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कुल्लू । रोहतांग को लेह की सीमा से जोड़ने वाली ‘अटल टनल’ बनकर तैयार है। 10 हज़ार फ़ुट की ऊंचाई पर 8.8 किलोमीटर लंबी यह दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है। अटल टनल को बनने में करीब 10 साल का समय लगा। इसके ज़रिए मनाली से लेह की दूरी करीब 46 किलोमीटर कम हो जाएगी। मनाली के पास सोलांग घाटी से लाहौल के सिसू के बीच की दूरी अब दस मिनट में तय होगी। अटल टनल से चीनी सीमा पर मौजूद भारतीय सेना को भी काफी फायदा पहुंचेगा।अब बर्फबारी के बीच भी सेना आसानी से बार्डर तक आवाजाही कर सकेगी। साल 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वापजेयी ने इस सुरंग निर्माण की घोषणा की थी। इस सुरंग के भीतर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। इस सुरंग से हिमाचल के जिला लाहौल वासियों को कई सुविधाएं मिल सकेंगी।
कुल्लू । रोहतांग को लेह की सीमा से जोड़ने वाली ‘अटल टनल’ बनकर तैयार है। 10 हज़ार फ़ुट की ऊंचाई पर 8.8 किलोमीटर लंबी यह दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है। अटल टनल को बनने में करीब 10 साल का समय लगा। इसके ज़रिए मनाली से लेह की दूरी करीब 46 किलोमीटर कम हो जाएगी।
मनाली के पास सोलांग घाटी से लाहौल के सिसू के बीच की दूरी अब दस मिनट में तय होगी। अटल टनल से चीनी सीमा पर मौजूद भारतीय सेना को भी काफी फायदा पहुंचेगा।अब बर्फबारी के बीच भी सेना आसानी से बार्डर तक आवाजाही कर सकेगी। साल 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वापजेयी ने इस सुरंग निर्माण की घोषणा की थी। इस सुरंग के भीतर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। इस सुरंग से हिमाचल के जिला लाहौल वासियों को कई सुविधाएं मिल सकेंगी।
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