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चम्बा , 24 दिसंबर ! एजुकेशन सोसाइटी चाइल्डलाइन (1098) चम्बा द्वारा स्लम क्षेत्र बालू में आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्लम क्षेत्र में रह रहे लोगों और उनके बच्चों की समस्याओं सहित उन्हें बाल-संरक्षण के संबंध में जागरूक करना है। कार्यक्रम के दौरान चाइल्ड लाइन टीम सदस्य काजू राम व विक्की द्वारा उपस्थित अभिभावकों व उनके बच्चों को चाइल्डलाइन के टोल फ्री नंबर 1098 की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। उन्हें बताया गया कि शोषण के शिकार 0 से 18 वर्ष के बच्चों व कुछ विशेष परिस्थितियों में 25 वर्ष आयु वर्ग तक के युवक-युवतियों इस सेवा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। टीम द्वारा अभिभावकों को बताया गया कि वे बच्चों से भीख न मंगवाए! साथ ही उन्हें यह भी सलाह दी गई कि जब भी वे काम के संदर्भ में घर से बाहर निकले तो बच्चों को सुरक्षित वातावरण में छोड़कर जाएं अन्यथा उनके साथ कुछ भी गलत या अन्य प्रकार की छेड़खानी हो सकती है। उन्हें यह भी सुझाव दिया गया कि उन्हें बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना चाहिए। साथ ही अभिभावकों को उनके बच्चों के पंजीकरण, परिवार नियोजन एवं साफ-सफाई पर जोर देने हेतु भी प्रोत्साहित किया गया! उपस्थित लोगों के साथ *पोषण* के संबंध में भी चर्चा की गई। कार्यक्रम के दौरान 5 बच्चे व 9 अभिभावक मौजूद रहे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 24 दिसंबर ! एजुकेशन सोसाइटी चाइल्डलाइन (1098) चम्बा द्वारा स्लम क्षेत्र बालू में आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्लम क्षेत्र में रह रहे लोगों और उनके बच्चों की समस्याओं सहित उन्हें बाल-संरक्षण के संबंध में जागरूक करना है।
कार्यक्रम के दौरान चाइल्ड लाइन टीम सदस्य काजू राम व विक्की द्वारा उपस्थित अभिभावकों व उनके बच्चों को चाइल्डलाइन के टोल फ्री नंबर 1098 की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। उन्हें बताया गया कि शोषण के शिकार 0 से 18 वर्ष के बच्चों व कुछ विशेष परिस्थितियों में 25 वर्ष आयु वर्ग तक के युवक-युवतियों इस सेवा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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टीम द्वारा अभिभावकों को बताया गया कि वे बच्चों से भीख न मंगवाए! साथ ही उन्हें यह भी सलाह दी गई कि जब भी वे काम के संदर्भ में घर से बाहर निकले तो बच्चों को सुरक्षित वातावरण में छोड़कर जाएं अन्यथा उनके साथ कुछ भी गलत या अन्य प्रकार की छेड़खानी हो सकती है। उन्हें यह भी सुझाव दिया गया कि उन्हें बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना चाहिए।
साथ ही अभिभावकों को उनके बच्चों के पंजीकरण, परिवार नियोजन एवं साफ-सफाई पर जोर देने हेतु भी प्रोत्साहित किया गया! उपस्थित लोगों के साथ *पोषण* के संबंध में भी चर्चा की गई। कार्यक्रम के दौरान 5 बच्चे व 9 अभिभावक मौजूद रहे।
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