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शिमला ! राज्य सरकार ने 21 सिंतबर के बाद स्कूलों में 50 फीसदी अध्यापक व अन्य स्टाफ सहित बुलाने के लिए शिक्षा विभाग को अधिकृत किया है। अपनी नई गाइडलाइन में राज्य सरकार ने कहा है कि शिक्षा विभाग को शिक्षक, गैर शिक्षकों व इसके अलावा नवीं कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों को सवेच्छा से स्कूल आने की छूट दे दी है। वहीं पीजी छात्रों को लैब से जुड़े अध्ययन के लिए कालेज-विश्वविद्यालय में आने की छूट सरकार ने दे दी है। 21 सिंतबर के बाद प्रदेश के 50 फीसदी स्कूलों में शिक्षकों को बुलाना है या नहीं, इसके लिए शिक्षा विभाग को खुद व्यवस्था कर फैसला लेना होगा। अब शिक्षा विभाग तय करेगा कि 21 सिंतबर के बाद स्कूल-कालेजों में 50 प्रतिशत शिक्षकों को बुलाना है या नहीं। इसके साथ ही नवीं से लेकर 12 तक के छात्रों की कक्षाएं कैसे शुरू करनी है, यह भी शिक्षा विभाग ही तय करेगा। बता दें कि केंद्रीय मंत्रालय से शनिवार को गाइडलाइन आने के बाद सोमवार को प्रदेश सरकार ने भी अपनी गाइडलाइन जारी कर दी है।इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में कहा गया है कि कौशल विकास संस्थान और आईआईटी में सवेच्छा से जा सकते हैं। इसके साथ ही पीएचडी, तकनीकी, व्यवसायिक शिक्षा, पोस्ट ग्रेजुएट छात्र भी अपनी इच्छा से संस्थानों में जा सकते हैं। फिलहाल अब प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग को इसको लेकर अधिकृत कर दिया है, अब देखना यह होगा कि इस पर किस तरह से शिक्षा विभाग पूरी प्लानिंग बनाकर शिक्षा व्यवस्था को कोरोना काल में आगे चला पाता है।अभी जरूरत के हिसाब से बुलाए जा रहे शिक्षक वर्तमान में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को प्रिंसीपल जरूरत के हिसाब से बुला रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई से नहीं जुड़ने वाले विद्यार्थियों के लिए नोट्स बनाने का काम कुछ शिक्षक स्कूलों में आकर कर रहे हैं। अब 21 सितंबर से सभी स्कूलों में शिक्षकों और गैर शिक्षकों को बुलाया जाएगा। शिक्षा सचिव ने निदेशकों को आदेश दिए हैं कि सभी स्कूलों में शिक्षकों और गैर शिक्षकों को बुलाने के लिए रोस्टर बनाना शुरू कर दिया जाए। नौवीं से जमा दो कक्षा के विद्यार्थियों को स्वैच्छिक तौर पर शिक्षकों से गाइडेंस के लिए स्कूलों में बुलाने का फैसला केंद्रिय स्वास्थ्य मंत्रालय से एसओपी जारी होते ही लिया जाएगा !
शिमला ! राज्य सरकार ने 21 सिंतबर के बाद स्कूलों में 50 फीसदी अध्यापक व अन्य स्टाफ सहित बुलाने के लिए शिक्षा विभाग को अधिकृत किया है। अपनी नई गाइडलाइन में राज्य सरकार ने कहा है कि शिक्षा विभाग को शिक्षक, गैर शिक्षकों व इसके अलावा नवीं कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों को सवेच्छा से स्कूल आने की छूट दे दी है। वहीं पीजी छात्रों को लैब से जुड़े अध्ययन के लिए कालेज-विश्वविद्यालय में आने की छूट सरकार ने दे दी है।
21 सिंतबर के बाद प्रदेश के 50 फीसदी स्कूलों में शिक्षकों को बुलाना है या नहीं, इसके लिए शिक्षा विभाग को खुद व्यवस्था कर फैसला लेना होगा। अब शिक्षा विभाग तय करेगा कि 21 सिंतबर के बाद स्कूल-कालेजों में 50 प्रतिशत शिक्षकों को बुलाना है या नहीं। इसके साथ ही नवीं से लेकर 12 तक के छात्रों की कक्षाएं कैसे शुरू करनी है, यह भी शिक्षा विभाग ही तय करेगा। बता दें कि केंद्रीय मंत्रालय से शनिवार को गाइडलाइन आने के बाद सोमवार को प्रदेश सरकार ने भी अपनी गाइडलाइन जारी कर दी है।इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में कहा गया है कि कौशल विकास संस्थान और आईआईटी में सवेच्छा से जा सकते हैं। इसके साथ ही पीएचडी, तकनीकी, व्यवसायिक शिक्षा, पोस्ट ग्रेजुएट छात्र भी अपनी इच्छा से संस्थानों में जा सकते हैं।
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फिलहाल अब प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग को इसको लेकर अधिकृत कर दिया है, अब देखना यह होगा कि इस पर किस तरह से शिक्षा विभाग पूरी प्लानिंग बनाकर शिक्षा व्यवस्था को कोरोना काल में आगे चला पाता है।अभी जरूरत के हिसाब से बुलाए जा रहे शिक्षक वर्तमान में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को प्रिंसीपल जरूरत के हिसाब से बुला रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई से नहीं जुड़ने वाले विद्यार्थियों के लिए नोट्स बनाने का काम कुछ शिक्षक स्कूलों में आकर कर रहे हैं। अब 21 सितंबर से सभी स्कूलों में शिक्षकों और गैर शिक्षकों को बुलाया जाएगा। शिक्षा सचिव ने निदेशकों को आदेश दिए हैं कि सभी स्कूलों में शिक्षकों और गैर शिक्षकों को बुलाने के लिए रोस्टर बनाना शुरू कर दिया जाए। नौवीं से जमा दो कक्षा के विद्यार्थियों को स्वैच्छिक तौर पर शिक्षकों से गाइडेंस के लिए स्कूलों में बुलाने का फैसला केंद्रिय स्वास्थ्य मंत्रालय से एसओपी जारी होते ही लिया जाएगा !
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