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लाहौल ! हिमखंड में दबे बरगुल गांव के किसान का शव 28 दिन बाद बरामद हुआ है। शव को पोस्टमार्टम के लिए केलांग लाया गया है। किसान राजेंद्र 13 अप्रैल को खेत मे काम करने के दौरान हिमखंड में दब गया था। इसके बाद आईटीबीपी, रोहतांग टनल रेस्क्यू टीम, पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों ने कई दिनों तक हिमखंड के मलबे में राजेंद्र की तलाश जारी रखी। हिमखंड का दायरा बड़ा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को बीच में ही रोकना पड़ा। सोमवार को ग्रामीणों ने हिमखंड को पिघलाने के लिए पानी का बहाव इस और मोड़ दिया। ग्रामीण राजेश, संजय, हरिंदर और अनिल ने बताया कि हिमखंड का कुछ हिस्सा पिघलने से बर्फ के नीचे किसान का एक बाजू नजर आया। इसके बाद पंचायत ने जिला प्रशासन और पुलिस को इसकी जानकारी दी। सहायक आयुक्त अमर नेगी ने बताया कि पुलिस और राजस्व विभाग की टीम को तत्काल मौके पर रवाना किया गया। शव को केलांग लाकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है।
लाहौल ! हिमखंड में दबे बरगुल गांव के किसान का शव 28 दिन बाद बरामद हुआ है। शव को पोस्टमार्टम के लिए केलांग लाया गया है। किसान राजेंद्र 13 अप्रैल को खेत मे काम करने के दौरान हिमखंड में दब गया था। इसके बाद आईटीबीपी, रोहतांग टनल रेस्क्यू टीम, पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों ने कई दिनों तक हिमखंड के मलबे में राजेंद्र की तलाश जारी रखी।
हिमखंड का दायरा बड़ा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को बीच में ही रोकना पड़ा। सोमवार को ग्रामीणों ने हिमखंड को पिघलाने के लिए पानी का बहाव इस और मोड़ दिया। ग्रामीण राजेश, संजय, हरिंदर और अनिल ने बताया कि हिमखंड का कुछ हिस्सा पिघलने से बर्फ के नीचे किसान का एक बाजू नजर आया।
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इसके बाद पंचायत ने जिला प्रशासन और पुलिस को इसकी जानकारी दी। सहायक आयुक्त अमर नेगी ने बताया कि पुलिस और राजस्व विभाग की टीम को तत्काल मौके पर रवाना किया गया। शव को केलांग लाकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है।
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