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कुल्लू , 21 अप्रैल [ महेंद्र पालसरा ] ! जिला कुल्लू की अति दुर्गम ग्राम पंचायत गाडापारली के अन्तिम गांव शाक्टी मौरोड़ का महेशु आज अचानक 3 बजे दोपहर बीमार पड़ गया। तो ग्रामीण उसे पीठ पर लाद कर 20 किलोमीटर दूर सैंज अस्पताल में इलाज के लिए चल पड़े और सभी अपने भाग्य को कोस रहे थे। आपस में बातें कर रहे थे कि वंचित के इतने दशक बीतने के बाद भी वे मानव जीवन की भाग्य रेखा सड़क और बिजली सुविधा से वंचित क्यों है? कई सरकारें आई और कई सरकारें चली गई लेकिन इन वाशिंदों को सभी नेता ठगते रहे। ग्रामीणों ने बताया कि वे इस बार लोक सभा चुनावों के बहिष्कार के बारे में सोच रहे हैं। उन्होंने कहां कि वे हर बार ठगे गए, बार बार आश्वाशन मिले लेकिन न तो इस क्षेत्र में सड़क पहुंची और न ही बिजली। देश के अन्य नागरिक इन सुविधाओं से एक पल भी दूर होते ही बैचेन हो उठते हैं, लेकिन इन वाशिंदों के लिए बिजली और सड़क सुविधा महज एक कोरा सपना है। उल्लेखनीय है कि यह क्षेत्र ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के अंतर्गत आता है तथा यहां इसी पंचायत के पिन पार्वती नदी के जल से हिमाचल प्रदेश सरकार का 100 मेगा वाट विद्युत क्षमता वाला प्रोजेक्ट बना हुआ है तथा साथ ही सैंज घाटी में एशिया की सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना पार्वती जल विद्युत परियोजना देश - प्रदेश को रोशन करने के साथ औद्योगिक विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। चिराग तले अंधेरा, ये पंक्ति यहां चरितार्थ होती हैं। ग्रामीण भाग चंद, तीर्थ राम, हीरा लाल, लगन चंद, लुदर इत्यादि का कहना है कि सरकार इस क्षेत्र की भी सुध ले और हमें भी देश दुनियां के साथ अपना विकास करने का सौभाग्य प्रदान करें।
कुल्लू , 21 अप्रैल [ महेंद्र पालसरा ] ! जिला कुल्लू की अति दुर्गम ग्राम पंचायत गाडापारली के अन्तिम गांव शाक्टी मौरोड़ का महेशु आज अचानक 3 बजे दोपहर बीमार पड़ गया। तो ग्रामीण उसे पीठ पर लाद कर 20 किलोमीटर दूर सैंज अस्पताल में इलाज के लिए चल पड़े और सभी अपने भाग्य को कोस रहे थे।
आपस में बातें कर रहे थे कि वंचित के इतने दशक बीतने के बाद भी वे मानव जीवन की भाग्य रेखा सड़क और बिजली सुविधा से वंचित क्यों है? कई सरकारें आई और कई सरकारें चली गई लेकिन इन वाशिंदों को सभी नेता ठगते रहे।
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ग्रामीणों ने बताया कि वे इस बार लोक सभा चुनावों के बहिष्कार के बारे में सोच रहे हैं। उन्होंने कहां कि वे हर बार ठगे गए, बार बार आश्वाशन मिले लेकिन न तो इस क्षेत्र में सड़क पहुंची और न ही बिजली। देश के अन्य नागरिक इन सुविधाओं से एक पल भी दूर होते ही बैचेन हो उठते हैं, लेकिन इन वाशिंदों के लिए बिजली और सड़क सुविधा महज एक कोरा सपना है।
उल्लेखनीय है कि यह क्षेत्र ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के अंतर्गत आता है तथा यहां इसी पंचायत के पिन पार्वती नदी के जल से हिमाचल प्रदेश सरकार का 100 मेगा वाट विद्युत क्षमता वाला प्रोजेक्ट बना हुआ है तथा साथ ही सैंज घाटी में एशिया की सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना पार्वती जल विद्युत परियोजना देश - प्रदेश को रोशन करने के साथ औद्योगिक विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
चिराग तले अंधेरा, ये पंक्ति यहां चरितार्थ होती हैं। ग्रामीण भाग चंद, तीर्थ राम, हीरा लाल, लगन चंद, लुदर इत्यादि का कहना है कि सरकार इस क्षेत्र की भी सुध ले और हमें भी देश दुनियां के साथ अपना विकास करने का सौभाग्य प्रदान करें।
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