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शिमला ,10 जनवरी ! अयोध्या हवाई अड्डे का नाम 'महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, अयोध्याधाम' करने के निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोटी-कोटी आभार व्यक्त करते है। जारी प्रैस विज्ञप्ति में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश डोगरा ने कहा कि "हवाई अड्डे का नाम 'महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, अयोध्याधाम' महर्षि वाल्मिकी को श्रद्धांजलि देता है, ऋषि ने महाकाव्य रामायण की रचना की थी, जिससे हवाई अड्डे की पहचान में एक सांस्कृतिक स्पर्श जुड़ गया है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़े वर्गो के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाओं को लाकर अंतिम पंक्ति पर खडें व्यक्ति तक पहुँचाने का कार्य किया है। जबकि कांग्रेस ने हमेशा से अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग को केवल और केवल झूठे झांसे देकर वोट के लिए प्रयोग किया है। राकेश डोगरा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ अंबेडकर फाउंडेशन के माध्यम से देश के दलितों में पुनर्जागरण की चेतना को जगाने का भरपूर कार्य कर रहे है। डा. अंबेडकर अंतराष्ट्रीय केन्द्र की स्थापना रिकार्ड दो सालों में 195 करोड़ की लागत से की गयी, वर्ष 2015 से 14 अप्रैल को समरसता दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया, 30 सितंबर 2015 को 125 वीं जयंती के अवसर पर डाक टिकट जारी किया। 125 वीं जयंती के उपलक्ष्य में हर वर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाने का निश्चय किया। डां अंबेडकर चिकित्सा सहायता योजना शुरू की, जिसके तहत 2.5 लाख रुपये सालाना की आमदनी वाले परिवारों को मुफ्त मेडिकल सुविधा मिल रही है। डोगरा ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के देश के प्रति योगदान को हमेशा दबाने का काम किया, लेकिन मोदी सरकार ने डॉ अंबेडकर से जुड़े कई ऐसे मंचों को जनसामान्य के लिए उपलब्ध कराने का काम किया है जिनसे वे सामाजिक समरसता के पुरोधा रहे बाबासाहेब के जीवन और उनके विचारों से पूरा लाभ उठा सकें। केंद्र की सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने बाबासाहेब अंबेडकर से जुड़े पांच स्थानों को पंच तीर्थ के तौर पर विकसित किया है। ये पंच तीर्थ निम्न है: मध्य प्रदेश के महू में बाबासाहेब की जन्मभूमि,लंदन में डॉक्टर अंबेडकर मेमोरियल- उनकी शिक्षाभूमि,नागपुर में दीक्षाभूमि,मुंबई में चैत्यभूमि और दिल्ली में नेशनल मेमोरियल- उनकी महापरिनिर्वाण भूमि। डोगरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डॉ अंबेडकर से जुड़े पांच तीर्थस्थलों को लेकर कहा था कि ये स्थान, ये तीर्थ, सिर्फ ईंट-गारे की इमारत भर नहीं हैं, बल्कि ये जीवंत संस्थाएं हैं, आचार-विचार के सबसे बड़े संस्थान हैं।
शिमला ,10 जनवरी ! अयोध्या हवाई अड्डे का नाम 'महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, अयोध्याधाम' करने के निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोटी-कोटी आभार व्यक्त करते है। जारी प्रैस विज्ञप्ति में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश डोगरा ने कहा कि "हवाई अड्डे का नाम 'महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, अयोध्याधाम' महर्षि वाल्मिकी को श्रद्धांजलि देता है, ऋषि ने महाकाव्य रामायण की रचना की थी, जिससे हवाई अड्डे की पहचान में एक सांस्कृतिक स्पर्श जुड़ गया है।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़े वर्गो के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाओं को लाकर अंतिम पंक्ति पर खडें व्यक्ति तक पहुँचाने का कार्य किया है। जबकि कांग्रेस ने हमेशा से अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग को केवल और केवल झूठे झांसे देकर वोट के लिए प्रयोग किया है। राकेश डोगरा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ अंबेडकर फाउंडेशन के माध्यम से देश के दलितों में पुनर्जागरण की चेतना को जगाने का भरपूर कार्य कर रहे है। डा. अंबेडकर अंतराष्ट्रीय केन्द्र की स्थापना रिकार्ड दो सालों में 195 करोड़ की लागत से की गयी, वर्ष 2015 से 14 अप्रैल को समरसता दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया, 30 सितंबर 2015 को 125 वीं जयंती के अवसर पर डाक टिकट जारी किया।
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125 वीं जयंती के उपलक्ष्य में हर वर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाने का निश्चय किया। डां अंबेडकर चिकित्सा सहायता योजना शुरू की, जिसके तहत 2.5 लाख रुपये सालाना की आमदनी वाले परिवारों को मुफ्त मेडिकल सुविधा मिल रही है।
डोगरा ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के देश के प्रति योगदान को हमेशा दबाने का काम किया, लेकिन मोदी सरकार ने डॉ अंबेडकर से जुड़े कई ऐसे मंचों को जनसामान्य के लिए उपलब्ध कराने का काम किया है जिनसे वे सामाजिक समरसता के पुरोधा रहे बाबासाहेब के जीवन और उनके विचारों से पूरा लाभ उठा सकें। केंद्र की सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने बाबासाहेब अंबेडकर से जुड़े पांच स्थानों को पंच तीर्थ के तौर पर विकसित किया है।
ये पंच तीर्थ निम्न है: मध्य प्रदेश के महू में बाबासाहेब की जन्मभूमि,लंदन में डॉक्टर अंबेडकर मेमोरियल- उनकी शिक्षाभूमि,नागपुर में दीक्षाभूमि,मुंबई में चैत्यभूमि और दिल्ली में नेशनल मेमोरियल- उनकी महापरिनिर्वाण भूमि। डोगरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डॉ अंबेडकर से जुड़े पांच तीर्थस्थलों को लेकर कहा था कि ये स्थान, ये तीर्थ, सिर्फ ईंट-गारे की इमारत भर नहीं हैं, बल्कि ये जीवंत संस्थाएं हैं, आचार-विचार के सबसे बड़े संस्थान हैं।
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