित करने की योजना बना रही है।
इस निर्णय से भी युवा उद्यमियों को निवेश करने के पर्याप्त अवसर मिलेंगे। राज्य सरकार द्वारा टाहलीवाल, परवाणू, जीतपुर बहेरी, खादीन और गोंदपुर में ऐसे क्लस्टर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है, जो स्थानीय युवाओं के उद्यमिता कौशल को निखारने का नया अवसर प्रदान करेंगे।
राज्य सरकार की इन नवीन पहलों से हिमाचल प्रदेश जल्द ही विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमों को आकर्षित कर विकास के नए आयाम स्थापित करेगा।
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