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शिमला ! संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन व किसानों के हितों से जुड़े मुद्दों को लेकर देशभर में आज राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। हिमाचल किसान मोर्चा ने भारी संख्या में राजभवन पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया व राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। सयुंक्त किसान मोर्चा का कहना है कि किसान पिछले 3 महीने से ज्यादा समय से किसान विरोधी 3 कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। उनका कहना है कि आज देश में अघोषित इमरजेंसी लागू है। जिसमें हक़ के लिए आवाज बुलंद करने वालों को दबाया जा रहा है। किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने बताया कि देश मे लाखों के संख्या में किसान आंदोलनरत है। लेकिन उनकी मांगों की कोई सुनवाई नही हो रही है। उन्होंने मांग कि है कि तीन कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। हिमाचल में मक्की,पैडी वह अन्य फल फूलों की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए। न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को कानून बनाया जाए। प्रदेश में बे मौसमी बारिश बर्फबारी से हुए नुकसान से किसानों की लागत मूल्य में वृद्धि हुई है इसमे सरकार से राहत की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि आज देश में अघोषित इमरजेंसी लागू है जो भी आज अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाता है उन्हें दबाने की कोशिश की जाती है। इन मुद्दों।को लेकर आज देश।भर में "सेव एग्रीकल्चर सेव डेमोक्रेसी" करोड़ो की संख्या में राज्य मुख्यालय जिला व तहसील में आंदोलन किया जा रहा।
शिमला ! संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन व किसानों के हितों से जुड़े मुद्दों को लेकर देशभर में आज राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। हिमाचल किसान मोर्चा ने भारी संख्या में राजभवन पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया व राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। सयुंक्त किसान मोर्चा का कहना है कि किसान पिछले 3 महीने से ज्यादा समय से किसान विरोधी 3 कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। उनका कहना है कि आज देश में अघोषित इमरजेंसी लागू है। जिसमें हक़ के लिए आवाज बुलंद करने वालों को दबाया जा रहा है।
किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर ने बताया कि देश मे लाखों के संख्या में किसान आंदोलनरत है। लेकिन उनकी मांगों की कोई सुनवाई नही हो रही है। उन्होंने मांग कि है कि तीन कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। हिमाचल में मक्की,पैडी वह अन्य फल फूलों की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए। न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को कानून बनाया जाए। प्रदेश में बे मौसमी बारिश बर्फबारी से हुए नुकसान से किसानों की लागत मूल्य में वृद्धि हुई है इसमे सरकार से राहत की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि आज देश में अघोषित इमरजेंसी लागू है जो भी आज अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाता है उन्हें दबाने की कोशिश की जाती है। इन मुद्दों।को लेकर आज देश।भर में "सेव एग्रीकल्चर सेव डेमोक्रेसी" करोड़ो की संख्या में राज्य मुख्यालय जिला व तहसील में आंदोलन किया जा रहा।
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