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चम्बा ! शनिवार को नॉट ऑन मैप संस्था व अमेरिकन कंपनी स्टे फ्लैक्सी द्वारा नॉट ऑन मार्ट वेब पोर्टल का आगाज किया गया। इसका शुभारंभ डायरेक्टर जनरल ईपीसीएच व चेयरमैन आईईएमएल राकेश शर्मा द्वारा किया गया। जबकि, पदमश्री प्रोफेसर अनिल के. गुप्ता मुख्य वक्ता रहे। नॉट अॉन मैप संस्था के संस्थापक कुमार अनुभव ने बताया कि शुरुआती तौर पर इस पोर्टल का लाभ देश के 15 राज्यों में मिलेगा। जबकि, भविष्य में अन्य राज्यों के लोगों के लिए भी यह सुविधा प्रदान करने की योजना है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर के किसानों व शिल्पकारों को इसका सीधे तौर पर लाभ मिलने वाला है। इससे उनकी आर्थिकी मजबूत होगी तथा उपभोक्ताओं को भी अधिक पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं रहेगी। इस पोर्टल में किसान व शिल्पकार स्वयं को रजिस्टर करेंगे। साथ ही इनके द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को खरीदने के लिए उपभोक्ताओं को भी स्वयं को इसमें रजिस्टर करना होगा। रजिस्टर करने के उपरांत उपभोक्ता किसानों व शिल्पकारों से सीधा संपर्क साध सकेंगे। जैसे-जैसे इसमें किसान, शिल्पकार व उपभोक्ता जुड़ते जाएंगे। वैसे-वैसे उपभोक्ताओं को नजदीकी किसानों या शिल्पकारों से संपर्क कर उत्पाद को हासिल करना आसान हो जाएगा। इसमें अहम बात यह रहेगी कि बिक्रेता व उपभोक्ता एक दूसरे से सीधा संपर्क कर सकेंगे।
चम्बा ! शनिवार को नॉट ऑन मैप संस्था व अमेरिकन कंपनी स्टे फ्लैक्सी द्वारा नॉट ऑन मार्ट वेब पोर्टल का आगाज किया गया। इसका शुभारंभ डायरेक्टर जनरल ईपीसीएच व चेयरमैन आईईएमएल राकेश शर्मा द्वारा किया गया।
जबकि, पदमश्री प्रोफेसर अनिल के. गुप्ता मुख्य वक्ता रहे। नॉट अॉन मैप संस्था के संस्थापक कुमार अनुभव ने बताया कि शुरुआती तौर पर इस पोर्टल का लाभ देश के 15 राज्यों में मिलेगा। जबकि, भविष्य में अन्य राज्यों के लोगों के लिए भी यह सुविधा प्रदान करने की योजना है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर के किसानों व शिल्पकारों को इसका सीधे तौर पर लाभ मिलने वाला है।
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इससे उनकी आर्थिकी मजबूत होगी तथा उपभोक्ताओं को भी अधिक पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं रहेगी। इस पोर्टल में किसान व शिल्पकार स्वयं को रजिस्टर करेंगे। साथ ही इनके द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को खरीदने के लिए उपभोक्ताओं को भी स्वयं को इसमें रजिस्टर करना होगा। रजिस्टर करने के उपरांत उपभोक्ता किसानों व शिल्पकारों से सीधा संपर्क साध सकेंगे।
जैसे-जैसे इसमें किसान, शिल्पकार व उपभोक्ता जुड़ते जाएंगे। वैसे-वैसे उपभोक्ताओं को नजदीकी किसानों या शिल्पकारों से संपर्क कर उत्पाद को हासिल करना आसान हो जाएगा। इसमें अहम बात यह रहेगी कि बिक्रेता व उपभोक्ता एक दूसरे से सीधा संपर्क कर सकेंगे।
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