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चम्बा ,09 जनवरी ! स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला चम्बा द्वारा 09 जनवरी को मुख्य चिकित्सा अधिकारी चम्बा के सभागार में कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया । जिस में चिकित्सा अधिकारी, हैल्थ वर्कर,सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियोंआशा कार्यकर्त्ता ने हिस्सा लिया,जिसकी अध्यक्षता जिला स्वस्थ्य अधिकारी डा जालम सिंह भारद्वाज ने की ।इस जागरूकता कार्यक्रम में जिला चंबा के सभी स्वास्थ्य खंडों के लगभग 40 प्रतिभगियों ने भाग लिया ।इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर हरित पुरी ने उपस्थित प्रतिभगियो को बताया कि कुष्ठ रोग एक धीमी गति से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है I संक्रमित व्यक्ति जब छिंकता या खाँसता है तो वायु के द्वारा कीटाणु स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर के इसके लक्षण आने में लगभग 3 से 5 साल लग जाते हैं।इसके शुरुआती लक्षणों में मुख्यत : शरीर के किसी भी हिस्से में एक या एक से अधिक सफेद, लाल अथवा ताम्बेयी रंग के दाग होना जिन में संवेदनशीलता न हो, दाग में पसीना न आना, तथा भोंहों का झड़ना, त्वचा पर असम्बेदनशील दाग अर्थात जिनमें सुन्नपन हो ,कुष्ठ रोग की निशानी हो सकते हैं। जिनका समय पर एमडीटी नामक दवाई देकर तथा कुष्ठ रोगियों के पात्र संपर्कों को पोस्ट एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस के तहत एकल खुराक रिफैम्पिसिन देकर एवं जल्दी उपचार करवा कर इससे पूर्णत : स्वस्थ हुआ जा सकता है एवम इससे होने वाली अपंगता से बचा जा सकता है।इसका उपचार एमडीटी थरेपि से एक साल तक का होता है। उन्होंने बताया कि जिला चम्बा में वर्तमान में कुल 13 लोग कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं जिनमें वर्ष 2023 में 9 मरीज तथा 4 केस पहले से इलाज ले रहे हैं ।उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर ,राष्ट्रीय स्तर ,राज्य एवम जिला स्तर पर कुष्ठ रोग के उन्मूलन हेतु विभिन्न कार्यक्रम चलाये जाते हैं जैसे एक्टिव केस फाइंडिंग कंपेन, एंटी लेप्रसी डे एवं स्पर्श कंम्पेन इत्यादि। जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में इस विमारी के प्रति लोगों की गलत धारणाओं को दूर करके ,इस बीमारी के प्रति जुड़े लांछन एवं भेदभाव को जागरूकता के द्वारा , समय पर निदान एवं उपचार द्वारा समाज में से इस बीमारी को दूर करना है।इसके लिए जिला के सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को अपनी - अपनी भूमिका निभानी होगी। जिसमें स्वास्थ्य अधिकारी अपने अपने क्षेत्र की आशा वर्कर ,स्वास्थ्य कार्यकर्ता को लक्षणों के आधार पर कुष्ठ रोगी को पहचानने में मदद करेंगे तथा अपने क्षेत्र में स्क्रींनिग के द्वारा कुष्ठ रोगी का पता लगाएगी और संभावित रोगी को आगे चिकित्सा अधिकारी एवं स्वास्थ्य संस्थान जहां चर्म रोग विशेषज्ञ उपलब्ध हों उनके पास उन्हें निदान एवं उपचार के लिए भेजेंगे Iइस मौके पर चंबा मेडिकल कॉलेज से डा अमर चर्म रोग विशेषयज्ञ उपस्थित रहे I
चम्बा ,09 जनवरी ! स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला चम्बा द्वारा 09 जनवरी को मुख्य चिकित्सा अधिकारी चम्बा के सभागार में कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया ।
जिस में चिकित्सा अधिकारी, हैल्थ वर्कर,सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियोंआशा कार्यकर्त्ता ने हिस्सा लिया,जिसकी अध्यक्षता जिला स्वस्थ्य अधिकारी डा जालम सिंह भारद्वाज ने की ।इस जागरूकता कार्यक्रम में जिला चंबा के सभी स्वास्थ्य खंडों के लगभग 40 प्रतिभगियों ने भाग लिया ।इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर हरित पुरी ने उपस्थित प्रतिभगियो को बताया कि कुष्ठ रोग एक धीमी गति से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है I
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संक्रमित व्यक्ति जब छिंकता या खाँसता है तो वायु के द्वारा कीटाणु स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर के इसके लक्षण आने में लगभग 3 से 5 साल लग जाते हैं।इसके शुरुआती लक्षणों में मुख्यत : शरीर के किसी भी हिस्से में एक या एक से अधिक सफेद, लाल अथवा ताम्बेयी रंग के दाग होना जिन में संवेदनशीलता न हो, दाग में पसीना न आना, तथा भोंहों का झड़ना, त्वचा पर असम्बेदनशील दाग अर्थात जिनमें सुन्नपन हो ,कुष्ठ रोग की निशानी हो सकते हैं।
जिनका समय पर एमडीटी नामक दवाई देकर तथा कुष्ठ रोगियों के पात्र संपर्कों को पोस्ट एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस के तहत एकल खुराक रिफैम्पिसिन देकर एवं जल्दी उपचार करवा कर इससे पूर्णत : स्वस्थ हुआ जा सकता है एवम इससे होने वाली अपंगता से बचा जा सकता है।इसका उपचार एमडीटी थरेपि से एक साल तक का होता है।
उन्होंने बताया कि जिला चम्बा में वर्तमान में कुल 13 लोग कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं जिनमें वर्ष 2023 में 9 मरीज तथा 4 केस पहले से इलाज ले रहे हैं ।उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर ,राष्ट्रीय स्तर ,राज्य एवम जिला स्तर पर कुष्ठ रोग के उन्मूलन हेतु विभिन्न कार्यक्रम चलाये जाते हैं जैसे एक्टिव केस फाइंडिंग कंपेन, एंटी लेप्रसी डे एवं स्पर्श कंम्पेन इत्यादि।
जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में इस विमारी के प्रति लोगों की गलत धारणाओं को दूर करके ,इस बीमारी के प्रति जुड़े लांछन एवं भेदभाव को जागरूकता के द्वारा , समय पर निदान एवं उपचार द्वारा समाज में से इस बीमारी को दूर करना है।इसके लिए जिला के सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को अपनी - अपनी भूमिका निभानी होगी।
जिसमें स्वास्थ्य अधिकारी अपने अपने क्षेत्र की आशा वर्कर ,स्वास्थ्य कार्यकर्ता को लक्षणों के आधार पर कुष्ठ रोगी को पहचानने में मदद करेंगे तथा अपने क्षेत्र में स्क्रींनिग के द्वारा कुष्ठ रोगी का पता लगाएगी और संभावित रोगी को आगे चिकित्सा अधिकारी एवं स्वास्थ्य संस्थान जहां चर्म रोग विशेषज्ञ उपलब्ध हों उनके पास उन्हें निदान एवं उपचार के लिए भेजेंगे Iइस मौके पर चंबा मेडिकल कॉलेज से डा अमर चर्म रोग विशेषयज्ञ उपस्थित रहे I
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