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शिमला , 22 अप्रैल [ देवेंद्र धर ] ! गत दिवस शिमला में युवा कथाकार डॉ. जमुना बीनी को डॉ. विजय मोहन सिंह स्मृति युवा कथाकार सम्मान अरुणाचल प्रदेश की युवा महिला कथाकार डॉ. जमुना बीनी को प्रदान किया गया. पच्चीस हज़ार रूपये सम्मान राशि और प्रशस्ति पत्र डॉ. विमोसिं स्मृति ट्रस्ट की अध्यक्ष आशा लता सिंह ने भेंट की। कार्यक्रम का आयोजन सच्ची मुठभेड़ चैनल द्वारा किया गया था। एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन दो सत्र में किया गया था। पहले सत्र में हिमाचल की हिंदी कहानी पर चर्चा की आयोजित की गयी। सत्र का बीज -पत्र आलोचक डॉ. हेमराज कौशिक ने पढ़ा और अध्यक्षता श्रीयुत श्रीनिवास जोशी ने की। हिमाचल की हिंदी कहानी का विस्तार से ब्यौरा देते हुए डॉ हेम राज कौशिक ने हिमाचल की हिंदी कहानी व्यापक सम्भावनाओं पर चर्चा की। परिचर्चा में डॉ तुलसी रमण, डॉ. कुल राजीव पंत, प्रख्यात कहानीकार सुदर्शन वशिष्ठ ने भाग लिया। समारोह के दूसरे सत्र का संचालन डॉ. अविचल गौतम ने किया। इस सत्र में अरुणाचल प्रदेश की डॉ. जशोदा बीनी ने अपने आदिवासी समाज की संस्कृति की जानकारी सांझी की. आलोचक रंजन राय और डॉ. वैभवसिंह ने भी चर्चा में भाग लिया. समारोह में प्रतिष्ठित कथाकार वर्तलसिंह, पत्रकार रंजू एरी, कवि आत्मा रंजन, दिनेश शर्मा,महिला कथाकार पोमिला ठाकुर, साहित्यकार दीप्ती सारस्वत, डॉ. नरेंद्र शर्मा, रंग कर्मी जवाहर कौल, पूर्व सूचना निदेशक बीडी शर्मा, लोकगायक एल आर वर्मा, जगदीश शर्मा, स्नेहा नेगी, राधा सिंह, श्रीमती पूनम सांख्यान, डॉ. उमा , डॉ. स्मृति ठाकुर और कवि सतीश धर ने भाग लिया. कार्यक्रम में डॉ. विजय मोहन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। कथाकार डॉ. जमुना बीनी को कुमारी नियति वर्मा ने भी फूलों का गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया.कवि देवेन्द्र धर ने अतिथि साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया।
शिमला , 22 अप्रैल [ देवेंद्र धर ] ! गत दिवस शिमला में युवा कथाकार डॉ. जमुना बीनी को डॉ. विजय मोहन सिंह स्मृति युवा कथाकार सम्मान अरुणाचल प्रदेश की युवा महिला कथाकार डॉ. जमुना बीनी को प्रदान किया गया. पच्चीस हज़ार रूपये सम्मान राशि और प्रशस्ति पत्र डॉ. विमोसिं स्मृति ट्रस्ट की अध्यक्ष आशा लता सिंह ने भेंट की।
कार्यक्रम का आयोजन सच्ची मुठभेड़ चैनल द्वारा किया गया था। एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन दो सत्र में किया गया था। पहले सत्र में हिमाचल की हिंदी कहानी पर चर्चा की आयोजित की गयी। सत्र का बीज -पत्र आलोचक डॉ. हेमराज कौशिक ने पढ़ा और अध्यक्षता श्रीयुत श्रीनिवास जोशी ने की।
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हिमाचल की हिंदी कहानी का विस्तार से ब्यौरा देते हुए डॉ हेम राज कौशिक ने हिमाचल की हिंदी कहानी व्यापक सम्भावनाओं पर चर्चा की। परिचर्चा में डॉ तुलसी रमण, डॉ. कुल राजीव पंत, प्रख्यात कहानीकार सुदर्शन वशिष्ठ ने भाग लिया।
समारोह के दूसरे सत्र का संचालन डॉ. अविचल गौतम ने किया। इस सत्र में अरुणाचल प्रदेश की डॉ. जशोदा बीनी ने अपने आदिवासी समाज की संस्कृति की जानकारी सांझी की. आलोचक रंजन राय और डॉ. वैभवसिंह ने भी चर्चा में भाग लिया. समारोह में प्रतिष्ठित कथाकार वर्तलसिंह, पत्रकार रंजू एरी, कवि आत्मा रंजन, दिनेश शर्मा,महिला कथाकार पोमिला ठाकुर, साहित्यकार दीप्ती सारस्वत, डॉ. नरेंद्र शर्मा, रंग कर्मी जवाहर कौल, पूर्व सूचना निदेशक बीडी शर्मा, लोकगायक एल आर वर्मा, जगदीश शर्मा, स्नेहा नेगी, राधा सिंह, श्रीमती पूनम सांख्यान, डॉ. उमा , डॉ. स्मृति ठाकुर और कवि सतीश धर ने भाग लिया. कार्यक्रम में डॉ. विजय मोहन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।
कथाकार डॉ. जमुना बीनी को कुमारी नियति वर्मा ने भी फूलों का गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया.कवि देवेन्द्र धर ने अतिथि साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया।
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