
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला ! कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश भाजपा सरकार की बागवानी विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि वह बागवानों के धैर्य की परीक्षा लेने की कोशिश न करें। उन्होंने कहा है कि पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा बागवानी विकास के लिए दिए जाने वाले सभी प्रोत्साहन बन्द करके भाजपा सरकार का किसान व बागवान विरोधी चेहरा फिर से सामने आ गया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा कोटगढ़ में 22 जुलाई 1990 के जैसे आंदोलन के लिए बागवानों को मजबूर करने की कोशिश न करें जब तत्कालीन भाजपा सरकार के राज में बागवानों ने सेब के समर्थन मूल्य की मांग पर आंदोलन करते हुए अपने पांच बागवानों को खोना पड़ा था। इस कलंक से भाजपा कभी बच नही सकती। उन्होंने कहा कि भाजपा की सोच हमेशा पुंजीपमियों को लाभ देने की रही है और बागवानों को सदा ही भाजपा के राज में नुकसान ही उठाना पड़ा है। राठौर ने हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज मिशन के तहत बागवनी उपकरणों की खरीद पर दी जाने वाली ग्रांट बन्द करने की सरकार की कड़ी आलोचना की है।उन्होंने कहा है कि बागवानों को फफूंद व कीट नाशक पर मिलने वाले अनुदान को भी प्रदेश सरकार ने खत्म करके एक बड़ा बागवानी विरोधी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा हमेशा ही बागवान विरोधी रही है और अब यह बागवानों की दमनकारी भी बन गई है। राठौर ने कहा कि 1982 में जब प्रदेश में पहली बार स्केब ने दस्तक दी थी तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बागवानों को सस्ते दामों पर तुरंत ही फफूंद व कीट नाशक उपलब्ध करवाने की एक बड़ी योजना शुरू की थी।इसके तहत समय से पहले ही बागवानों को उत्तम गुणवत्ता के कीट व फफूंद नाशक उपलब्ध करवाए जाते थे और बागवान समय पर इन दवाओं का छिड़काव करते थे। उन्होंने कहा है कि आज प्रदेश सरकार ने परिस्थितियों को पूरी तरह बदल कर रख दिया है।न तो कीट नाशक समय पर मिल रहें है और न ही फफूंद नाशक।सरकार ने इन पर मिलने वाली आर्थिक सहायता को पूरी तरह बंद कर दिया है। राठौर ने आरोप लगाया है कि पिछले साल प्रदेश में स्केब के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह जिम्मेबार है।उन्होंने कहा कि बागवानी विशेषज्ञयों की सलाह के बाद भी सरकार ने समय पर फफूंद व कीट नाशक समय पर उपलब्ध नही करवाये और बागवानों की आधी से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई।उन्होंने कहा कि अब सरकार ने कीट व फफूंद पर मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर बागवानों को खुले बाजार से महंगी दरों पर खरीदने के लिए मजबूर कर दिया है। राठौर ने आरोप लगाया है कि बागवनी मंत्री ने हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी मिशन के तहत बागवनी उपकरणों की खरीद हेतु एक पैनल का गठन कर अपने लोगों को कोई लाभ देने व भ्रष्टाचार का मार्ग प्रसस्त कर दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार की किसानों व बागवानों के कल्याण के प्रति कोई सोच ही नही है और यही कारण है कि आज देश का किसान पिछले 52 दिनों से सड़कों पर आंदोलनरत है।उन्होंने कहा है कि नए कृषि कानून कृषकों को ही नही है बागवानों को भी नुकसान दायक है। राठौर ने प्रदेश सरकार पर पिछले दो सालों से मंडी मध्यस्थता के तहत बागवानों से खरीद किये सेब की 20 करोड़ की आदायगी जारी न करने पर भी रोष व्यक्त करते हुए सरकार से इसे तुरंत एकमुश्त जारी करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि इसकी पूरी अदायगी नकद व एकमुश्त बागवानों को की जानी चाहिए।
शिमला ! कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश भाजपा सरकार की बागवानी विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि वह बागवानों के धैर्य की परीक्षा लेने की कोशिश न करें। उन्होंने कहा है कि पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा बागवानी विकास के लिए दिए जाने वाले सभी प्रोत्साहन बन्द करके भाजपा सरकार का किसान व बागवान विरोधी चेहरा फिर से सामने आ गया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा कोटगढ़ में 22 जुलाई 1990 के जैसे आंदोलन के लिए बागवानों को मजबूर करने की कोशिश न करें जब तत्कालीन भाजपा सरकार के राज में बागवानों ने सेब के समर्थन मूल्य की मांग पर आंदोलन करते हुए अपने पांच बागवानों को खोना पड़ा था। इस कलंक से भाजपा कभी बच नही सकती। उन्होंने कहा कि भाजपा की सोच हमेशा पुंजीपमियों को लाभ देने की रही है और बागवानों को सदा ही भाजपा के राज में नुकसान ही उठाना पड़ा है।
राठौर ने हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज मिशन के तहत बागवनी उपकरणों की खरीद पर दी जाने वाली ग्रांट बन्द करने की सरकार की कड़ी आलोचना की है।उन्होंने कहा है कि बागवानों को फफूंद व कीट नाशक पर मिलने वाले अनुदान को भी प्रदेश सरकार ने खत्म करके एक बड़ा बागवानी विरोधी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा हमेशा ही बागवान विरोधी रही है और अब यह बागवानों की दमनकारी भी बन गई है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
राठौर ने कहा कि 1982 में जब प्रदेश में पहली बार स्केब ने दस्तक दी थी तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बागवानों को सस्ते दामों पर तुरंत ही फफूंद व कीट नाशक उपलब्ध करवाने की एक बड़ी योजना शुरू की थी।इसके तहत समय से पहले ही बागवानों को उत्तम गुणवत्ता के कीट व फफूंद नाशक उपलब्ध करवाए जाते थे और बागवान समय पर इन दवाओं का छिड़काव करते थे। उन्होंने कहा है कि आज प्रदेश सरकार ने परिस्थितियों को पूरी तरह बदल कर रख दिया है।न तो कीट नाशक समय पर मिल रहें है और न ही फफूंद नाशक।सरकार ने इन पर मिलने वाली आर्थिक सहायता को पूरी तरह बंद कर दिया है।
राठौर ने आरोप लगाया है कि पिछले साल प्रदेश में स्केब के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह जिम्मेबार है।उन्होंने कहा कि बागवानी विशेषज्ञयों की सलाह के बाद भी सरकार ने समय पर फफूंद व कीट नाशक समय पर उपलब्ध नही करवाये और बागवानों की आधी से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई।उन्होंने कहा कि अब सरकार ने कीट व फफूंद पर मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर बागवानों को खुले बाजार से महंगी दरों पर खरीदने के लिए मजबूर कर दिया है।
राठौर ने आरोप लगाया है कि बागवनी मंत्री ने हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी मिशन के तहत बागवनी उपकरणों की खरीद हेतु एक पैनल का गठन कर अपने लोगों को कोई लाभ देने व भ्रष्टाचार का मार्ग प्रसस्त कर दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार की किसानों व बागवानों के कल्याण के प्रति कोई सोच ही नही है और यही कारण है कि आज देश का किसान पिछले 52 दिनों से सड़कों पर आंदोलनरत है।उन्होंने कहा है कि नए कृषि कानून कृषकों को ही नही है बागवानों को भी नुकसान दायक है।
राठौर ने प्रदेश सरकार पर पिछले दो सालों से मंडी मध्यस्थता के तहत बागवानों से खरीद किये सेब की 20 करोड़ की आदायगी जारी न करने पर भी रोष व्यक्त करते हुए सरकार से इसे तुरंत एकमुश्त जारी करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि इसकी पूरी अदायगी नकद व एकमुश्त बागवानों को की जानी चाहिए।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -