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उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने आज यहां जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक ली। इस अवसर पर उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों से गहन विचार-विमर्श किया तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बाल एवं बालिका आश्रम में बाल परामर्श पर बल दिया तथा हर बार इन आश्रमों का अनुश्रवण करने पर विभाग को आदेश दिए। अमित कश्यप ने बताया कि जिला में 10 शिशु गृह काम कर रहे हैं तथा इन गृहों में 328 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाल एवं बालिकाओं का समय-समय पर स्वास्थ्य जांच भी करवाई जाती है, जिससे उनका संपूर्ण बौद्धिक एवं शारीरिक विकास संभव हो सके। उन्होंने बताया कि जिला में बाल कल्याण समितियों का गठन भी किया गया है तथा समय-समय पर यह समिति बाल एवं बालिका आश्रमों का औचक निरीक्षण भी करती है। उन्होंने बताया कि आश्रम में रहने वाले बच्चों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए 10 बच्चों को आईटीआई के माध्यम से व्यवसायिक शिक्षा उपलब्ध करवाई जा रही है, जिससे वे समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सके। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी इरा तंवर ने बताया कि विभाग द्वारा बाल संरक्षण अधिनियम पर भी जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे समाज में बाल अधिकारों के संदर्भ में जानकारी प्रदान की जा रही है। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त अपूर्व देवगन तथा विभिन्न विभागों के अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने आज यहां जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक ली। इस अवसर पर उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों से गहन विचार-विमर्श किया तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बाल एवं बालिका आश्रम में बाल परामर्श पर बल दिया तथा हर बार इन आश्रमों का अनुश्रवण करने पर विभाग को आदेश दिए।
अमित कश्यप ने बताया कि जिला में 10 शिशु गृह काम कर रहे हैं तथा इन गृहों में 328 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाल एवं बालिकाओं का समय-समय पर स्वास्थ्य जांच भी करवाई जाती है, जिससे उनका संपूर्ण बौद्धिक एवं शारीरिक विकास संभव हो सके।
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उन्होंने बताया कि जिला में बाल कल्याण समितियों का गठन भी किया गया है तथा समय-समय पर यह समिति बाल एवं बालिका आश्रमों का औचक निरीक्षण भी करती है। उन्होंने बताया कि आश्रम में रहने वाले बच्चों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए 10 बच्चों को आईटीआई के माध्यम से व्यवसायिक शिक्षा उपलब्ध करवाई जा रही है, जिससे वे समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सके।
इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी इरा तंवर ने बताया कि विभाग द्वारा बाल संरक्षण अधिनियम पर भी जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे समाज में बाल अधिकारों के संदर्भ में जानकारी प्रदान की जा रही है। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त अपूर्व देवगन तथा विभिन्न विभागों के अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
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