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लाहौल ! देश में जोंजिला टनल के बाद अब दूसरी बार किसी टनल निर्माण के सर्वे में डेनमार्क की एयर बॉर्न इलेक्ट्रोमैगनेटिक तकनीक का इस्तेमाल होगा। स्मरण रहे की जोजिला पास पर देश की सबसे लंबी टनल बनने जा रही हैं जिसके सर्वे के लिये डेनमार्क की एयर बार्न कंपनी ने सर्वे किया है। शिंकुला टनल मे भी हवाई सर्वे के लिए इस 500 किलो वजनी एंटीना को बांध कर 16 से17 हजार फीट की ऊंचाई पर चिनूक हेलीकॉप्टर जांस्कर रेंज में आज से उड़ान भर रहा है । वीरवार को वायु सेना के हेलीकॉप्टर ने सितिंगरी हेलीपैड से शिंकुला के तरफ उड़ान भर कर इलाके का जायजा लिया। सितिंगरी हेलीपैड से चिनुक हेलीकॉप्टर ने एंटीना बांध कर हवाई सर्वे का ट्रायल किया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की भारत माला परियोजना की कड़ी में शिंकुला टनल मील का पत्थर साबित होगा। जोजिला सुरंग के बाद देश में दूसरी बार जियो फिजिकल सर्वे के लिए एयरबोर्न तकनीकी का इस्तेमाल हो रहा है। इसके माध्यम से एंटीना जमीन से 60 मीटर दूर रहा कर पहाड़ के भूगर्भ में 700 मीटर तक स्केन करेगा ।
लाहौल ! देश में जोंजिला टनल के बाद अब दूसरी बार किसी टनल निर्माण के सर्वे में डेनमार्क की एयर बॉर्न इलेक्ट्रोमैगनेटिक तकनीक का इस्तेमाल होगा। स्मरण रहे की जोजिला पास पर देश की सबसे लंबी टनल बनने जा रही हैं जिसके सर्वे के लिये डेनमार्क की एयर बार्न कंपनी ने सर्वे किया है। शिंकुला टनल मे भी हवाई सर्वे के लिए इस 500 किलो वजनी एंटीना को बांध कर 16 से17 हजार फीट की ऊंचाई पर चिनूक हेलीकॉप्टर जांस्कर रेंज में आज से उड़ान भर रहा है । वीरवार को वायु सेना के हेलीकॉप्टर ने सितिंगरी हेलीपैड से शिंकुला के तरफ उड़ान भर कर इलाके का जायजा लिया।
सितिंगरी हेलीपैड से चिनुक हेलीकॉप्टर ने एंटीना बांध कर हवाई सर्वे का ट्रायल किया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की भारत माला परियोजना की कड़ी में शिंकुला टनल मील का पत्थर साबित होगा। जोजिला सुरंग के बाद देश में दूसरी बार जियो फिजिकल सर्वे के लिए एयरबोर्न तकनीकी का इस्तेमाल हो रहा है। इसके माध्यम से एंटीना जमीन से 60 मीटर दूर रहा कर पहाड़ के भूगर्भ में 700 मीटर तक स्केन करेगा ।
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