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हिमाचल । भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश और प्रदेश के विभिन्न नर्सिंग संस्थानों में चल रहे जीएनएम कोर्स को बंद न करने का निर्णय लिया है। भारतीय नर्सिंग परिषद ने तीन वर्षीय जीएनएम कोर्स को बंद करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था। जिसको स्वास्थ्य मंत्रालय ने खारिज कर दिया है और इसकी सूचना सभी प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भी जारी कर दी गई है। इस निर्णय से लाखों छात्राओं को पहले की तरह तीन साल में स्टाफ नर्स बनने का मौका मिलता रहेगा। प्रदेश में भी जीएनएम कोर्स को बंद करने की तैयारी चल रही थी। भारत सरकार के इस निर्णय से अब स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। इसके अनुसार अब यह कोर्स पहले की तरह सुचारु रहेगा, अन्यथा स्टाफ नर्स बनने के लिए बच्चों को चार वर्षीय बीएससी नर्सिंग की ही डिग्री करनी पड़ना थी। कोरोना काल में वर्तमान में स्वास्थ्य से संबंधित कोर्स में बच्चों की रुचि बढ़ी है और रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। वर्तमान सत्र के लिए 31 दिसंबर तक प्रवेश लिया जा सकता है।
हिमाचल । भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश और प्रदेश के विभिन्न नर्सिंग संस्थानों में चल रहे जीएनएम कोर्स को बंद न करने का निर्णय लिया है। भारतीय नर्सिंग परिषद ने तीन वर्षीय जीएनएम कोर्स को बंद करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था। जिसको स्वास्थ्य मंत्रालय ने खारिज कर दिया है और इसकी सूचना सभी प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भी जारी कर दी गई है।
इस निर्णय से लाखों छात्राओं को पहले की तरह तीन साल में स्टाफ नर्स बनने का मौका मिलता रहेगा। प्रदेश में भी जीएनएम कोर्स को बंद करने की तैयारी चल रही थी। भारत सरकार के इस निर्णय से अब स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। इसके अनुसार अब यह कोर्स पहले की तरह सुचारु रहेगा, अन्यथा स्टाफ नर्स बनने के लिए बच्चों को चार वर्षीय बीएससी नर्सिंग की ही डिग्री करनी पड़ना थी।
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कोरोना काल में वर्तमान में स्वास्थ्य से संबंधित कोर्स में बच्चों की रुचि बढ़ी है और रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। वर्तमान सत्र के लिए 31 दिसंबर तक प्रवेश लिया जा सकता है।
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