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शिमला ! प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत ग़रीबी रेखा से ऊपर वाले लोगों के राशन में 50 प्रतिशत की कटौती को गलत करार देते हुए कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध किया है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने सरकार के इस निर्णय को भेदभावपूर्ण बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही पहले तो लाखों लोगों को गरीबी रेखा की सूची से बाहर कर दिया था और अब उनके राशन में कटौती का फरमान जारी कर मध्यम वर्ग के ऊपर कुठाराघात किया है।केंद्र सरकार की नज़रों में ऊंचा उठने के चक्कर में सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों के आंकलन का पैमाना बदल कर इस वर्ग के साथ बड़ा अन्याय किया है। उन्होंने कहा है कि उस समय कहा गया था कि जिन लोगों को ग़रीबी रेखा से बाहर किया है उनका आर्थिक स्तर ऊपर किया जाएगा लेकिन नतीजा यह हुआ कि पात्र लोग गरीबी रेखा से बाहर हो गए और अब उनको दी जाने वाली रियायतों में कटौती कर उनके साथ अन्याय किया गया है।उन्होंने कहा कि ये फैसला तर्कसंगत नहीं है।मध्यम वर्ग के कर्मचारी के वेतन एवं डी ए में कटौती करके पहले ही सरकार ने अन्याय किया है।मध्यम वर्ग के कर्मचारी, छोटे दुकानदार, व्यपारी, निजी क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोग इस फैसले से प्रभावित होंगे।उन्होनें कहा कि करोना संकट में पहले ही सभी वर्गों की कमर टूटी पड़ी है। बेरोज़गारी चरम पर पहुंच गई है ,किसान-बागवान को उचित दाम और मार्किटिंग की उचित व्यवस्था न होने के कारण उसकी कमर टूट चुकी है।ऐसे में जनवितरण प्रणाली में भी कटौती करने का कांग्रेस पार्टी कड़ा विरोध करती है।उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग को दी जाने वाली ये सुविधा जारी रखी जानी चाहिए और इनको करोना के लॉक डाउन काल के बिजली पानी के बिलों में भी रियायत देनी चाहिए तथा छोटे दुकानदारों को बिजली बिल में कमर्शियल रेट में भी राहत देनी चाहिए।कांग्रेस अध्यक्ष ने गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए भी आय सीमा को 45 हज़ार किए जाने को कम बताया है। उन्होंने कहा कि इसकी सीमा बड़ाई जानी चाहिए जिससे कि गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों का सही आकलन करके राहत दी जा सके।कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि यह समय किसी भी वर्ग को दी जाने वाली राहत में कटौती का नहीं बल्कि और राहत देने का है।राठौर ने कहा है कि प्रदेश सरकार का यह जल्दवाजी में लिया गया फैसला है जिसका कांग्रेस कड़े शब्दों में विरोध करती है।उन्होंने इस फैंसले को तुरन्त वापस लेने की मांग की है।कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि किसान और बागवान हिमाचल की आर्थिकी की रीढ़ हैं लेकिन इनके बारे में सरकार ने कोई भी राहत का पैकज न दे कर कृषि बागवानी क्षेत्र को निराश किया है।
शिमला ! प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत ग़रीबी रेखा से ऊपर वाले लोगों के राशन में 50 प्रतिशत की कटौती को गलत करार देते हुए कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध किया है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने सरकार के इस निर्णय को भेदभावपूर्ण बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही पहले तो लाखों लोगों को गरीबी रेखा की सूची से बाहर कर दिया था और अब उनके राशन में कटौती का फरमान जारी कर मध्यम वर्ग के ऊपर कुठाराघात किया है।केंद्र सरकार की नज़रों में ऊंचा उठने के चक्कर में सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों के आंकलन का पैमाना बदल कर इस वर्ग के साथ बड़ा अन्याय किया है।
उन्होंने कहा है कि उस समय कहा गया था कि जिन लोगों को ग़रीबी रेखा से बाहर किया है उनका आर्थिक स्तर ऊपर किया जाएगा लेकिन नतीजा यह हुआ कि पात्र लोग गरीबी रेखा से बाहर हो गए और अब उनको दी जाने वाली रियायतों में कटौती कर उनके साथ अन्याय किया गया है।उन्होंने कहा कि ये फैसला तर्कसंगत नहीं है।मध्यम वर्ग के कर्मचारी के वेतन एवं डी ए में कटौती करके पहले ही सरकार ने अन्याय किया है।मध्यम वर्ग के कर्मचारी, छोटे दुकानदार, व्यपारी, निजी क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोग इस फैसले से प्रभावित होंगे।उन्होनें कहा कि करोना संकट में पहले ही सभी वर्गों की कमर टूटी पड़ी है।
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बेरोज़गारी चरम पर पहुंच गई है ,किसान-बागवान को उचित दाम और मार्किटिंग की उचित व्यवस्था न होने के कारण उसकी कमर टूट चुकी है।ऐसे में जनवितरण प्रणाली में भी कटौती करने का कांग्रेस पार्टी कड़ा विरोध करती है।उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग को दी जाने वाली ये सुविधा जारी रखी जानी चाहिए और इनको करोना के लॉक डाउन काल के बिजली पानी के बिलों में भी रियायत देनी चाहिए तथा छोटे दुकानदारों को बिजली बिल में कमर्शियल रेट में भी राहत देनी चाहिए।कांग्रेस अध्यक्ष ने गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए भी आय सीमा को 45 हज़ार किए जाने को कम बताया है।
उन्होंने कहा कि इसकी सीमा बड़ाई जानी चाहिए जिससे कि गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों का सही आकलन करके राहत दी जा सके।कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि यह समय किसी भी वर्ग को दी जाने वाली राहत में कटौती का नहीं बल्कि और राहत देने का है।राठौर ने कहा है कि प्रदेश सरकार का यह जल्दवाजी में लिया गया फैसला है जिसका कांग्रेस कड़े शब्दों में विरोध करती है।उन्होंने इस फैंसले को तुरन्त वापस लेने की मांग की है।कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि किसान और बागवान हिमाचल की आर्थिकी की रीढ़ हैं लेकिन इनके बारे में सरकार ने कोई भी राहत का पैकज न दे कर कृषि बागवानी क्षेत्र को निराश किया है।
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