
हमीरपुर के नादौन में 65 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया जा रहा है बहुउद्देशीय स्पोर्टस कॉम्पलेक्स
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मंडी , 06 जुलाई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल में खेल केंद्रित मॉडल विकसित कर प्रदेश को खेल भूमि के रूप में स्थापित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेेश में ऐसा इको सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश सरकार खिलाड़ियों की आवश्यकताओं की पूर्ति कर रही है जिससे खिलाड़ियों का ध्यान केवल प्रतिस्पर्धा पर केन्द्रित रहेगा। प्रदेश में खेल अधोसंरचना को विस्तार प्रदान किया जा रहा है। जिला हमीरपुर के नादौन के खरेड़ी में 65.61 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक बहुउद्देशीय स्पोर्टस परिसर का निर्माण किया जा रहा है। इस स्पोर्टस परिसर मेें आठ लेन के स्वीमिंग पूल, शूटिंग रेंज, कुश्ती, मुक्केबाजी, कबड्डी, टेबल टेनिस, टेनिस और बैडमिंटन के लिए खिलाड़ियों को अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इस वित्त वर्ष में बिलासपुर के लुहणू में 100 बिस्तरों की क्षमता वाला खेल छात्रावास निर्मित किया जाएगा। इसके साथ शिमला जिला के कुटासनी में राजीव गांधी बहुउद्देशीय स्टेडियम में अत्याधुनिक खेल अधोसंरचना का निर्माण और सोलन में इंडोर स्टेडियम के साथ-साथ रिकांगपिओ, हरोली और जयसिंहपुर में स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। खिलाड़ियों की सुविधा के लिए हमीरपुर और सुजानपुर में सिंथेटिक टैªक और फील्ड सुविधा का निर्माण किया जाएगा। खिलाड़ियों के जीवन में प्रशिक्षण के साथ-साथ पोषणयुक्त आहार का भी महत्त्व रहता है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने विभिन्न स्तरों की प्रतिस्पर्धाओं के लिए खिलाड़ियों की दी जाने वाली डाइट मनी में उल्लेखनीय वृद्धि की है। प्रारम्भिक शिक्षा स्तर के खिलाड़ियों को प्रदेश में होने वाली प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने पर 250 रुपये प्रतिदिन और अन्य सभी खिलाड़ियों को 400 रुपये प्रतिदिन डाइट मनी के रूप में दिए जा रहे हैं। प्रदेश से बाहर आयोजित होने वाली प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को 500 रुपये प्रतिदिन डाइट मनी दी जा रही है। खेल छात्रावासों में रहने वाले सभी खिलाड़ियों को 250 और प्रदेश के बाहर 400 रुपये डाइट मनी दी जा रही है। प्रदेश सरकार ने 421 खिलाड़ियों को डाइट मनी के रूप में 76.98 लाख रुपये वितरित किए हैं।खिलाड़ियों को यात्रा सुविधा का भी लाभ दिया जा रहा है। इसके तहत राज्य के बाहर 200 किलोमीटर की दूरी तक खेल स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए खिलाड़ियों को एसी-3 टीयर किराया और इससे अधिक दूरी के स्थानों पर जाने के लिए इकनॉमिक क्लास फेयर दिया जा रहा है। प्रदेश के 235 खिलाड़ियों को 6,01,250 रुपये यात्रा सुविधा के रूप में प्रदान किए गए हैं। प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से अब सरकार ने राज्य व राष्ट्र स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को उस अवधि के दौरान विशेष अवकाश उपस्थिति के रूप में दर्ज किया जाएगा जिससे अब आन्तरिक मूल्याकंन व शैक्षणिक रिकॉर्ड पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। स्कूल अब ऐसे विद्यार्थियों को अनुपस्थित करने के बजाय विशेष अवकाश उपस्थित के रूप में अंकित करेगा। हिमाचल के खिलाड़ी अन्तरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को सम्मान प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने अन्तरराष्ट्रीय खेल विजेताओं की सम्मान राशि में उल्लेखनीय वृद्धि की है। ओलंपिक, शीतकालीन ओलंपिक तथा पैरालंपिक प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि 3 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये की गई है। रजत पदक विजेताओं को अब 2 करोड़ रुपये के स्थान पर 3 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक विजेताओं को 1 करोड़ रुपये के स्थान पर 2 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। एशियाई खेलों तथा पैरा एशियाई खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिए स्वर्ण पदक विजेताओं की पुरस्कार राशि में वृद्धि करते हुए इसे 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 करोड़ रुपये किया गया है, जबकि रजत पदक विजेताओं को 30 लाख रुपये के स्थान पर 2.50 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक विजेताओं को 20 लाख रुपये के स्थान पर 1.50 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेताओं को तीन करोड़, रजत पदक विजेताओं को दो करोड़ और कांस्य पदक विजेताओं को एक करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जा रही है। प्रदेश के 21 अन्तरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को बढ़ी हुई पुरस्कार राशि के साथ 14.77 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया है और अन्य उत्कृष्ट खिलाड़ियों को लगभग 44 लाख रुपये की पुरस्कार राशि वितरित की गई है। हिमाचल में खेलों में समावेशिता को सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रदेश में विभिन्न खेल प्रतिस्पर्धाओं के माध्यम से हर स्तर पर खेल प्रतिभाओं की पहचान, प्रशिक्षण और सरकार की तरफ से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं जिसके परिणामस्वरूप हिमाचल के खेल सितारे पदक तालिका में प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं।
मंडी , 06 जुलाई [ विशाल सूद ] ! हिमाचल में खेल केंद्रित मॉडल विकसित कर प्रदेश को खेल भूमि के रूप में स्थापित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेेश में ऐसा इको सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश सरकार खिलाड़ियों की आवश्यकताओं की पूर्ति कर रही है जिससे खिलाड़ियों का ध्यान केवल प्रतिस्पर्धा पर केन्द्रित रहेगा।
प्रदेश में खेल अधोसंरचना को विस्तार प्रदान किया जा रहा है। जिला हमीरपुर के नादौन के खरेड़ी में 65.61 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक बहुउद्देशीय स्पोर्टस परिसर का निर्माण किया जा रहा है। इस स्पोर्टस परिसर मेें आठ लेन के स्वीमिंग पूल, शूटिंग रेंज, कुश्ती, मुक्केबाजी, कबड्डी, टेबल टेनिस, टेनिस और बैडमिंटन के लिए खिलाड़ियों को अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।
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इस वित्त वर्ष में बिलासपुर के लुहणू में 100 बिस्तरों की क्षमता वाला खेल छात्रावास निर्मित किया जाएगा। इसके साथ शिमला जिला के कुटासनी में राजीव गांधी बहुउद्देशीय स्टेडियम में अत्याधुनिक खेल अधोसंरचना का निर्माण और सोलन में इंडोर स्टेडियम के साथ-साथ रिकांगपिओ, हरोली और जयसिंहपुर में स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। खिलाड़ियों की सुविधा के लिए हमीरपुर और सुजानपुर में सिंथेटिक टैªक और फील्ड सुविधा का निर्माण किया जाएगा।
खिलाड़ियों के जीवन में प्रशिक्षण के साथ-साथ पोषणयुक्त आहार का भी महत्त्व रहता है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने विभिन्न स्तरों की प्रतिस्पर्धाओं के लिए खिलाड़ियों की दी जाने वाली डाइट मनी में उल्लेखनीय वृद्धि की है। प्रारम्भिक शिक्षा स्तर के खिलाड़ियों को प्रदेश में होने वाली प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने पर 250 रुपये प्रतिदिन और अन्य सभी खिलाड़ियों को 400 रुपये प्रतिदिन डाइट मनी के रूप में दिए जा रहे हैं।
प्रदेश से बाहर आयोजित होने वाली प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को 500 रुपये प्रतिदिन डाइट मनी दी जा रही है। खेल छात्रावासों में रहने वाले सभी खिलाड़ियों को 250 और प्रदेश के बाहर 400 रुपये डाइट मनी दी जा रही है। प्रदेश सरकार ने 421 खिलाड़ियों को डाइट मनी के रूप में 76.98 लाख रुपये वितरित किए हैं।
खिलाड़ियों को यात्रा सुविधा का भी लाभ दिया जा रहा है।
इसके तहत राज्य के बाहर 200 किलोमीटर की दूरी तक खेल स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए खिलाड़ियों को एसी-3 टीयर किराया और इससे अधिक दूरी के स्थानों पर जाने के लिए इकनॉमिक क्लास फेयर दिया जा रहा है। प्रदेश के 235 खिलाड़ियों को 6,01,250 रुपये यात्रा सुविधा के रूप में प्रदान किए गए हैं।
प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से अब सरकार ने राज्य व राष्ट्र स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को उस अवधि के दौरान विशेष अवकाश उपस्थिति के रूप में दर्ज किया जाएगा जिससे अब आन्तरिक मूल्याकंन व शैक्षणिक रिकॉर्ड पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। स्कूल अब ऐसे विद्यार्थियों को अनुपस्थित करने के बजाय विशेष अवकाश उपस्थित के रूप में अंकित करेगा।
हिमाचल के खिलाड़ी अन्तरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को सम्मान प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने अन्तरराष्ट्रीय खेल विजेताओं की सम्मान राशि में उल्लेखनीय वृद्धि की है। ओलंपिक, शीतकालीन ओलंपिक तथा पैरालंपिक प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि 3 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये की गई है। रजत पदक विजेताओं को अब 2 करोड़ रुपये के स्थान पर 3 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक विजेताओं को 1 करोड़ रुपये के स्थान पर 2 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं।
एशियाई खेलों तथा पैरा एशियाई खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिए स्वर्ण पदक विजेताओं की पुरस्कार राशि में वृद्धि करते हुए इसे 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 करोड़ रुपये किया गया है, जबकि रजत पदक विजेताओं को 30 लाख रुपये के स्थान पर 2.50 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक विजेताओं को 20 लाख रुपये के स्थान पर 1.50 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेताओं को तीन करोड़, रजत पदक विजेताओं को दो करोड़ और कांस्य पदक विजेताओं को एक करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जा रही है।
प्रदेश के 21 अन्तरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को बढ़ी हुई पुरस्कार राशि के साथ 14.77 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया है और अन्य उत्कृष्ट खिलाड़ियों को लगभग 44 लाख रुपये की पुरस्कार राशि वितरित की गई है।
हिमाचल में खेलों में समावेशिता को सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रदेश में विभिन्न खेल प्रतिस्पर्धाओं के माध्यम से हर स्तर पर खेल प्रतिभाओं की पहचान, प्रशिक्षण और सरकार की तरफ से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं जिसके परिणामस्वरूप हिमाचल के खेल सितारे पदक तालिका में प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं।
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