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शिमला , 31 मई ! न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सक्षम और अभिनव मार्गदर्शन के तहत नगर पालिकाओं, स्थानीय निकायों, नगर परिषदों के स्वच्छता कर्मचारियों तथा कार्यकर्तायों, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन विभाग, गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और अन्य हितधारकों की भागीदारी से 18 मई, 2023 को स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण को सुनिश्चित करने तथा स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण से संबन्धित सभी नागरिकों के मौलिक कर्तव्य के बारे मे कानूनी जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक जागरूकता तथा संवेदीकरण अभियान शुरू किया गया था। यह अभियान 61 शहरी निकायों में 3150 से अधिक स्वच्छता कर्मचारियों तथा लगभग 1500 निकायों के कार्यकर्ताओं, अन्य हितधारकों, गैर सरकारी संगठनों सहित अन्य संस्थानों आदि के सहयोग से चलाया गया। इस अभियान को इसमे शामिल सभी लोगों से जबरदस्त समर्थन और सहयोग मिला है। अभियान के दौरान अब तक 500 से अधिक चिन्हित हॉटस्पॉट से लगभग 109 टन कचरा हटाकर उसका निस्तारण किया जा चुका है। अभियान के दौरान शोघी मे सड़क के किनारे पर एक हॉटस्पॉट से वहां फेंके गए टनों कचरे को हटाने के लिए जेसीबी मशीन को लगाया गया था। इसके अतिरिक्त नदियों के किनारे, खड्डों, नालों, वन क्षेत्रों, सड़कों, पार्कों, पर्यटन स्थलों आदि से भी कचरा हटाया गया। कुछ स्थानों विशेष रूप से किन्नौर और चम्बा जिलों में गैर सरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह, महिला स्वयंसेवी इस अभियान में शामिल होने के लिए आगे आए। न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में ग्राम पंचायतों, महिला मंडलों, युवक मंडलों, आंगनबाड़ी कार्यकर्तायों, स्वयं सहायता समूहों, गैर सरकारी संगठनो, सामाजिक संगठनो और अन्य स्वयं सेवकों की भागीदारी से राज्य में 1 जून, 2023 से सामुदायिक सफाई अभियान शुरू किया जाएगा। यह सामुदायिक सफाई अभियान मुख्य रूप से निम्नलिखित बिंदयों पर आधारित होगा:- पंचायत घरों, ग्राम सामुदायिक केंद्रों, महिला मंडल तथा युवक मंडल भवनों, आंगनबाड़ियों, वरिष्ठ नागरिक केंद्रों आदि की सफाई। गांव की गलियों, मंदिरों, खेल के मैदानों, खाली जगहों आदि से कबाड़ और कचरा उठाना, कुओं, तालाबों, जलाश्यों, पानी के टैंकों आदि की सफाई करना। इस अभियान मे राज्य की सभी पंचायतों को सम्मिलित करने का लक्ष्य रखा गया है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 31 मई ! न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सक्षम और अभिनव मार्गदर्शन के तहत नगर पालिकाओं, स्थानीय निकायों, नगर परिषदों के स्वच्छता कर्मचारियों तथा कार्यकर्तायों, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन विभाग, गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और अन्य हितधारकों की भागीदारी से 18 मई, 2023 को स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण को सुनिश्चित करने तथा स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण से संबन्धित सभी नागरिकों के मौलिक कर्तव्य के बारे मे कानूनी जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक जागरूकता तथा संवेदीकरण अभियान शुरू किया गया था।
यह अभियान 61 शहरी निकायों में 3150 से अधिक स्वच्छता कर्मचारियों तथा लगभग 1500 निकायों के कार्यकर्ताओं, अन्य हितधारकों, गैर सरकारी संगठनों सहित अन्य संस्थानों आदि के सहयोग से चलाया गया।
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इस अभियान को इसमे शामिल सभी लोगों से जबरदस्त समर्थन और सहयोग मिला है। अभियान के दौरान अब तक 500 से अधिक चिन्हित हॉटस्पॉट से लगभग 109 टन कचरा हटाकर उसका निस्तारण किया जा चुका है। अभियान के दौरान शोघी मे सड़क के किनारे पर एक हॉटस्पॉट से वहां फेंके गए टनों कचरे को हटाने के लिए जेसीबी मशीन को लगाया गया था। इसके अतिरिक्त नदियों के किनारे, खड्डों, नालों, वन क्षेत्रों, सड़कों, पार्कों, पर्यटन स्थलों आदि से भी कचरा हटाया गया। कुछ स्थानों विशेष रूप से किन्नौर और चम्बा जिलों में गैर सरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह, महिला स्वयंसेवी इस अभियान में शामिल होने के लिए आगे आए।
न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में ग्राम पंचायतों, महिला मंडलों, युवक मंडलों, आंगनबाड़ी कार्यकर्तायों, स्वयं सहायता समूहों, गैर सरकारी संगठनो, सामाजिक संगठनो और अन्य स्वयं सेवकों की भागीदारी से राज्य में 1 जून, 2023 से सामुदायिक सफाई अभियान शुरू किया जाएगा।
यह सामुदायिक सफाई अभियान मुख्य रूप से निम्नलिखित बिंदयों पर आधारित होगा:- पंचायत घरों, ग्राम सामुदायिक केंद्रों, महिला मंडल तथा युवक मंडल भवनों, आंगनबाड़ियों, वरिष्ठ नागरिक केंद्रों आदि की सफाई।
गांव की गलियों, मंदिरों, खेल के मैदानों, खाली जगहों आदि से कबाड़ और कचरा उठाना, कुओं, तालाबों, जलाश्यों, पानी के टैंकों आदि की सफाई करना। इस अभियान मे राज्य की सभी पंचायतों को सम्मिलित करने का लक्ष्य रखा गया है।
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