Bootstrap
  • हिमाचल टीवी !
    • यूट्यूब चैनल !
    • लाइव टीवी चैनल !
  • क्षेत्र चुनें !
    • सभी
    • अन्य
    • बिलासपुर
    • चंबा
    • हमीरपुर
    • काँगड़ा
    • किन्नौर
    • कुल्लू
    • लाहौल-स्पिति
    • मंडी
    • शिमला
    • सिरमौर
    • सोलन
    • उना
  • वीडियो !
  • मैं भी पत्रकार !
    • मैं भी पत्रकार !
    • डाउनलोड एंड्राइड ऐप !
    • डाउनलोड एप्पल ऐप !
    • विज्ञापन अपलोड करें !
  • शिकायत / सुझाव !
    • शिकायत समाधान अधिकारी !
    • शिकायत दर्ज करें !
    • सुझाव दे !
  • हमारे बारे में !
  • संपर्क करे !
  • हिमाचल टीवी !
    • यूट्यूब चैनल !
    • लाइव टीवी चैनल !
  • क्षेत्र चुनें !
      • सभी
      • अन्य
      • बिलासपुर
      • चंबा
      • हमीरपुर
      • काँगड़ा
      • किन्नौर
      • कुल्लू
      • लाहौल-स्पिति
      • मंडी
      • शिमला
      • सिरमौर
      • सोलन
      • उना

      Khabar Himachal Se

      !! राशिफल 11 अगस्त 2025 सोमवार !!

      Khabar Himachal Se

      चम्बा ! द ग्रेट हिमालय टूर्नामेंट में विजेता वारियर 11 भद्रम और उपविजेता हिमालयन वॉरियर रहे !

      Khabar Himachal Se

      शिमला ! हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का बड़ा बयान, कहा- मंडी लोकसभा चुनाव में भी हुई गड़बड़ी !

      Khabar Himachal Se

      ऊना ! राजीव गांधी वन संवर्धन योजना से पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण रोजगार को मिलेगा बढ़ावा : उप मुख्यमंत्री !

  • वीडियो !
    • खबर हिमाचल से ,वीडियो

      चम्बा ! द ग्रेट हिमालय टूर्नामेंट में विजेता वारियर 11 भद्रम और उपविजेता हिमालयन वॉरियर रहे !

      खबर हिमाचल से ,वीडियो

      शिमला ! हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का बड़ा बयान, कहा- मंडी लोकसभा चुनाव में भी हुई गड़बड़ी !

      खबर हिमाचल से ,वीडियो

      ऊना ! राजीव गांधी वन संवर्धन योजना से पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण रोजगार को मिलेगा बढ़ावा : उप मुख्यमंत्री !

      खबर हिमाचल से ,वीडियो

      चम्बा ! भरमौरी साहब पार्टी के कंद्दावर नेता रहे हैं ऐसे में उनकी बौखलाहट स्वाभाविक !

      खबर हिमाचल से ,वीडियो

      धर्मशाला ! पौंग बांध से छोड़े जा रहे पानी से ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ रहा तेजी से !

  • मैं भी पत्रकार !
    • मैं भी पत्रकार !
    • डाउनलोड एंड्राइड ऐप !
    • डाउनलोड एप्पल ऐप !
    • विज्ञापन अपलोड करें !
  • शिकायत / सुझाव !
    • शिकायत समाधान अधिकारी !
    • शिकायत दर्ज करें !
    • सुझाव दे !
  • हमारे बारे में !
  • संपर्क करे !
खोजें

अभी प्रचलित

  • पांगी ! कार्य की गुणवत्ता से समझौता कतई स्वीकार नहीं' :  डॉ जनक राज ! 
  • !! राशिफल 11 अगस्त 2025 सोमवार !!
  • चम्बा ! द ग्रेट हिमालय टूर्नामेंट में विजेता वारियर 11 भद्रम और उपविजेता हिमालयन वॉरियर रहे !
  • शिमला ! हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का बड़ा बयान, कहा- मंडी लोकसभा चुनाव में भी हुई गड़बड़ी !
  • ऊना ! राजीव गांधी वन संवर्धन योजना से पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण रोजगार को मिलेगा बढ़ावा : उप मुख्यमंत्री !
  • चम्बा ! भरमौरी साहब पार्टी के कंद्दावर नेता रहे हैं ऐसे में उनकी बौखलाहट स्वाभाविक !
  • शिमला ! प्रदेश सरकार के 325 कार्यालय ई-ऑफिस विस्तार से हुए पेपरलेस !
  • शिमला ! नाहन, नालागढ़, मोहाल और रोहड़ू में स्थापित होंगे नए दूध प्रसंस्करण संयंत्र !
  • चम्बा ! एचपीटीडीसी व सीयूएचपी के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित, पर्यटन विकास की ओर आर एस बाली का सकारात्मक प्रयास : मनीष सरीन !
  • शिमला ! दूसरे चरण में अभाविप का महाविद्यालय सदस्यता अभियान, 11 से 26 अगस्त तक चलेगा–नैंसी अटल !
  • धर्मशाला ! पौंग बांध से छोड़े जा रहे पानी से ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ रहा तेजी से !
  • शिमला ! शिक्षा मंत्री ने पराली बदरूनी में 1.28 करोड़ से निर्मित उठाऊ पेयजल योजना का किया उद्घाटन !
  • शिमला ! लापता स्कूली छात्रों को सुरक्षित ढूंढने पर शिक्षा मंत्री ने शिमला पुलिस को दी बधाई !
  • शिमला ! हिमाचल प्रदेश पुलिस की त्वरित कार्यवाही से शिमला के बीसीएस स्कूल के गायब तीनों बच्चे, अपहरणकर्ता समेत कोकुनाला से बरामद।
  • शिमला ! सवा महीने बाद भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हालात जस के तस : जयराम ठाकुर !
  • भरमौर ! भटियात से लड़ेंगे भरमौरी, भरमौर से बेटे को लड़ाएंगे विधानसभा चुनाव !
  • !! राशिफल 10 अगस्त 2025 रविवार !!
  • शिमला ! प्रतिभा सिंह के बाद कुलदीप राठौर भी बोले जल्द होना चाहिए संगठन का गठन !
  • शिमला ! मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने सरकारी आवास पर मनाया रक्षाबंधन का पर्व !
  • धर्मशाला ! ऐतिहासिक श्रीबृजराज स्वामी मंदिर नूरपुर में मनाया जाएगा 15-16 अगस्त को राज्य स्तरीय जन्माष्टमी महोत्सव  !
और अधिक खबरें

!! राशिफल 11 अगस्त 2025 सोमवार !!

August 11, 2025 @ 06:49 am

चम्बा ! द ग्रेट हिमालय टूर्नामेंट में विजेता वारियर 11 भद्रम और उपविजेता हिमालयन वॉरियर रहे !

August 10, 2025 @ 09:32 pm

शिमला ! हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का बड़ा बयान, कहा- मंडी लोकसभा चुनाव में भी हुई गड़बड़ी !

August 10, 2025 @ 08:45 pm

ऊना ! राजीव गांधी वन संवर्धन योजना से पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण रोजगार को मिलेगा बढ़ावा : उप मुख्यमंत्री !

August 10, 2025 @ 08:40 pm
होम Khabar Himachal Seभारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था की अवधारणा और वर्तमान शिक्षा का स्वरूप : भाग 3 - देवेंद्र धर !
  • खबर हिमाचल से

भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था की अवधारणा और वर्तमान शिक्षा का स्वरूप : भाग 3 - देवेंद्र धर !

द्वारा
देवेंद्र धर -
Editorial_writer - अन्य ( अन्य ) - September 21, 2020 @ 10:06 am
0

- विज्ञापन (Article Top Ad) -

औरंगजेब के पतन के बाद मुगल साम्राज्य बिखरता हुआ नजर आ रहा था। उधर ब्रिटानिया सरकार ने दक्षिण एशिया और भारत मैं अपने विस्तार के मंसूबे स्पष्ट कर दिए थे। ईस्ट इंडिया कंपनी की भूमिका खत्म होती जा रही थी। गोरी सरकार चाह रही थी कि बिखरे हुए भारत को अपने कब्जे में कर अंग्रेजी सत्ता और संस्कृति को स्थापित किया जाए व देश के संसाधनों को लूटा जाये। अंग्रेजों ने जो भी किया वह अपनी सुविधा और सत्ता के लिए किया।अंग्रेजों ने जो शिक्षा व्यवस्था दी भारतीयों दी निसंदेह उनमें उनका स्वार्थ ही नहीं था साथ ही वे चाहते थे कि भारतीयों की एक ऐसी जमात पैदा हो जो अंग्रेजीयत में जीयें, हमारी भाषा को समझें और हमारे लिये बाबू काम करते रहें। उन्होंने भारत के विकास, सभ्यता और संस्कृति को संरक्षण देने के लिए शिक्षा नीति नहीं लाई, वे चाहते थे कि भारतीय उनके अच्छे नौकर बने उनको उनकी भाषा समझे व उस भाषा के माध्यम से गोरे शासक भारत पर राज कर सकें। ईस्ट इंडिया कंपनी 1600 ई.में बनी और तत्कालीन मुगल बादशाह जहांगीर की अनुमति से व्यापार और सूरत में कारखाने के लगा कर व्यापार शुरू कर दिया। 200 वर्ष के भीतर लगभग पूरे भारत वर्ष को कब्जे में ले लिया। वर्ष 1857 में ईस्ट इंडिया कंपनी को भारतीय सेनाओं का जोरदार विरोध झेलना पड़ा। ब्रिटिश सरकार ने समझा कि ईस्ट इंडिया कंपनी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस विद्रोह को संभालने में नाकाम रही है तो 1 जनवरी 1874 को ईस्ट इंडिया कंपनी को भंग कर दिया गया। यहीं से शुरू हुआ अंग्रेजों द्वारा दी गई शिक्षा नीति का वह स्वरूप जिसे लार्ड मैकाले ने भारत में प्रस्तुत कर दिया। ब्रिटिश भारत में अंग्रेजी का विस्तार करने के लिए ज्यादा दिलचस्पी ले रही थी। अंग्रेजी भाषा में भारतीयों को शिक्षित करना उनकी एक रणनीति का हिस्सा था। उन्हें वफादार भारतीयों की काफी जरूरत थी। 10 जून 1834 को लॉर्ड मेकॉले ने गवर्नर जनरल की काउंसिल के सदस्य के रूप में भारत में पदार्पण किया। उस समय प्राच्य और पाश्चात्य शिक्षा पद्धति पर देश में जबरदस्त विवाद चल रहा था। विलियम बेंटिक ने मैकाले को बंगाल की लोक समीक्षा समिति का अध्यक्ष बना दिया। इस दौरान लॉर्ड ऑकलैंड ने गवर्नर जनरल का पद संभाला और बड़े चतुर्थ से प्राचीन शिक्षा विदों को प्रति वर्ष ₹31000 की राशि देना स्वीकार किया। इस घोषणा से प्रतिवादी प्रसन्न हो गए और अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था का विरोध करने के लिए चल रहे विवाद का भी अंत हुआ। लॉर्ड मैकाले ने 1934 में जो शिक्षा पद्धति अपनाई वह 1947 स्वतंत्र भारत तक चलती रही। लॉर्ड मेकॉले एक दूरदर्शी प्रशासक था जिन्होंने हिंदू और मुसलमानों की शिक्षा पद्धति अपनाकर उन में अंग्रेजी की जगह बनाई। लॉर्ड मेकॉले ने एक लंबा घोषणा पत्र जारी किया जिसे लागू करने में उसे सफलता भी मिली। लोगों का झुकाव अंग्रेजी, अंग्रेजीयत और अंग्रेजी भाषा की ओर बढ़ गया। सरकारी नौकरियों में अंग्रेजी जानना आवश्यक हो गया। वर्तमान शिक्षा प्रणाली मात्र बीसवीं शताब्दी में लॉर्ड मैकाले द्वारा दिया गया उपहार था। और यह ब्रिटिश शिक्षा व्यवस्था की अनुलिपि है। स्कूली शिक्षा का पठन-पाठन क्षेत्रीय भाषाओं में होता था, जबकि उच्च शिक्षा अंग्रेजी में दी जाती थी। ब्रिटिश सरकार ने कुछ भारतीय स्कूलों को अंशदान देना शुरू कर दिया जो कालांतर में सरकारी वित्त पोषण से संचालित चले स्कूल बने। सरकारी धन देने का मुख्य उद्देश्य उन संस्थाओं को शांत करना था जो अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था का विरोध कर रही थीं। ब्रिटिश शिक्षा नीति ने मिशनरी स्कूल खोलना आरंभ कर दिया ताकि अंग्रेजी मजबूती से आगे बढ़े। 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश सरकार ने विज्ञान तथा टेक्नोलॉजी को भारत में बढ़ाने के लिए कोई काम नहीं किया। सिर्फ कला और भाषाओं पर जोर देते रहे। अंग्रेजी शिक्षा के विकास, विस्तार के लिए अंग्रेजों ने जो काम किया उस पर भारतीय शिक्षा पद्धति ही नहीं बल्कि समाज पर भी प्रभाव पड़ा। एक बात तो स्पष्ट तौर पर माननी पड़ेगी कि मुगलों की शिक्षा नीति से बाहर लाने के लिए अंग्रेजी शिक्षा नीति का बहुत बड़ा योगदान है। लार्ड मैकाले की शिक्षा नीति निसंदेह तब प्रगतिशील शिक्षा नीति थी, इस शिक्षा नीति ने भारत को एक नई दिशा दी। उस समय यह शिक्षा नीति अपने आप में महत्वपूर्ण शिक्षा नीति कही जा सकती है। स्मरण रहे, कि हम इतिहास के किसी अध्याय की बात नहीं कर रहे। हम शिक्षा नीति की पृष्ठभूमि को समझने का प्रयास कर रहे हैं की विभिन्न शिक्षा नीतियों विकास की प्रक्रिया से गुजरते हुए आज हम किस तरफ बढ़ रहे हैं। नीति आयोग देश का पहला शिक्षा नीति आयोग 1964 में डॉक्टर दौलत सिंह कोठारी की अध्यक्षता में बना जिसे कोठारी शिक्षा आयोग (1964-66) का जाता है । यह देश का पहला ऐसा शिक्षा आयोग है जिसने अपनी रिपोर्ट में सामाजिक बदलावों को ध्यान रखते हुए सुझाव दिए। इस शिक्षा आयोग ने 23 संस्तुतियां देश के समक्ष प्रस्तुत करीः - -बालक बालिकाओं को विज्ञान गणित की शिक्षा दी जाए वह बालक व बालिकाओं को शिक्षा के समान अवसर दिया जाए। 25% माध्यमिक स्कूलों को व्यवसाई स्कूलों में परिवर्तित किया जाए। -सभी बच्चों को प्राइमरी कक्षाओं में मातृभाषा में ही शिक्षा दी जाए व माध्यमिक स्तर पर स्थानीय भाषाओं में शिक्षण को प्रोत्साहन दिया जाए। -एक और शख्स से 3 वर्ष तक पूर्व प्रारंभिक शिक्षा दी जाए। -6 वर्ष पूरे होने पर ही पहली शिक्षा में नामांकन किया जाए। -पहली सार्वजनिक शिक्षा 10 वर्ष की विद्यालय शिक्षा पूरी करने के बाद ही हो। -विषय विभाजन कक्षा 9 के बदले कक्षा 10 में हो। -उच्च शिक्षा में 3 या उससे अधिक वर्ष का स्नातक पाठ्यक्रम हो और उसके बाद विभिन्न अवधि के पाठ्यक्रम हों। -माध्यमिक विद्यालय दो प्रकार के होंगे,उच्च विद्यालय और उच्चतर विद्यालय। -कॉमन स्कूल सिस्टम लागू किया जाए तथा स्नातकोत्तर तक की शिक्षा मातृभाषा में दी जाए। -शिक्षक की आर्थिक सामाजिक और व्यवसायिक स्थिति सुधारने की सिफारिश की गई।सह-शिक्षा पर बल दिया गया डॉक्टर कोठारी एक शिक्षाविद भी थे, जिन्होंने वर्तमान शिक्षा को एक नई दिशा देने का प्रयास किया।डॉ कोठारी उस समय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष थे जिन्होंने अपनी रिपोर्ट में अध्यापकों तब को लेकर सुझाव दिए और समाज में बदलाव को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण और ठोस सुझाव प्रस्तुत किये। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 24 जुलाई 1968 को भारत के प्रथम राष्ट्रीय शिक्षा नीति घोषित की गई। यह पूर्ण रूप से कोठारी आयोग के प्रतिवेदन पर आधारित थी। सामाजिक, राष्ट्रीय एकता, समाजवादी समाज की स्थापना करने के लक्ष्य निर्धारित किए गए। इस शिक्षा प्रणाली का आधार 10 + 2 + 3 आधार पर शिक्षा का विकास था। हिंदी का संघ संपर्क भाषा में विकास करना, शिक्षा के समान अवसर देना, विज्ञान, तकनीकी शिक्षा पर बल देना, नैतिक और सामाजिक मूल्यों पर जोर देना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में समायोजित किया गया जो वर्तमान में विद्यमान है। इसी के आधार पर देश में शिक्षा संस्थान स्थापित किए गए। हिंदी को संपर्क भाषा के लिए विकसित करने का संकल्प लिया गया। यद्यपि क्षेत्रीय भाषाओं के विकास पर बराबर ध्यान दिया गया। क्षेत्रीय भाषा पढ़ना एक विकल्प रखा गया, विशेषकर हिमाचल में उर्दू और संस्कृत के विकल्प चुनने के लिए मुक्त कर दिया गया। इस तरीके से देश में शिक्षा प्रणाली का विकास हुआ और वर्तमान शिक्षा प्रणाली देश को प्रस्तुत की गई अगर हम गौर से देखें तो तो 1964 में गठित कोठारी आयोग ने देश की शिक्षा नीति के आधार को बनाने के लिए एक मूल दस्तावेज प्रस्तुत किया व देश की तमाम शिक्षा नीतियां इसी दस्तावेज पर आधारित रही। ऐसा माना जा रहा है 26 जुलाई 2020 को स्वीकृत नई शिक्षा नीति(एन ई पी) का आधार अमेरिकी शिक्षा पद्धति से मिलता जुलता है, बल्कि कुछ अनुखंड तो उसी शिक्षा नीति की प्रतिलिपि है। अमेरिका में सर्वप्रिय और सबसे ज्यादा भाषा बोलने वाले लोग अंग्रेजी हैं, यद्यपि स्पेनिश, चीनी,टगालोग, वेतनामी,फ्रंच, बोलने वाले लोगों की मात्रा भी प्रचुर है। लेकिन संपर्क भाषा अंग्रेजी ही है। अमेरिका की राजभाषा अंग्रेजी स्वीकृत की गई संघीय ढांचे में अंग्रेजी भाषा वन संरक्षण संवर्धन और अंग्रेज़ी का विकास संघीय सरकार का दायित्व है। जाहिर है कि कोई भी व्यवस्था अपने आप में कभी परिपूर्ण नहीं होती। प्रश्न यह रहता है कि आप किसी शिक्षा व्यवस्था को या किसी भी प्रणाली को किस प्रकार और कितनी प्रतिबद्धता के साथ लागू करते हैं व इसके क्या प्रभाव होंगे । लेख का भाग 1 पड़ने के लिए क्लिक करें ! लेख का भाग 2 पड़ने के लिए क्लिक करें !

औरंगजेब के पतन के बाद मुगल साम्राज्य बिखरता हुआ नजर आ रहा था। उधर ब्रिटानिया सरकार ने दक्षिण एशिया और भारत मैं अपने विस्तार के मंसूबे स्पष्ट कर दिए थे। ईस्ट इंडिया कंपनी की भूमिका खत्म होती जा रही थी। गोरी सरकार चाह रही थी कि बिखरे हुए भारत को अपने कब्जे में कर अंग्रेजी सत्ता और संस्कृति को स्थापित किया जाए व देश के संसाधनों को लूटा जाये। अंग्रेजों ने जो भी किया वह अपनी सुविधा और सत्ता के लिए किया।अंग्रेजों ने जो शिक्षा व्यवस्था दी भारतीयों दी निसंदेह उनमें उनका स्वार्थ ही नहीं था साथ ही वे चाहते थे कि भारतीयों की एक ऐसी जमात पैदा हो जो अंग्रेजीयत में जीयें, हमारी भाषा को समझें और हमारे लिये बाबू काम करते रहें। उन्होंने भारत के विकास, सभ्यता और संस्कृति को संरक्षण देने के लिए शिक्षा नीति नहीं लाई, वे चाहते थे कि भारतीय उनके अच्छे नौकर बने उनको उनकी भाषा समझे व उस भाषा के माध्यम से गोरे शासक भारत पर राज कर सकें। ईस्ट इंडिया कंपनी 1600 ई.में बनी और तत्कालीन मुगल बादशाह जहांगीर की अनुमति से व्यापार और सूरत में कारखाने के लगा कर व्यापार शुरू कर दिया। 200 वर्ष के भीतर लगभग पूरे भारत वर्ष को कब्जे में ले लिया। वर्ष 1857 में ईस्ट इंडिया कंपनी को भारतीय सेनाओं का जोरदार विरोध झेलना पड़ा।

ब्रिटिश सरकार ने समझा कि ईस्ट इंडिया कंपनी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस विद्रोह को संभालने में नाकाम रही है तो 1 जनवरी 1874 को ईस्ट इंडिया कंपनी को भंग कर दिया गया। यहीं से शुरू हुआ अंग्रेजों द्वारा दी गई शिक्षा नीति का वह स्वरूप जिसे लार्ड मैकाले ने भारत में प्रस्तुत कर दिया। ब्रिटिश भारत में अंग्रेजी का विस्तार करने के लिए ज्यादा दिलचस्पी ले रही थी। अंग्रेजी भाषा में भारतीयों को शिक्षित करना उनकी एक रणनीति का हिस्सा था। उन्हें वफादार भारतीयों की काफी जरूरत थी। 10 जून 1834 को लॉर्ड मेकॉले ने गवर्नर जनरल की काउंसिल के सदस्य के रूप में भारत में पदार्पण किया। उस समय प्राच्य और पाश्चात्य शिक्षा पद्धति पर देश में जबरदस्त विवाद चल रहा था। विलियम बेंटिक ने मैकाले को बंगाल की लोक समीक्षा समिति का अध्यक्ष बना दिया। इस दौरान लॉर्ड ऑकलैंड ने गवर्नर जनरल का पद संभाला और बड़े चतुर्थ से प्राचीन शिक्षा विदों को प्रति वर्ष ₹31000 की राशि देना स्वीकार किया। इस घोषणा से प्रतिवादी प्रसन्न हो गए और अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था का विरोध करने के लिए चल रहे विवाद का भी अंत हुआ।

- विज्ञापन (Article Inline Ad) -

लॉर्ड मैकाले ने 1934 में जो शिक्षा पद्धति अपनाई वह 1947 स्वतंत्र भारत तक चलती रही। लॉर्ड मेकॉले एक दूरदर्शी प्रशासक था जिन्होंने हिंदू और मुसलमानों की शिक्षा पद्धति अपनाकर उन में अंग्रेजी की जगह बनाई। लॉर्ड मेकॉले ने एक लंबा घोषणा पत्र जारी किया जिसे लागू करने में उसे सफलता भी मिली। लोगों का झुकाव अंग्रेजी, अंग्रेजीयत और अंग्रेजी भाषा की ओर बढ़ गया। सरकारी नौकरियों में अंग्रेजी जानना आवश्यक हो गया। वर्तमान शिक्षा प्रणाली मात्र बीसवीं शताब्दी में लॉर्ड मैकाले द्वारा दिया गया उपहार था। और यह ब्रिटिश शिक्षा व्यवस्था की अनुलिपि है। स्कूली शिक्षा का पठन-पाठन क्षेत्रीय भाषाओं में होता था, जबकि उच्च शिक्षा अंग्रेजी में दी जाती थी। ब्रिटिश सरकार ने कुछ भारतीय स्कूलों को अंशदान देना शुरू कर दिया जो कालांतर में सरकारी वित्त पोषण से संचालित चले स्कूल बने। सरकारी धन देने का मुख्य उद्देश्य उन संस्थाओं को शांत करना था जो अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था का विरोध कर रही थीं। ब्रिटिश शिक्षा नीति ने मिशनरी स्कूल खोलना आरंभ कर दिया ताकि अंग्रेजी मजबूती से आगे बढ़े। 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश सरकार ने विज्ञान तथा टेक्नोलॉजी को भारत में बढ़ाने के लिए कोई काम नहीं किया। सिर्फ कला और भाषाओं पर जोर देते रहे। अंग्रेजी शिक्षा के विकास, विस्तार के लिए अंग्रेजों ने जो काम किया उस पर भारतीय शिक्षा पद्धति ही नहीं बल्कि समाज पर भी प्रभाव पड़ा। एक बात तो स्पष्ट तौर पर माननी पड़ेगी कि मुगलों की शिक्षा नीति से बाहर लाने के लिए अंग्रेजी शिक्षा नीति का बहुत बड़ा योगदान है। लार्ड मैकाले की शिक्षा नीति निसंदेह तब प्रगतिशील शिक्षा नीति थी, इस शिक्षा नीति ने भारत को एक नई दिशा दी। उस समय यह शिक्षा नीति अपने आप में महत्वपूर्ण शिक्षा नीति कही जा सकती है। स्मरण रहे, कि हम इतिहास के किसी अध्याय की बात नहीं कर रहे। हम शिक्षा नीति की पृष्ठभूमि को समझने का प्रयास कर रहे हैं की विभिन्न शिक्षा नीतियों विकास की प्रक्रिया से गुजरते हुए आज हम किस तरफ बढ़ रहे हैं।

नीति आयोग

देश का पहला शिक्षा नीति आयोग 1964 में डॉक्टर दौलत सिंह कोठारी की अध्यक्षता में बना जिसे कोठारी शिक्षा आयोग (1964-66) का जाता है । यह देश का पहला ऐसा शिक्षा आयोग है जिसने अपनी रिपोर्ट में सामाजिक बदलावों को ध्यान रखते हुए सुझाव दिए। इस शिक्षा आयोग ने 23 संस्तुतियां देश के समक्ष प्रस्तुत करीः -

-बालक बालिकाओं को विज्ञान गणित की शिक्षा दी जाए वह बालक व बालिकाओं को शिक्षा के समान अवसर दिया जाए। 25% माध्यमिक स्कूलों को व्यवसाई स्कूलों में परिवर्तित किया जाए। -सभी बच्चों को प्राइमरी कक्षाओं में मातृभाषा में ही शिक्षा दी जाए व माध्यमिक स्तर पर स्थानीय भाषाओं में शिक्षण को प्रोत्साहन दिया जाए। -एक और शख्स से 3 वर्ष तक पूर्व प्रारंभिक शिक्षा दी जाए। -6 वर्ष पूरे होने पर ही पहली शिक्षा में नामांकन किया जाए। -पहली सार्वजनिक शिक्षा 10 वर्ष की विद्यालय शिक्षा पूरी करने के बाद ही हो। -विषय विभाजन कक्षा 9 के बदले कक्षा 10 में हो। -उच्च शिक्षा में 3 या उससे अधिक वर्ष का स्नातक पाठ्यक्रम हो और उसके बाद विभिन्न अवधि के पाठ्यक्रम हों। -माध्यमिक विद्यालय दो प्रकार के होंगे,उच्च विद्यालय और उच्चतर विद्यालय। -कॉमन स्कूल सिस्टम लागू किया जाए तथा स्नातकोत्तर तक की शिक्षा मातृभाषा में दी जाए। -शिक्षक की आर्थिक सामाजिक और व्यवसायिक स्थिति सुधारने की सिफारिश की गई।सह-शिक्षा पर बल दिया गया

डॉक्टर कोठारी एक शिक्षाविद भी थे, जिन्होंने वर्तमान शिक्षा को एक नई दिशा देने का प्रयास किया।डॉ कोठारी उस समय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष थे जिन्होंने अपनी रिपोर्ट में अध्यापकों तब को लेकर सुझाव दिए और समाज में बदलाव को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण और ठोस सुझाव प्रस्तुत किये।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति

24 जुलाई 1968 को भारत के प्रथम राष्ट्रीय शिक्षा नीति घोषित की गई। यह पूर्ण रूप से कोठारी आयोग के प्रतिवेदन पर आधारित थी। सामाजिक, राष्ट्रीय एकता, समाजवादी समाज की स्थापना करने के लक्ष्य निर्धारित किए गए। इस शिक्षा प्रणाली का आधार 10 + 2 + 3 आधार पर शिक्षा का विकास था। हिंदी का संघ संपर्क भाषा में विकास करना, शिक्षा के समान अवसर देना, विज्ञान, तकनीकी शिक्षा पर बल देना, नैतिक और सामाजिक मूल्यों पर जोर देना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में समायोजित किया गया जो वर्तमान में विद्यमान है। इसी के आधार पर देश में शिक्षा संस्थान स्थापित किए गए। हिंदी को संपर्क भाषा के लिए विकसित करने का संकल्प लिया गया। यद्यपि क्षेत्रीय भाषाओं के विकास पर बराबर ध्यान दिया गया। क्षेत्रीय भाषा पढ़ना एक विकल्प रखा गया, विशेषकर हिमाचल में उर्दू और संस्कृत के विकल्प चुनने के लिए मुक्त कर दिया गया।

इस तरीके से देश में शिक्षा प्रणाली का विकास हुआ और वर्तमान शिक्षा प्रणाली देश को प्रस्तुत की गई अगर हम गौर से देखें तो तो 1964 में गठित कोठारी आयोग ने देश की शिक्षा नीति के आधार को बनाने के लिए एक मूल दस्तावेज प्रस्तुत किया व देश की तमाम शिक्षा नीतियां इसी दस्तावेज पर आधारित रही। ऐसा माना जा रहा है 26 जुलाई 2020 को स्वीकृत नई शिक्षा नीति(एन ई पी) का आधार अमेरिकी शिक्षा पद्धति से मिलता जुलता है, बल्कि कुछ अनुखंड तो उसी शिक्षा नीति की प्रतिलिपि है। अमेरिका में सर्वप्रिय और सबसे ज्यादा भाषा बोलने वाले लोग अंग्रेजी हैं, यद्यपि स्पेनिश, चीनी,टगालोग, वेतनामी,फ्रंच, बोलने वाले लोगों की मात्रा भी प्रचुर है। लेकिन संपर्क भाषा अंग्रेजी ही है। अमेरिका की राजभाषा अंग्रेजी स्वीकृत की गई संघीय ढांचे में अंग्रेजी भाषा वन संरक्षण संवर्धन और अंग्रेज़ी का विकास संघीय सरकार का दायित्व है। जाहिर है कि कोई भी व्यवस्था अपने आप में कभी परिपूर्ण नहीं होती। प्रश्न यह रहता है कि आप किसी शिक्षा व्यवस्था को या किसी भी प्रणाली को किस प्रकार और कितनी प्रतिबद्धता के साथ लागू करते हैं व इसके क्या प्रभाव होंगे ।

लेख का भाग 1 पड़ने के लिए क्लिक करें ! लेख का भाग 2 पड़ने के लिए क्लिक करें !
साझा

- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -

अगला लेख किसानों को कृषि उत्पाद बेचने की खुली आजादी देंगे कृषि सुधार कानून - डॉ मामराज पुंडीर !
पिछला लेख ठियोग ! शराब के नशे में धुत एक युवक ने अपने तीन दोस्तों पर गाड़ी चढ़ा दी !

- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -

लोकप्रिय खबरें/Popular News

पांगी ! कार्य की गुणवत्ता से समझौता कतई स्वीकार नहीं' :  डॉ जनक राज ! 

August 10, 2025 @ 09:06 am

चम्बा ! द ग्रेट हिमालय टूर्नामेंट में विजेता वारियर 11 भद्रम और उपविजेता हिमालयन वॉरियर रहे !

August 10, 2025 @ 09:32 pm

शिमला ! हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का बड़ा बयान, कहा- मंडी लोकसभा चुनाव में भी हुई गड़बड़ी !

August 10, 2025 @ 08:45 pm

ऊना ! राजीव गांधी वन संवर्धन योजना से पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण रोजगार को मिलेगा बढ़ावा : उप मुख्यमंत्री !

August 10, 2025 @ 08:40 pm

- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -

वीडियो/Videos

खबर हिमाचल से ,वीडियो

चम्बा ! द ग्रेट हिमालय टूर्नामेंट में विजेता वारियर 11 भद्रम और उपविजेता हिमालयन वॉरियर रहे !

खबर हिमाचल से ,वीडियो

शिमला ! हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का बड़ा बयान, कहा- मंडी लोकसभा चुनाव में भी हुई गड़बड़ी !

खबर हिमाचल से ,वीडियो

ऊना ! राजीव गांधी वन संवर्धन योजना से पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण रोजगार को मिलेगा बढ़ावा : उप मुख्यमंत्री !

खबर हिमाचल से ,वीडियो

चम्बा ! भरमौरी साहब पार्टी के कंद्दावर नेता रहे हैं ऐसे में उनकी बौखलाहट स्वाभाविक !

- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -

ताज़ा खबरें/Latest News
  • सभी
  • अन्य
  • बिलासपुर
  • चंबा
  • हमीरपुर
  • काँगड़ा
  • किन्नौर
  • अधिक
    • अन्य
    • बिलासपुर
    • चंबा
    • हमीरपुर
    • काँगड़ा
    • किन्नौर
    • कुल्लू
    • लाहौल-स्पिति
    • मंडी
    • शिमला
    • सिरमौर
    • सोलन
    • उना

ज्योतिष,खबर हिमाचल से ,राशिफल

!! राशिफल 11 अगस्त 2025 सोमवार !!

पं रामेश्वर शर्मा-August 11, 2025 @ 06:49 am

0
मेष का आज का राशिफल (11 अगस्त, 2025) सामाजिक मेलजोल से ज़्यादा सेहत को प्राथमिकता

चम्बा ! द ग्रेट हिमालय टूर्नामेंट में विजेता वारियर 11 भद्रम और उपविजेता हिमालयन वॉरियर रहे !

August 10, 2025 @ 09:32 pm

शिमला ! हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का बड़ा बयान, कहा- मंडी लोकसभा चुनाव में भी हुई गड़बड़ी !

August 10, 2025 @ 08:45 pm

ऊना ! राजीव गांधी वन संवर्धन योजना से पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण रोजगार को मिलेगा बढ़ावा : उप मुख्यमंत्री !

August 10, 2025 @ 08:40 pm

चम्बा ! भरमौरी साहब पार्टी के कंद्दावर नेता रहे हैं ऐसे में उनकी बौखलाहट स्वाभाविक !

August 10, 2025 @ 08:36 pm
संबंधित लेख लेखक से और अधिक

ज्योतिष,खबर हिमाचल से ,राशिफल

!! राशिफल 11 अगस्त 2025 सोमवार !!

खबर हिमाचल से ,वीडियो

चम्बा ! द ग्रेट हिमालय टूर्नामेंट में विजेता वारियर 11 भद्रम और उपविजेता हिमालयन वॉरियर रहे !

खबर हिमाचल से ,वीडियो

शिमला ! हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का बड़ा बयान, कहा- मंडी लोकसभा चुनाव में भी हुई गड़बड़ी !

साक्षात्कार और रिपोर्ट/Interviews & Reports

खबर हिमाचल से ,Video,रिपोर्ट और साक्षात्कार

लाहौल ! भुंतर भवन स्ट्रांग रूम में शिफ्ट की गई ईवीएम मशीनें !

खबर हिमाचल से ,Video,रिपोर्ट,रिपोर्ट और साक्षात्कार

मंडी की मुरारी धार को पर्यटन की दृष्टि से देश के मानचित्र पर लाने की जरूरत !

Video,रिपोर्ट और साक्षात्कार

ननखड़ी ! सरकार के दो साल का कार्यकाल पुरा होने पर हिम आधार लोक कला मंच ने चलाया जागरूकता अभियान।

Video,रिपोर्ट और साक्षात्कार

मंडी ! राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद पीएम मोदी का आभार व्यक्त करता है- लेखराज राणा !

- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -

रोजगार/Employment

  • चम्बा ! जिला रोजगार कार्यालय चम्बा द्वारा 16 व 17 अप्रैल को होगा कैंपस इंटरव्यू का आयोजन !

    April 7, 2025 @ 09:33 pm
  • शिमला ! राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय, शिमला में रोज़गार मेले का किया आयोजन  ! 

    August 7, 2024 @ 09:27 pm
  • शिमला ! विदेश में नौकरी करने के लिए होने जा रहे हैं साक्षात्कार !   

    May 6, 2024 @ 06:24 pm

नतीजे/Results

  • हिमाचल ! बिजली बोर्ड को मिले 154 कनिष्ठ अभियंता, स्टाफ नर्स भर्ती का परिणाम घोषित !

    March 30, 2022 @ 12:23 pm
  • हमीरपुर ! इलेक्ट्रीशियन और रिस्टोरर के पदों के लिए ली गई परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित !

    January 4, 2022 @ 06:04 pm
  • हमीरपुर ! स्टोर कीपर पोस्ट कोड 878 की परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित !

    January 4, 2022 @ 11:29 am

मोबाइल एप्लिकेशन/Mobile App

प्रस्तावना !

#KhabarHimachalSe आपके सामने प्रस्तुत है एक सच्चे और ईमानदार प्रयास के साथ ! "खबर हिमाचल से" समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए सदैव प्रयतनशील है ! यह मात्र सामान्य न्यूज़ पोर्टल ही नहीं जो ख़बरें कापी पेस्ट करता रहेगा बल्कि जनता की आवाज़ को प्रदेश के हाकिमों तक पहुँचाने की लड़ाई भी लड़ेगा । "खबर हिमाचल से" किसी विभाग/ अधिकारी/ सरकार के उत्पीड़न के विरूद्ध जनता के साथ कन्धे से कन्धा मिला कर खड़ा नज़र आएगा।

"सबका स्थान, एक समान" - "हमारी शक्ति, आपका प्रोत्साहन" !

हमें संपर्क करें: [email protected]

हमारा अनुसरण करे ! !

© 2017 - 2025 Khabar Himachal Se
  • Privacy Policy
  • Rules & Regulation
  • हमारे बारे में !
  • विज्ञापन
  • संपर्क करे !