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शिमला ! राज्य सरकार आपदा की इस घड़ी में किसानों और बागवानों को हर संभव सहायता प्रदान करें। जिला शिमला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष यशवंत छाजटा ने जारी बयान में यह बात कही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए किसानों की के.सी.सी. लिमिट माफ करने के साथ ही अन्य ऋ ण (कर्ज) प्राथमिकता के आधार पर माफ किए जाने चाहिए। छाजटा ने कहा है मौसम की मार और ओलावृष्ठि के कहर से बागवान और किसानों की कमर पहले ही टूट चुकी है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के चलते किसानों को सब्जियों के भी लागत से कम दाम मिल रहे है। ऐसे में किसानों द्वारा उगाई गई सब्जियों का समर्थन मूल्य भी सरकार समय रहते तय करे। किसानों के बिजली व पानी के बिल माफ किए जाने जाए। किसानों के बच्चो की फीस माफ की जाए और किसानों व बागवानों की आर्थिक को सुदृढ़ करने के लिए रोड मैप तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना माहामारी से जिस तरह की स्थिति बनी है, उससे स्पष्ट है कि बागवानों को कार्टन और मजूदरों कि समस्या से भी जूझना पड़ेगा, क्योंकि कोरोना कफ्र्यू के चलते नेपाल से इस बार मजदूर नहीं आ पाएंगे और बाहरी राज्यों के मजूदर भी यहां से पलायन कर चुके हैं। राशन सबसिडी कटौती पर उठाए सवाल ! छाजटा ने ए.पी.एल. परिवारों की राशन सबसिडी में कटौती किए जाने पर भी सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि जनहित में सरकार को अपने फैसले पर पुर्नविचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये समय लोगों की मदद कहा है और सरकार को चाहिए कि वह जनता को राहत प्रदान करे न कि सस्ते राशन पर ही कैंची चलाने जैसे निर्णय ले। उन्होंने कहा है कि सरकार को केंद्र से विशेष आर्थिक मदद की मांग करनी चाहिए।
शिमला ! राज्य सरकार आपदा की इस घड़ी में किसानों और बागवानों को हर संभव सहायता प्रदान करें। जिला शिमला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष यशवंत छाजटा ने जारी बयान में यह बात कही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए किसानों की के.सी.सी. लिमिट माफ करने के साथ ही अन्य ऋ ण (कर्ज) प्राथमिकता के आधार पर माफ किए जाने चाहिए। छाजटा ने कहा है मौसम की मार और ओलावृष्ठि के कहर से बागवान और किसानों की कमर पहले ही टूट चुकी है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के चलते किसानों को सब्जियों के भी लागत से कम दाम मिल रहे है। ऐसे में किसानों द्वारा उगाई गई सब्जियों का समर्थन मूल्य भी सरकार समय रहते तय करे।
किसानों के बिजली व पानी के बिल माफ किए जाने जाए। किसानों के बच्चो की फीस माफ की जाए और किसानों व बागवानों की आर्थिक को सुदृढ़ करने के लिए रोड मैप तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना माहामारी से जिस तरह की स्थिति बनी है, उससे स्पष्ट है कि बागवानों को कार्टन और मजूदरों कि समस्या से भी जूझना पड़ेगा, क्योंकि कोरोना कफ्र्यू के चलते नेपाल से इस बार मजदूर नहीं आ पाएंगे और बाहरी राज्यों के मजूदर भी यहां से पलायन कर चुके हैं।
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छाजटा ने ए.पी.एल. परिवारों की राशन सबसिडी में कटौती किए जाने पर भी सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि जनहित में सरकार को अपने फैसले पर पुर्नविचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये समय लोगों की मदद कहा है और सरकार को चाहिए कि वह जनता को राहत प्रदान करे न कि सस्ते राशन पर ही कैंची चलाने जैसे निर्णय ले। उन्होंने कहा है कि सरकार को केंद्र से विशेष आर्थिक मदद की मांग करनी चाहिए।
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