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करसोग ! अब उपमडल करसोग में रैड जान से आने वाले सभी व्यक्तियों को संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में ही रखा जाएगा। तथा आने वाले लोगों को संस्थागत क्वांरटाइन केन्द्रो मे रखने को लेकर समुचित प्रबंध भी किए गए हैं। इन केंद्रों पर उनकी सुविधाओं का ख्याल रखने की भी व्यवस्था की गई है। करसोग एस डी एम सुरेन्द्र ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्णय के अनुसार प्रदेश से बाहर विभिन्न राज्यों में फंसे हिमाचल वासियों को विशेष ट्रेनों के माध्यम से वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है। इसमें बंगलौर से बुधवार को ऊना पहुंचने वाली ट्रेन में करीब 50 लोग जिला मंडी के हैं। उसके बाद 574 व्यक्ति महाराष्ट्र से और 510 गोवा से आने हैं। इन सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर उपमडल पर विशेष प्रबन्ध किए गए हैं। तथा संस्थागत क्वारंटाइन केन्द्रों में ही रहने की व्यवस्था की गई है। उपमडल करसोग मे भी 52संस्थागत क्वांरनटाइन केन्द्र स्थापित किए गए है। इन केन्द्रों में लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। क्वारंटाइन अवधि पूरी करने के उपरान्त ही ये लोग अपने घरों में जा सकेंगे। तथा यदि कोई व्यक्ति संस्थागत क्वारंनटाइन केद्र मे न रहकर घर चले जाता है। तो उसके पूरे परिवार को होम क्वारनटाइन मे रखा जाएगा।
करसोग ! अब उपमडल करसोग में रैड जान से आने वाले सभी व्यक्तियों को संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में ही रखा जाएगा। तथा आने वाले लोगों को संस्थागत क्वांरटाइन केन्द्रो मे रखने को लेकर समुचित प्रबंध भी किए गए हैं। इन केंद्रों पर उनकी सुविधाओं का ख्याल रखने की भी व्यवस्था की गई है।
करसोग एस डी एम सुरेन्द्र ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्णय के अनुसार प्रदेश से बाहर विभिन्न राज्यों में फंसे हिमाचल वासियों को विशेष ट्रेनों के माध्यम से वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है। इसमें बंगलौर से बुधवार को ऊना पहुंचने वाली ट्रेन में करीब 50 लोग जिला मंडी के हैं। उसके बाद 574 व्यक्ति महाराष्ट्र से और 510 गोवा से आने हैं।
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इन सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर उपमडल पर विशेष प्रबन्ध किए गए हैं। तथा संस्थागत क्वारंटाइन केन्द्रों में ही रहने की व्यवस्था की गई है। उपमडल करसोग मे भी 52संस्थागत क्वांरनटाइन केन्द्र स्थापित किए गए है। इन केन्द्रों में लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। क्वारंटाइन अवधि पूरी करने के उपरान्त ही ये लोग अपने घरों में जा सकेंगे। तथा यदि कोई व्यक्ति संस्थागत क्वारंनटाइन केद्र मे न रहकर घर चले जाता है। तो उसके पूरे परिवार को होम क्वारनटाइन मे रखा जाएगा।
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