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शिमला ! भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए इससे निपटने के लिए 18 सितम्बर की शाम को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें भविष्य की तैयारियों को लेकर सुझाव दिये गए। पार्टी का मानना है कि जीवनयापन के लिए आर्थिक गतिविधियों को बहाल करना जितना आवश्यक है उतना ही महत्वपूर्ण संक्रमण से लोगों की सुरक्षा भी है। पार्टी ने कहा कि वर्तमान समय में संक्रमण की संभावनाओं के मद्देजऩर स्थिति को संभालने के लिए पर्याप्त स्थान की कमी, चतुर्थ श्रेणी सहित नर्सिंग स्टाफ, लैबोरेटोरी टैक्नीशियन, डॉक्टरों की कमी, आपातकालीन सेवाओं और बाह्य रोग सेवाओं में कमी नज़र आ रही है। सीपीआई(एम) ने कहा कि पूरी तैयारियों के अभाव में मरीज़ों की संख्या बढ़ने से स्थिति अनियंत्रित हो सकती है और भारी अव्यवस्था फैल सकती है। अतः सीपीआई(एम) ने सरकार के समक्ष सुझाव रखे और सरकार से समय रहते उचित कदम उठाने की मांग की। प्रबन्धन सम्बन्धी सुझाव 1 आईजीएमसी, डीडीयू, कमला नेहरू अस्पताल के प्रबन्धन को मर्ज किया जाए। 2 निर्णय लेने के लिए तीनों मुख्य अस्पतालों (आईजीएमसी, डीडीयू, कमला नेहरू) की एक संयुक्त एक्शन कमेटी गठित की जाए। 3 किस स्तर की बीमारी के मरीज़ को किस अस्पताल में भेजा जाना चाहिए इसका निर्णय प्रशासनिक स्तर पर या पहुंच और रुतबे के हिसाब से न होकर ज़रूरत के हिसाब से हो। स्थान का प्रबन्ध 1. आईजीएमसी के नये भवन (न्यू ओपीडी) को युद्धस्तर पर तैयार करके कोविड मरीज़ों के लिए आरक्षित करे। 2. इंडस (INDUS) अस्पताल को कोविड अस्पताल के रूप में तुरंत शुरू किया जाए तथा इसे किराये पर लेने या उसे खरीदने के लिए केन्द्र सरकार से विशेष आर्थिक सहायता की मांग करे। 3. सभी अस्पताल जिन्हें मेडीकल रिम्बर्समेंट के लिए अधिकृत किया गया है, उन्हें कोविड के लिए समर्पित कम से कम 10-10 बिस्तरों को आरक्षित रखने की अधिसूचना जारी करे। 4. सैनिक अस्पताल (Walker Hospital) शिमला में भी कोविड आपातकाल के लिए तैयार किया जाए। 5. चम्याणा में तैयार हो रहे सुपर स्पैशिएलिटी परिसर को शीघ्र तैयार करके उसे क्रियाशील किया जाए। मानव संसाधन की कमी 1. आईजीएमसी, डीडीयू, कमला नेहरू अस्पतालों के स्टाफ को पूल करके उन्हें तर्कसंगत तरीके से ज़रूरत के अनुसार तैनात किया जाए। 2. हर श्रेणी के खाली पड़े पदों को तुरन्त भरा जाए तथा खाली पड़े वरिष्ठ चिकित्सकों के पदों को पदोन्नति के ज़रिये तुरन्त भरा जाए। 3. डर्मीटॉलॉजिस्ट, ऑप्थेल्मॉलोजिस्ट, ऐनीस्थिसिया, रेडियोलॉजी, ऑर्थोपैडिक्स आदि विशेषज्ञ सेवाओं के ऐसे डॉक्टरों को कोविड काल के लिए डीडीयू, आईजीएमसी में अस्थाई तौर पर नियुक्त किया जाए जिनकी प्रासंगिकता फिलहाल उन क्षेत्रों में नहीं है। बाह्य रोग जांच प्रबन्धन (OPD management) 1. बाह्य रोग जांच को सुचारू रूप से बहाल करने के लिए डीडीयू के पुराने परिसर (पुराने भवन) में सामान्य ओपीडी (General OPD) को नियमित और सुचारू ढंग से शुरू किया जाए। 2. गंभीर और सहरुग्णता (co-morbidity) वाले मरीज़ों के लिए आईजीएमसी में बाह्य रोग जांच का प्रबन्ध किया जाए। ई-संजीवनी पोर्टल को क्रियाशील बनाना 1. क्षेत्रीय, जिला व सामुदायिक अस्पतालों के स्तर तक ई-संजीवनी पोर्टल को क्रियाशील बनाया जाए। 2. इसके संचालन का प्रशिक्षण देने के लिए एनआईसी, स्कूल के कम्प्यूटर अध्यापकों, अन्य विभागों के कम्प्यूटर प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ का सहयोग लिया जाए। 3. ई-संजीवनी पोर्टल में ऑडियो-वीडियो दोनों तरह से संचालन करने का प्रशिक्षण दिया जाए। 4. ई-संजीवनी पोर्टल को संचालित करने के लिए सभी आवश्यक ढांचे का प्रावधान किया जाए। जिसमें उपकरण व तकनीकी स्टाफ तक शामिल है।
शिमला ! भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए इससे निपटने के लिए 18 सितम्बर की शाम को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें भविष्य की तैयारियों को लेकर सुझाव दिये गए।
पार्टी का मानना है कि जीवनयापन के लिए आर्थिक गतिविधियों को बहाल करना जितना आवश्यक है उतना ही महत्वपूर्ण संक्रमण से लोगों की सुरक्षा भी है। पार्टी ने कहा कि वर्तमान समय में संक्रमण की संभावनाओं के मद्देजऩर स्थिति को संभालने के लिए पर्याप्त स्थान की कमी, चतुर्थ श्रेणी सहित नर्सिंग स्टाफ, लैबोरेटोरी टैक्नीशियन, डॉक्टरों की कमी, आपातकालीन सेवाओं और बाह्य रोग सेवाओं में कमी नज़र आ रही है। सीपीआई(एम) ने कहा कि पूरी तैयारियों के अभाव में मरीज़ों की संख्या बढ़ने से स्थिति अनियंत्रित हो सकती है और भारी अव्यवस्था फैल सकती है। अतः सीपीआई(एम) ने सरकार के समक्ष सुझाव रखे और सरकार से समय रहते उचित कदम उठाने की मांग की।
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प्रबन्धन सम्बन्धी सुझाव
1 आईजीएमसी, डीडीयू, कमला नेहरू अस्पताल के प्रबन्धन को मर्ज किया जाए। 2 निर्णय लेने के लिए तीनों मुख्य अस्पतालों (आईजीएमसी, डीडीयू, कमला नेहरू) की एक संयुक्त एक्शन कमेटी गठित की जाए। 3 किस स्तर की बीमारी के मरीज़ को किस अस्पताल में भेजा जाना चाहिए इसका निर्णय प्रशासनिक स्तर पर या पहुंच और रुतबे के हिसाब से न होकर ज़रूरत के हिसाब से हो।
स्थान का प्रबन्ध 1. आईजीएमसी के नये भवन (न्यू ओपीडी) को युद्धस्तर पर तैयार करके कोविड मरीज़ों के लिए आरक्षित करे। 2. इंडस (INDUS) अस्पताल को कोविड अस्पताल के रूप में तुरंत शुरू किया जाए तथा इसे किराये पर लेने या उसे खरीदने के लिए केन्द्र सरकार से विशेष आर्थिक सहायता की मांग करे।
3. सभी अस्पताल जिन्हें मेडीकल रिम्बर्समेंट के लिए अधिकृत किया गया है, उन्हें कोविड के लिए समर्पित कम से कम 10-10 बिस्तरों को आरक्षित रखने की अधिसूचना जारी करे। 4. सैनिक अस्पताल (Walker Hospital) शिमला में भी कोविड आपातकाल के लिए तैयार किया जाए। 5. चम्याणा में तैयार हो रहे सुपर स्पैशिएलिटी परिसर को शीघ्र तैयार करके उसे क्रियाशील किया जाए। मानव संसाधन की कमी
1. आईजीएमसी, डीडीयू, कमला नेहरू अस्पतालों के स्टाफ को पूल करके उन्हें तर्कसंगत तरीके से ज़रूरत के अनुसार तैनात किया जाए। 2. हर श्रेणी के खाली पड़े पदों को तुरन्त भरा जाए तथा खाली पड़े वरिष्ठ चिकित्सकों के पदों को पदोन्नति के ज़रिये तुरन्त भरा जाए। 3. डर्मीटॉलॉजिस्ट, ऑप्थेल्मॉलोजिस्ट, ऐनीस्थिसिया, रेडियोलॉजी, ऑर्थोपैडिक्स आदि विशेषज्ञ सेवाओं के ऐसे डॉक्टरों को कोविड काल के लिए डीडीयू, आईजीएमसी में अस्थाई तौर पर नियुक्त किया जाए जिनकी प्रासंगिकता फिलहाल उन क्षेत्रों में नहीं है।
बाह्य रोग जांच प्रबन्धन (OPD management) 1. बाह्य रोग जांच को सुचारू रूप से बहाल करने के लिए डीडीयू के पुराने परिसर (पुराने भवन) में सामान्य ओपीडी (General OPD) को नियमित और सुचारू ढंग से शुरू किया जाए। 2. गंभीर और सहरुग्णता (co-morbidity) वाले मरीज़ों के लिए आईजीएमसी में बाह्य रोग जांच का प्रबन्ध किया जाए। ई-संजीवनी पोर्टल को क्रियाशील बनाना
1. क्षेत्रीय, जिला व सामुदायिक अस्पतालों के स्तर तक ई-संजीवनी पोर्टल को क्रियाशील बनाया जाए। 2. इसके संचालन का प्रशिक्षण देने के लिए एनआईसी, स्कूल के कम्प्यूटर अध्यापकों, अन्य विभागों के कम्प्यूटर प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ का सहयोग लिया जाए। 3. ई-संजीवनी पोर्टल में ऑडियो-वीडियो दोनों तरह से संचालन करने का प्रशिक्षण दिया जाए। 4. ई-संजीवनी पोर्टल को संचालित करने के लिए सभी आवश्यक ढांचे का प्रावधान किया जाए। जिसमें उपकरण व तकनीकी स्टाफ तक शामिल है।
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