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लाहौल ! कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आज लाहौल-स्पीति के कुकुम सेरी कृषि विज्ञान केंद्र का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने केवीके के वैज्ञानिकों से कहा कि लाहौल-स्पीति को हिमाचल प्रदेश का प्रथम शत-प्रतिशत प्राकृतिक खेती आधारित जिला बनाने के कार्य को तेज किया जाए। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति तथा पांगी के अधिकतर किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है और कृषि विभाग जिला के किसानों को इस दिशा में ले जाने के लिए भरपूर सहायता कर रहा है, ऐसे में केवीके के वैज्ञानिकों को भी प्रयोगशाला में होने वाले नए शोध को किसान के खेत तक पहुंचाना चाहिए। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पूरे राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है ताकि किसान रसायनों की खेती से मुक्त हो सकें तथा उनकी आय भी बढ़े। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती की सर्टिफिकेशन करवाई जाएगी, ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिल सके। साथ ही प्राकृतिक खेती के उत्पादों को अलग बाजार उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाएगा। कंवर ने कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष 1 लाख किसान परिवारों को प्राकृतिक खेती के साथ जोड़ने का लक्ष्य रखा है तथा वर्ष 2022 तक पूरे हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक खेती के तहत लाया जाएगा। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि अटल रोहतांग टनल खुलने के बाद जिला लाहौल-स्पीति के किसानों को काफी लाभ मिलेगा। अपना उत्पाद यहां के किसान सही समय पर मंडियों में पहुंचा पाएंगे, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। इसके अलावा क्षेत्र में कृषि आधारित पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
लाहौल ! कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आज लाहौल-स्पीति के कुकुम सेरी कृषि विज्ञान केंद्र का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने केवीके के वैज्ञानिकों से कहा कि लाहौल-स्पीति को हिमाचल प्रदेश का प्रथम शत-प्रतिशत प्राकृतिक खेती आधारित जिला बनाने के कार्य को तेज किया जाए। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति तथा पांगी के अधिकतर किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है और कृषि विभाग जिला के किसानों को इस दिशा में ले जाने के लिए भरपूर सहायता कर रहा है, ऐसे में केवीके के वैज्ञानिकों को भी प्रयोगशाला में होने वाले नए शोध को किसान के खेत तक पहुंचाना चाहिए।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पूरे राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है ताकि किसान रसायनों की खेती से मुक्त हो सकें तथा उनकी आय भी बढ़े। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती की सर्टिफिकेशन करवाई जाएगी, ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिल सके। साथ ही प्राकृतिक खेती के उत्पादों को अलग बाजार उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाएगा। कंवर ने कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष 1 लाख किसान परिवारों को प्राकृतिक खेती के साथ जोड़ने का लक्ष्य रखा है तथा वर्ष 2022 तक पूरे हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक खेती के तहत लाया जाएगा।
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वीरेंद्र कंवर ने कहा कि अटल रोहतांग टनल खुलने के बाद जिला लाहौल-स्पीति के किसानों को काफी लाभ मिलेगा। अपना उत्पाद यहां के किसान सही समय पर मंडियों में पहुंचा पाएंगे, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। इसके अलावा क्षेत्र में कृषि आधारित पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
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