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शिमला , 24 अगस्त [ विशाल सूद ] ! जल शक्ति विभाग पैरा वर्कर संघ ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।26 अगस्त को संघ के सदस्य सत्र के दौरान विधानसभा के समीप हल्ला बोलेंगे।इसके साथ ही संघ ने सरकार को हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दे दी है। 2017 में भर्ती किए गए पैरा वर्कर्स ने आरोप लगाते हुए कहा कि आज तक उनके लिए स्पष्ट नीति नहीं बनाई गई है। पिछले सात वर्षों से कर्मचारी अस्थायी तौर पर सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उनके लिए कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया है।काफी लंबे समय से सरकार से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत है लेकिन उनकी मांगों पर गौर नही किया गया।उन्होंने सरकार को मांगों के लिए अल्टीमेटम भी दिया इसके बावजूद उनकी मांगों को अनसुना ही किया गया। पैरा वर्कर संघ के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों को लेकर सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया था बावजूद इसके सरकार की ओर से उन्हें वार्ता के लिए कोई न्योता नही आया न ही उनकी मांगो पर कोई चर्चा की गई।सरकार उनकी ओर बेरुखी का रवैया अपनाए हुए है।मजबूरन पैरा कर्मचारी 26 अगस्त को विधानसभा के समीप चौड़ा मैदान में हजारों की संख्या में अपनी मांगों को लेकर विधानसभा घेराव करेंगे। यह पैरा वर्कर का सबसे बड़ा प्रदर्शन होगा।भरी बरसात में पैरा वर्कर्स कार्य कर रहे हैं।कई कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गयी और कई दुर्घटना का शिकार हो गए।बावजूद इसके सरकार ने इसे समय मे भी साथ नही दिया।लंबे समय से सरकार के समक्ष वह अपनी मांगों को उठा रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई गौर नही किया गया।यहां तक कि सरकार से मांग की गई कि हमारी पॉलिसी के बारे में हमें बताया जाए। यहां तक कि जल शक्ति विभाग के पैरा वर्कर्स को साप्ताहिक अवकाश जैसी बुनियादी सुविधा भी नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मल्टीपरपज वर्कर्स को 5500 वेतन मिलता है इसके साथी 6600 पैरा पंप ऑपरेटर और पैरा फीटर को।ओ कर्मचारी घर से 80 किलोमीटर दूर कार्य करते हैं उनका इस वेतन में गुजर बसर करना मुश्किल है। कई साथी इस तंगी से आत्महत्या भी कर चुके हैं।उन्होंने कहा कि 26 अगस्त पूर्णतः हड़ताल कर पैरा कर्मचारी विधानसभा का घेराव करेंगे और सरकार अगर उनसे कोई वार्ता नहीं करती तो आने वाले समय में वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं
शिमला , 24 अगस्त [ विशाल सूद ] ! जल शक्ति विभाग पैरा वर्कर संघ ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।26 अगस्त को संघ के सदस्य सत्र के दौरान विधानसभा के समीप हल्ला बोलेंगे।इसके साथ ही संघ ने सरकार को हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दे दी है।
2017 में भर्ती किए गए पैरा वर्कर्स ने आरोप लगाते हुए कहा कि आज तक उनके लिए स्पष्ट नीति नहीं बनाई गई है। पिछले सात वर्षों से कर्मचारी अस्थायी तौर पर सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उनके लिए कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया है।काफी लंबे समय से सरकार से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत है लेकिन उनकी मांगों पर गौर नही किया गया।उन्होंने सरकार को मांगों के लिए अल्टीमेटम भी दिया इसके बावजूद उनकी मांगों को अनसुना ही किया गया।
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पैरा वर्कर संघ के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों को लेकर सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया था बावजूद इसके सरकार की ओर से उन्हें वार्ता के लिए कोई न्योता नही आया न ही उनकी मांगो पर कोई चर्चा की गई।सरकार उनकी ओर बेरुखी का रवैया अपनाए हुए है।मजबूरन पैरा कर्मचारी 26 अगस्त को विधानसभा के समीप चौड़ा मैदान में हजारों की संख्या में अपनी मांगों को लेकर विधानसभा घेराव करेंगे।
यह पैरा वर्कर का सबसे बड़ा प्रदर्शन होगा।भरी बरसात में पैरा वर्कर्स कार्य कर रहे हैं।कई कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गयी और कई दुर्घटना का शिकार हो गए।बावजूद इसके सरकार ने इसे समय मे भी साथ नही दिया।लंबे समय से सरकार के समक्ष वह अपनी मांगों को उठा रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई गौर नही किया गया।यहां तक कि सरकार से मांग की गई कि हमारी पॉलिसी के बारे में हमें बताया जाए।
यहां तक कि जल शक्ति विभाग के पैरा वर्कर्स को साप्ताहिक अवकाश जैसी बुनियादी सुविधा भी नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मल्टीपरपज वर्कर्स को 5500 वेतन मिलता है इसके साथी 6600 पैरा पंप ऑपरेटर और पैरा फीटर को।ओ कर्मचारी घर से 80 किलोमीटर दूर कार्य करते हैं उनका इस वेतन में गुजर बसर करना मुश्किल है।
कई साथी इस तंगी से आत्महत्या भी कर चुके हैं।उन्होंने कहा कि 26 अगस्त पूर्णतः हड़ताल कर पैरा कर्मचारी विधानसभा का घेराव करेंगे और सरकार अगर उनसे कोई वार्ता नहीं करती तो आने वाले समय में वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं
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