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शिमला ,27 जनवरी [ विशाल सूद ] ! दीपक प्रोजेक्ट वर्करज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू की बैठक देवीधार बसन्तपुर शिमला में सम्पन्न हुई। बैठक में 16 फरवरी को बॉर्डर रोड़ आर्गेनाईजेशन ( बीआरओ ) मजदूरों द्वारा अपनी मांगों को लेकर पूर्ण हड़ताल करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान मजदूर काम ठप्प करेंगे व जगह जगह धरने प्रदर्शन रैलियां करेंगे। बैठक को सम्बोधित करते हुए सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिला कोषाध्यक्ष बालक राम व दीपक प्रोजेक्ट वर्करज़ यूनियन अध्यक्ष प्रेम लाल ने केंद्र सरकार व बीआरओ प्रबन्धन को चेताया है कि उनकी मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 16 फरवरी को पूर्ण हड़ताल होगी। उन्होंने कहा कि देश के श्रम कानूनों का बीआरओ में लगातार उल्लंघन हो रहा है। मजदूरों को ईपीएफ, छुट्टियों, मेडिकल सुविधा, ग्रेच्युटी, छंटनी भत्ता, नोटिस पे सुविधा नहीं दी जा रही है। बोनस भी नियमानुसार नहीं मिल रहा है। उन्हें नियमानुसार साप्ताहिक अवकाश के अलावा 39 छुट्टियां दी जाएं। मजदूरों को आवास सुविधा नहीं है। जहां आवास सुविधा दी गयी है उसकी स्थिति दयनीय है। मजदूरों को कई जगह बिजली, शौचालय, स्नानागार व पानी की सुविधा तक मुहैय्या नहीं है। मजदूरों को डयूटी पर जाने व दुर्गम पहाड़ी इलाकों में उनके बच्चों को स्कूल आने जाने के लिए गाड़ियों की उचित सुविधा नहीं है। विभाग के कल्याण फंड से इन दुर्गम क्षेत्रों में कार्य करने वाले हजारों मजदूरों को न तो मुफ्त राशन दिया जा रहा है और न ही उन्हें राशन कार्ड के ज़रिए राशन व्यवस्था की जा रही है। भारी बर्फबारी वाले इन इलाकों में मजदूरों को मिट्टी के तेल व लकड़ियों की सुविधा भी नहीं दी जा रही है। मजदूरों को सर्दी से बचने के लिए जूते, जैकेट व दस्ताने भी नहीं दिए जा रहे हैं। मजदूरों को समय से वेतन नहीं मिल रहा है। उन्हें ट्रेड के अनुसार वेतन व ओवरटाइम वेतन नहीं मिल रहा है। उन्हें झाड़ू, गैंती, फावड़ा, बेलचा, करण्डी व अन्य काम करने के औजार खुद के पैसे से खरीदने पड़ रहे हैं। उन्हें गाड़ियों के अभाव में आठ बजे के बजाए सुबह छः बजे ही डयूटी पर जाना पड़ रहा है। वर्ष 2019 के बाद कई मजदूरों की बिना कारण या तो छंटनी की गई है या फिर उन्हें डिस्चार्ज किया गया है। मजदूरों के श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत मिलने वाले वज़ीफ़े, शादी, मृत्यु, मेडिकल व पेंशन आदि लाभ रोक दिए गए हैं। इन्हें तुरन्त बहाल किया जाए। मजदूरों के बढ़े हुए वेतन की बकाया राशि अथवा एरियर का तुरन्त भुगतान किया जाए।
शिमला ,27 जनवरी [ विशाल सूद ] ! दीपक प्रोजेक्ट वर्करज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू की बैठक देवीधार बसन्तपुर शिमला में सम्पन्न हुई। बैठक में 16 फरवरी को बॉर्डर रोड़ आर्गेनाईजेशन ( बीआरओ ) मजदूरों द्वारा अपनी मांगों को लेकर पूर्ण हड़ताल करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान मजदूर काम ठप्प करेंगे व जगह जगह धरने प्रदर्शन रैलियां करेंगे।
बैठक को सम्बोधित करते हुए सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिला कोषाध्यक्ष बालक राम व दीपक प्रोजेक्ट वर्करज़ यूनियन अध्यक्ष प्रेम लाल ने केंद्र सरकार व बीआरओ प्रबन्धन को चेताया है कि उनकी मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 16 फरवरी को पूर्ण हड़ताल होगी। उन्होंने कहा कि देश के श्रम कानूनों का बीआरओ में लगातार उल्लंघन हो रहा है।
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मजदूरों को ईपीएफ, छुट्टियों, मेडिकल सुविधा, ग्रेच्युटी, छंटनी भत्ता, नोटिस पे सुविधा नहीं दी जा रही है। बोनस भी नियमानुसार नहीं मिल रहा है। उन्हें नियमानुसार साप्ताहिक अवकाश के अलावा 39 छुट्टियां दी जाएं। मजदूरों को आवास सुविधा नहीं है। जहां आवास सुविधा दी गयी है उसकी स्थिति दयनीय है। मजदूरों को कई जगह बिजली, शौचालय, स्नानागार व पानी की सुविधा तक मुहैय्या नहीं है।
मजदूरों को डयूटी पर जाने व दुर्गम पहाड़ी इलाकों में उनके बच्चों को स्कूल आने जाने के लिए गाड़ियों की उचित सुविधा नहीं है। विभाग के कल्याण फंड से इन दुर्गम क्षेत्रों में कार्य करने वाले हजारों मजदूरों को न तो मुफ्त राशन दिया जा रहा है और न ही उन्हें राशन कार्ड के ज़रिए राशन व्यवस्था की जा रही है। भारी बर्फबारी वाले इन इलाकों में मजदूरों को मिट्टी के तेल व लकड़ियों की सुविधा भी नहीं दी जा रही है। मजदूरों को सर्दी से बचने के लिए जूते, जैकेट व दस्ताने भी नहीं दिए जा रहे हैं। मजदूरों को समय से वेतन नहीं मिल रहा है।
उन्हें ट्रेड के अनुसार वेतन व ओवरटाइम वेतन नहीं मिल रहा है। उन्हें झाड़ू, गैंती, फावड़ा, बेलचा, करण्डी व अन्य काम करने के औजार खुद के पैसे से खरीदने पड़ रहे हैं। उन्हें गाड़ियों के अभाव में आठ बजे के बजाए सुबह छः बजे ही डयूटी पर जाना पड़ रहा है।
वर्ष 2019 के बाद कई मजदूरों की बिना कारण या तो छंटनी की गई है या फिर उन्हें डिस्चार्ज किया गया है। मजदूरों के श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत मिलने वाले वज़ीफ़े, शादी, मृत्यु, मेडिकल व पेंशन आदि लाभ रोक दिए गए हैं। इन्हें तुरन्त बहाल किया जाए। मजदूरों के बढ़े हुए वेतन की बकाया राशि अथवा एरियर का तुरन्त भुगतान किया जाए।
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